आप अगर अभी अपने चारों ओर नज़र घुमाकर देखेंगे, तो आपको अपने आस-पास बहुत सारी प्लास्टिक दिख जाएंगी। फिर वो प्लास्टिक किसी पानी की बोतल के रूप में हो, या घर में इस्तेमाल होने वाली अलग-अलग चीज़ों के रूप में हो। 20वीं सदी में प्लास्टिक को विज्ञान का चमत्कार माना गया था, और अब 21वीं सदी में यह चमत्कार, हम सभी के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बन गया। प्लास्टिक केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी प्रकृति के लिए ही खतरनाक है। प्रकृति का हर जीव-जंतु, भूमि, समुद्र और हवाएं, प्लास्टिक के उपयोगों का खामियाजा भुगत रहे हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण में सबसे ज़्यादा योगदान प्लास्टिक की थैलियों का होता है, जिन्हें हमसे अपने जीवन का एक अहम हिस्सा बना रखा है। पर क्या आप जानते हैं? एक सिंगल प्लास्टिक की थैली सौ साल तक नष्ट नहीं होती। अब आप सोचिए जहां हम इतनी सारी प्लास्टिक यूज कर रहे हैं, तो इसका पर्यावरण को कितना भारी नुकसान पहुंचता होगा। प्लास्टिक से केवल पर्यावरण को ही नहीं बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी को भी है खतरा है। इन खतरे को रोकने के लिए हमें प्लास्टिक मुक्त जीवन जीने की ओर ध्यान देना होगा। प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस, (International Plastic Bag Free Day) मनाया जाता है। तो चलिए प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस के बारे में और जानते हैं।
हम प्लास्टिक को कितना अपना चुके हैं? (Hum plastic ko kitna apna chuke hain?)
प्लास्टिक बैग के अलावा पानी की बोतलें, चिप्स और अन्य खाने की चीज़ों के पैकेट्स और डिस्पोजल बर्तनों का इस्तेमाल करना हमारे लिए आम सी बात है। पर यही आम बात हमारे लिए कितनी नुकसान देह है, इस ओर तो कभी हम सोचते ही नहीं। हाथ में सामान की बहुत सी प्लास्टिक थैलियों को पकड़ने के बाद भी हम दुकानदार से एक और बड़ी प्लास्टिक थैली मांगते हैं, जबकि हम अपने साथ कपड़े का बना थैला रख सकते हैं। बाहर पानी की डिस्पोजेबल बोतलों को खरीदने की जगह, हम घर से स्टील या मिट्टी की बोतल में पानी रख सकते हैं, पर हम तो प्लास्टिक का इस्तेमाल करना ही सही समझते हैं।
पर हमारी ये कभी न बदलने वाली आदतों के चलते, हम हर साल 380 मिलियन टन से ज़्यादा प्लास्टिक का उत्पादन कर रहे हैं, और रिपोर्ट बताती हैं कि इसका 50% हिस्सा एकल-उपयोग यानी सिंगल यूज उद्देश्यों के लिए है, जिसका उपयोग सिर्फ कुछ पलों के लिए किया जाता है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2021 एक रिसर्च के अनुसार एक इंसान साल भर में लगभग 15 किलो प्लास्टिक अकेला उपयोग करता है, और यह अनुमान भी लगाया गया है कि हर साल 10 मिलियन टन से ज़्यादा प्लास्टिक हमारे महासागरों में फेंका जाता है।
सिर्फ प्लास्टिक के उपयोग तक बात खत्म नहीं होती, एक अध्ययन में तो यह भी पता लगाया गया है कि वैश्विक स्तर पर, अगल-अलग तरीके से सप्ताह भर में 0.1-5 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक यानी प्लास्टिक के बहुत छोटे-छोटे कण एक इंसान के शरीर में जाते हैं। जिसके शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Wellness) पर बहुत बुरे असर देखने को मिलते हैं।
देखा जाए तो हम प्लास्टिक पहन रहें हैं, खा रहें हैं, सूंघ रहें हैं और प्लास्टिक के बीच फंसी धरती पर जीवन जी रहें हैं। एक दिन ये प्लास्टिक का जाल हम सब का जीना मुश्किल कर देगा।
अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस है ज़रूरी (International Plastic Bag Free Day hai zaroori)
प्लास्टिक के आदि हो चुके हम, यह बात भूल जाते हैं कि प्लास्टिक पूरी दुनिया के लिए ही खतरनाक है। दुनिया भर में हर साल लगभग 500 बिलियन प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाता है। हर मिनट में दस लाख से ज़्यादा प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाता है।
एक प्लास्टिक बैग का औसत कार्य जीवन 15 मिनट का होता है। पिछले दस सालों में हमने पहले की तुलना में सबसे ज़्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल किया है। देश में रोज़ाना करीब 26 हज़ार टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। इसमें से 60% ही रिसाइकल हो पाता है और बाकी बचा हुआ कचरा आज भी समुद्रों की सतह पर तैर कर, जीव-जंतुओं और प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस बनाने की शुरुआत की गई है। प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पहली बार साल 2009 मनाया गया था। प्लास्टिक के खिलाफ यह ग्लोबल स्तर पर की गई एक पहल है, इसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाते हुए प्लास्टिक बैग के उपयोग को ख़त्म करना है।
अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस कब मनाया जाता है? (Antarashtriya Plastic Bag Mukt Divas kab manaya jata hai?)
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोगों को बंद करने और दुनिया को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हर साल 3 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है।
अपने पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ पेड़ लगाना काफी नहीं है, हमें अपने पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त भी बनाना होगा और प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस का भी यही उद्देश्य है।
प्लास्टिक के नुकसान (Plastic ke nuksaan)
प्लास्टिक हमारे वातावरण को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। वायु प्रदूषण के साथ-साथ प्लास्टिक से जल व भूमि प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर होता है, क्योंकि प्लास्टिक से बारिश का पानी ज़मीन के अंदर नहीं जा पाता। प्लास्टिक कई सालों तक नष्ट नहीं होता है, जिसकी वजह से सालों तक वातावरण को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। प्लास्टिक को जलाने से खतरनाक गैसें निकालती हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है।
प्लास्टिक जब धूप की अल्ट्रावॉयलेट किरणों के संपर्क में आती हैं, तब भी उनसे ग्रीन हाउस गैस निकलती हैं, जो वायु प्रदूषण का एक और कारण है। ये पालतू पशुओं से लेकर वन्यजीवों और समुद्री जीवों तक के लिए खतरनाक हैं।
प्लास्टिक बैग्स में इस्तेमाल किया गया डाई, खाने को जल्दी खराब कर देता है और प्लास्टिक के बर्तन में खाने से हम कई माइक्रोप्लास्टिक भी खाने के साथ खा लेते हैं।
कुछ अध्ययनों से लगातार पता चला है कि कैंसर के लक्षणों और पुरानी फेफड़ों की बीमारी वाले रोगियों के फेफड़ों के नमूनों में प्लास्टिक के कण पाए गए हैं। इसके साथ ही प्लास्टिक सांस की बीमारियों का एक बड़ा कारण है। प्लास्टिक के उपयोग से ही हम ग्लोबल वार्मिंग जैसी खतरनाक समस्या से सदियों से जूझ रहे हैं। इसलिए हमें प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस की ओर ध्यान देना चाहिए और अपने जीवन से प्लास्टिक को निकाल कर बाहर कर देना चाहिए।
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