जानें गार्डनिंग कैसे रखती है भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल?

हमारी छत या आंगन का वो कोना जिसे हमने बहुत सारे छोटे-छोटे पौधों के नाम कर रखा है, क्या आप जानते हैं वो हमारी भावनाओं को भी संजो कर रखते हैं?

मुझे पौधे लगाने का बहुत शौक है। इस शौक के चलते ही मैंने अपनी छत के एक सुरक्षित कोने को अपना गार्डन बना रखा है, उस गार्डन में बड़े-छोटे रंग-बिरंगे गमले है, और उन गमलों में लगे हैं बहुत से नन्हें पौधे। मेरे गार्डन में गुलाब, गेंदा और सदाबहार फूलों के साथ कुछ सब्जियां भी उगी हुई हैं। धनिया, पालक और मिर्ची के साथ-साथ मैंने टमाटर और बैंगन के पौधे भी लगा रखे हैं। ये सारे पौधे सिर्फ मेरी छत की शोभा नहीं बढ़ाते बल्कि जब मैं उनमें लगी सब्जियां अपनी किचन में इस्तेमाल करती हूं, तो मुझे एक अलग ही खुशी भी देते हैं।

मेरी तरह आप में से भी बहुत से लोग ऐसे होंगे जिन्हें होम गार्डनिंग पसंद होगी। हमारी छत या आंगन का वो कोना जिसे हमने बहुत सारे छोटे-छोटे पौधों के नाम कर रखा है, क्या आप जानते हैं वो हमारी भावनाओं को भी संजो कर रखते हैं? अगर नहीं जानते, तो मैं आपको आज के आर्टिकल में बताऊंगी कि कैसे गार्डनिंग हमारे भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल रखती है।

पेड़-पौधे लगाएं और मन को रखें प्रसन्न (Ped-paudhe lagayein aur man ko rakhein prasann)

पेड़ों के महत्व को समझाने के लिए हमें अक्सर बताया जाता है कि पेड़-पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है। हमारे पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़-पौधे बहुत ज़रूरी है। उनसे हमारा पर्यावरण संतुलन बना रहता है। हवा साफ होती है, और ऑक्सीजन की मात्रा कम नहीं होती। यहां तक कि पृथ्वी पर पानी का स्तर बढ़ाये रखने के लिए भी पेड़-पौधे बहुत ज़रूरी है। ये सब बातें हमारे लिए बार-बार जानना, इसलिए भी ज़रूरी है ताकि हम पेड़-पौधों की ज़रूरत को समझ सकें और अपने आंगन में या आस-पास ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं और दूसरों को भी पेड़-पौधे लगाने के लिए जागरूक करें। इन बढ़ते हुए पेड़-पौधे को देखकर हमारा मन हमेशा प्रसन्न रहेगा।

जानें बागवानी का महत्व (Jaanein baagwani ka mahatv)

बागवानी या गार्डनिंग शौकिया तौर पर घर के एक हिस्से में लगाए गए पेड़-पौधे हैं। गार्डनिंग या बागवानी का महत्व बहुत है, क्योंकि जब हम गार्डनिंग करते हैं तो इससे न केवल हमें पेड़-पौधे लगाने के फायदे मिलते हैं, बल्कि शारीरिक स्वस्थता (Physical Wellness) के तौर पर हम एक्टिव रहते हैं। अगर पेड़-पौधे धूप में लगे हुए हैं तो उनमें पानी देने के लिए या उनका रख-रखाव करने के लिए हमें धूप में जाना ही पड़ता है, जिससे हमें विटामिन डी मिल जाती है। खुद उगाई गई सब्जियां पूरी तरह पौष्टिक और केमिकल फ्री होती हैं, जो हमारे लिए स्वादिष्ट और सेहतवर्धक होती हैं।

घर में लगे पौधे घर की हवा को साफ रखते हैं और ध्वनि प्रदूषण को भी नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा गार्डनिंग के बहुत से मानसिक और भावनात्मक फायदे भी हैं, जो मैं आपको आगे बताऊंगी।

भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान ऐसे रखती है बागवानी (Bhavnatmak swasthya ka dhyan aise rakhti hai baagwani)

बागवानी पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी ज़रूरी होती है। आइए जानें भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखती है बागवानी।

गुस्सा कम होता है

बागवानी या गार्डनिंग करने से हमारी भावनाएं नियंत्रित रहती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि जो लोग होम गार्डनिंग करते हैं, उन्हें गुस्सा कम आता है।

भावनाओं को संभालना

गार्डनिंग करने से भावनात्मक मजबूती मिलती है। घर में पेड़-पौधे लगाकर, उनकी देखभाल करने वाले लोग दूसरों की भावनाओं की कद्र करते हैं और अपनी भावनाओं को खुल कर कह पाते हैं।

प्यार करना आता है

गार्डनिंग में पेड़-पौधों का ख्याल एक बच्चे की तरह रखना पड़ता है। सुबह-शाम उनमें पानी देना और उनका रख-रखाव करना ज़रूरी होता है। जिन लोगों में गार्डनिंग के ये सारे गुण होते हैं, वो प्यार के मामले में भी बहुत अच्छे होते हैं। जैसा कि मैंने ऊपर लिखा उन्हें भावनाओं की कद्र करना आता है, और वो प्यार के मामले में विश्वास करने लायक होते हैं।

गार्डनिंग से बढ़ती है एकाग्रता

गार्डनिंग का गुण हमारी एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे दिमाग में नए-नए विचार जन्म लेते हैं और हम तेज़ दिमाग के बनते हैं।

तो देखा आपने होम गार्डनिंग हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का कितना ध्यान रखती है। अगर आपने अभी तक गार्डनिंग नहीं की है, तो अब शुरू कर दीजिए, क्योंकि यह बिल्कुल सही समय है जब आप अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं।

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