मैं एक कॉन्टेन्ट राइटर हूं। मेरा हर दिन फोन पर घंटों मीटिंग करने और लैपटॉप के स्क्रीन पर सारा दिन आंखें गड़ाए रखने में गुज़र जाता है। ये स्क्रीन्स मुझे और मेरी आंखों को इतना थका देती हैं कि ऑफिस टाइम खत्म होते ही, मैं लैपटॉप को बंद करके एक कोने में रख देती हूं और अपने फोन से पूरी तरह से दूरी बना लेती हूं। मैं ऐसा इसलिए करती हूं ताकि मैं पूरे दिन की थकान के बाद खुद को और अपनी आंखों को थोड़ा आराम दे सकूं। अपने वीकेंड्स पर भी अपने फोन और अपनी ज़िंदगी में मौजूद अन्य डिजिटल उपकरणों को मैं पूरी तरह भूल जाना पसंद करती हूं और इन डिजिटल उपकरणों की जगह मैं कहीं बाहर घूमना या किताबें पढ़ना पसंद करती हूं।
मैं ये बात यकीन से कह सकती हूं कि सिर्फ मैं ही नहीं, मेरी तरह आपका भी पूरा दिन सिर्फ लैपटॉप, फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों से बीच गुज़रता होगा। पर क्या आप जानते हैं, जहां ये उपकरण हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनें हुए हैं, वहीं ये हमारे लिए बहुत खतरनाक भी हैं। इन डिजिटल उपकरणों की लत और इनसे होने वाले खतरों से बचने के लिए हफ्ते में कम से कम एक दिन डिजिटल डिटॉक्स करना बहुत ज़रूरी है। तो चलिए सोलवेदा के साथ जानते हैं कि डिजिटल डिटॉक्स क्या है और डिजिटल डिटॉक्स (Digital Detox in hindi) से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें।
हमें बीमार कर रहे हैं उपकरण (Humein beemar kar rahein hain upakaran)
आज कल की बढ़ती टेक्नोलॉजी ने मानव जीवन को बहुत हद तक आसान कर दिया है। पहले जहां किसी काम को करने में घंटों लगते थे, वहीं सोशल मीडिया और डिजिटल उपकरणों की वजह से सारे काम मिनटों में पूरे हो जाते हैं। आज-कल हर छोटे-बड़े काम के लिए हम इन उपकरणों पर निर्भर हो गये हैं। हमें इन उपकरणों की ऐसी लत लगी है कि हम इनका साथ एक मिनट के लिए भी छोड़ना नहीं चाहते।
ये उपकरण हमारी ज़िंदगी की ऐसी ज़रूरत बन चुके हैं, जिसके लिए हम बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने में बिल्कुल भी नहीं झिझकते। हमें इस बात का बिल्कुल एहसास भी नहीं है कि ये उपकरण हमें बहुत-सी मानसिक और शारीरिक बीमारियों का शिकार भी बना रहे हैं। डिजिटल उपकरणों के उपयोग पर की गई बहुत-सी रिसर्च में ये सामने आया कि डिजिटल उपकरणों का ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग दिल की बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह है और इसके लगातार उपयोग से दिल का दौरा पड़ना भी एक आम बात हो चुकी है।
इसके अलावा डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से आंखों की समस्या भी सामने आ रही है। हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं, जो स्क्रीन के ज़्यादा उपयोग के बाद आंखों में जलन और दर्द महसूस करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य की बात करें तो डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से सबसे ज़्यादा भूलने की बीमारियां, अपनी भावनाओं और गुस्से को नियंत्रित न कर पाना और बहुत-सी मानसिक बीमारियां जैसे- एंग्जाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
डिजिटल डिटॉक्स के फायदे (Digital Detox ke fayde)
हमने बॉडी डिटॉक्स के बारे में तो बहुत सुना है, पर क्या आप जानते हैं, डिजिटल डिटॉक्स भी हमारे लिए एक ज़रूरी चीज़ है। जैसे हम बॉडी डिटॉक्स से शरीर के अंदर की सफाई करते हैं, वैसे ही डिजिटल डिटॉक्स हमारे शरीर और दिमाग दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। डिजिटल डिटॉक्स से हमारे दिमाग को कुछ पल की शांति मिलती है और हमें हमारी ज़िंदगी के अन्य पहलुओं पर ध्यान देने का मौका भी मिलता है, जिनके बारे में हमने डिजिटल उपकरणों की वजह से सोचना ही छोड़ दिया था। जैसे कि हमारे आपसी रिश्ते, परिवार और प्राकृतिक चीज़ें।
एक दिन उपकरणों से दूरी है डिजिटल डिटॉक्स (Ek din upakaranon se doori hai Digital Detox)
हमने डिजिटल वस्तुओं का ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग करने के नुकसान और डिजिटल डिटॉक्स के फायदों को तो जान लिया, पर ये डिजिटल डिटॉक्स आखिर है क्या, ये अब तक नहीं जाना। तो चलिए मैं आपको डिजिटल डिटॉक्स के बारे में बताती हूं। दरअसल, डिजिटल डिटॉक्स कुछ समय के लिए डिजिटल उपकरणों से दूरी बना लेना है। ये दूरी एक दिन की भी हो सकती है या एक हफ्ते की भी, ये पूरी तरह से आप पर निर्भर है कि आप खुद को कितनी देर तक डिजिटल उपकरणों से दूर रखकर अपने दिमाग को आराम देना चाहते हैं।
आपको पता है, जब हम सोशल मीडिया पर घंटों वीडियोज़ देख कर टाइम पास कर रहे होते हैं, तब हम टाइम पास नहीं, बल्कि खुद को और भी ज़्यादा थका रहे होते हैं। हमारा दिमाग उपकरणों के इस्तेमाल के दौरान बुरी तरह दौड़ रहा होता है, जिससे न केवल वो थक जाता है, बल्कि हमारे पेशेन्स लेवल को भी कम कर देता है। खुद को उपकरणों पर निर्भर रहने और हर पल इनका इस्तेमाल करने से बचाने के लिए, चलिए एक दिन डिजिटल डिटॉक्स का सहारा लेते हैं।
डिजिटल डिटॉक्स कैसे करें? (Digital Detox kaise karein?)
डिजिटल डिटॉक्स करने के लिए आपको कोई पहाड़ तोड़ने की ज़रूरत नहीं है। बस अपने प्यारे और चहेते उपकरणों से थोड़ी दूरी बनाने की ज़रूरत है। हां, मैं मानती हूं अपने मोबाइल फोन या टैबलेट से एक पल भी दूर रहना, पहाड़ तोड़ने से भी ज़्यादा मुश्किल काम है, पर अगर आप स्वस्थ दिमाग और शरीर चाहते हैं तो आपको ये करना पड़ेगा।
एक दिन के लिए अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, प्रिंटर, एलेक्सा, वीडियो गेम्स जैसे डिजिटल उपकरणों को बिल्कुल भूल जाइए। अगर ऐसा करना मुश्किल है, तो थोड़ी-सी कोशिश से शुरू करिए। जब भी मोबाइल छूने का मन करें तो खुद को व्यस्त करने के लिए किसी किताब को पढ़ने बैठ जाएं या अपना कोई पसंदीदा आउटडोर गेम खेलने निकल जाएं। किसी हरे-भरे और शांत पार्क में जाकर समय बिताने की कोशिश करें। वहां मौजूद लोगों से बात करें। आप अपने दोस्तों और परिजनों से मिलने जा सकते हैं या फिर कहीं बाहर घूमने का प्लान बना सकते हैं। अपने लिए पसंदीदा खाना बनाना भी खुद को व्यस्त रखने का एक अच्छा तरीका है, और अगर कुछ भी मन न करें तो थोड़ी देर नींद ले लेना भी डिजिटल डिटॉक्स करने में मददगार साबित होगा।
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