हर वक्त बेचैनी और भटका ध्यान कर रहा है ADHD की ओर इशारा: जानें उपाय

ADHD यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक न्यूरोलॉजिकल कंडिशन है, जिसमें ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है, जरूरत से ज्यादा एक्टिविटी (हाइपरएक्टिविटी) होती है और किसी चीज पर लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल होता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि आपका ध्यान बार-बार क्यों भटकता है? मन एक जगह रुकता नहीं है, हर वक्त बेचैनी सी महसूस होती है, जैसे अंदर में बहुत कुछ चल रहा है। काम करने बैठते हैं, लेकिन दो मिनट में ही दिमाग किसी और तरफ भागने लगता है। कोई बात पूरी सुननी हो, तो बीच में ही ध्यान उचककर इधर-उधर कूदने लगता है। अगर ये सब बार-बार हो रहा है और आपकी ज़िंदगी पर असर डाल रहा है, तो यह Attention Deficit Hyperactivity Disorder (ADHD) के लक्षण हो सकते हैं।

इसे अक्सर बचपन की बीमारी समझ लिया जाता है, लेकिन हकीकत तो यह है कि यह बड़ों में भी देखने को मिलता है। फर्क सिर्फ इतना है कि बच्चों में ये शरारत और ज़्यादा एनर्जी के रूप में दिखता है, जबकि बड़ों में यह बेचैनी, फोकस की कमी और इमोशनल अप एंड डाउन के तौर पर सामने आता है। कई बार लोग इसे आलस्य, लापरवाही या गैर-जिम्मेदाराना रवैया समझ लेते हैं, लेकिन हकीकत में यह दिमाग के काम करने के तरीके से जुड़ी एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है।

लेकिन एक अच्छी बात यह है कि अगर इसे सही तरीके से मैनेज किया जाए, तो ADHD के साथ भी ज़िंदगी आसानी से जी जा सकती है। सही डायट, एक्सरसाइज, माइंडफुलनेस और प्रोफेशनल गाइडेंस से इस पर काबू पाया जा सकता है। तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ADHD आखिर है क्या और इससे बचने के उपाय क्या हैं।

ADHD क्या है? (ADHD kya hai?)

ADHD का अर्थ है अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक न्यूरोलॉजिकल कंडिशन है, जिसमें ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है, ज़रूरत से ज़्यादा एक्टिविटी (हाइपरएक्टिविटी) होती है, जिससे किसी चीज़ पर लंबे समय तक ध्यान टिकाए रहना मुश्किल होता है। इसके मुख्य लक्षण हैं ध्यान भटकना, किसी भी चीज़ पर लंबे समय तक फोकस नहीं कर पाना। पढ़ाई, बातचीत या काम के दौरान जल्दी बोर हो जाना। बिना वजह ज़्यादा दौड़-भाग करना, सीट पर बैठे-बैठे हिलना, बार-बार चीज़ों को छूना, बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देना, किसी की बात बीच में काट देना, जल्दी गुस्सा आ जाना या बिना सोचे कोई फैसला ले लेना। वैज्ञानिक मानते हैं कि अनुवांशिकता, ब्रेन स्ट्रक्चर और केमिकल्स, प्रेग्नेंसी के दौरान दिक्कतें या बचपन में सिर पर चोट जैसे फैक्टर इसकी वजह हो सकते हैं।

हर वक्त बेचैनी होती है और ध्यान भटकता रहता है, तो जानें आसान उपाय (Har waqt bechaini hota hai aur dhyan bhatakta rahta hai, to jaanein aasan upay)

रूटीन बनाएं और उसका पालन करें

ADHD से पीड़ित लोगों के लिए एक तयशुदा दिनचर्या काफी मददगार होती है। सुबह उठने से लेकर सोने तक का समय फिक्स करें। काम और आराम के समय को संतुलित करें। दिनभर के जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं और उसे पूरा करने की कोशिश करें। इससे आपको बेचैनी से राहत मिलेगी और आपका ध्यान नहीं भटकेगा।

छोटी-छोटी बातों को लिखें

ध्यान जल्दी भटकता है, इसलिए चीज़ें भूलने की आदत हो सकती है। इससे बचने के लिए नोट्स बनाने की आदत डालें। वहीं, मोबाइल में रिमाइंडर सेट करें। टू-डू लिस्ट बनाकर काम को प्राथमिकता दें।

माइंडफुलनेस और मेडिटेशन को अपनाएं

ध्यान केंद्रित करने और बेचैनी को कम करने के लिए माइंडफुलनेस बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। हर रोज़ 10-15 मिनट ध्यान करें। गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें। माइंडफुलनेस तकनीकों से धीरे-धीरे अपने विचारों को नियंत्रित करना सीखें।

शरीर को एक्टिव रखें

फिजिकल एक्टिविटी दिमाग को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। इसलिए हर दिन 30 मिनट व्यायाम करें। योग या स्ट्रेचिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। सुबह-सुबह टहलने जाएं।

स्मार्ट डाइट अपनाएं

खान-पान का सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। इसलिए प्रोसेस्ड और मीठे खाद्य पदार्थों से बचें। प्रोटीन युक्त और हेल्दी फैट वाले खाद्य पदार्थ खाएं। हरी सब्जियां, मेवे और मछली जैसी ब्रेन-बूस्टिंग चीजों को शामिल करें। कैफीन और एल्कोहल से बचें।

तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल करें

ADHD वाले लोगों के लिए डिजिटल गैजेट्स नुकसानदेह भी हो सकते हैं और मददगार भी। इसलिए फोकस बढ़ाने वाले ऐप्स का इस्तेमाल करें। वहीं, सोशल मीडिया और अनावश्यक नोटिफिकेशन से बचें। काम के दौरान डिस्ट्रैक्शन ब्लॉकिंग ऐप्स का इस्तेमाल करें।

ब्रेक लेना न भूलें

ADHD वाले लोगों के लिए लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करना बहुत मुश्किल हो सकता है। इसलिए हर 25-30 मिनट के बाद 5 मिनट का ब्रेक लें। छोटे-छोटे टारगेट सेट करें और उन्हें पूरा करने पर खुद को रिवॉर्ड दें। एक ही काम पर बहुत ज़्यादा समय तक न उलझे रहें।

पर्याप्त नींद लें

नींद की कमी ADHD के लक्षणों को और बढ़ा सकती है। इसलिए हर दिन 7-8 घंटे की नींद लें। वहीं, सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें और सोने का एक निश्चित समय तय करें।
अगर ध्यान भटकने और बेचैनी की समस्या ज़्यादा हो रही है, तो प्रोफेशनल मदद लेना बहुत ही अच्छा रहेगा। इसलिए किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें और सपोर्ट ग्रुप जॉइन करें।

इस आर्टिकल में हमने ADHD के बारे में बात की।यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।