भीतर से स्वस्थ और बाहर से आकर्षक बनाएगा योग और आयुर्वेद, जानें कैसे?

आयुर्वेदिक दवाइयां पेड़-पौधों की छालों और जड़ों से बनी होती थीं, जिसके शरीर पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते थे। हमारे ऋषि मुनियों ने योग और आयुर्वेद की खोज की और इसे अपने आगे आने वाली पीड़ियों तक पहुंचाया।

योग और आयुर्वेद के बारे में लिखते हुए, मैं हर बार इसी बात पर ज़ोर देती हूं कि आज या कल से नहीं बल्कि युगों-युगों से योग और आयुर्वेद हमारे जीवन का हिस्सा बना हुआ है। 

पहले के ज़माने के लोग जब भी शारीरिक और मानसिक तौर पर बीमार महसूस करते थे, तो इलाज के लिए योग करते थे, और आयुर्वेदिक दवाईयों को लेते थे। आयुर्वेदिक दवाइयां पेड़-पौधों की छालों और जड़ों से बनी होती थीं, जिसके शरीर पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते थे। हमारे ऋषि मुनियों ने योग और आयुर्वेद की खोज की और इसे अपने आगे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया। अब हमारा फर्ज़ बनता है कि हम उनके योगदानों को आगे बढ़ाएं, और इसके लाभ लें। 

तो चलिए जानते हैं योग और आयुर्वेद का महत्व और हमारे शरीर को कैसे योग और आयुर्वेद बाहर से आकर्षक और अंदर से स्वस्थ बनाता है। 

जानें आयुर्वेद का महत्व (Jaanein ayurveda ka mahatv)

आयुर्वेद की मानें तो हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए उसका इलाज भी उसी हिसाब से होता है। आयुर्वेद से सिर्फ बीमारियों का इलाज नहीं होता, बल्कि उन्हें होने से रोका भी जाता है। आयुर्वेद के साथ-साथ अगर हम सही दिनचर्या का पालन करें और अपने खान-पान का ध्यान रखें तो हम अपने शरीर को स्वस्थ (Physical Wellbeing) रख सकते हैं।

आयुर्वेद हमारे देश की एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसकी खोज ऋषि मुनियों ने की। आयुर्वेद केवल बीमारियों का इलाज करने की बजाय शरीर, मन, और आत्मा के बीच संतुलन बनाने पर ध्यान देता है। इसमें जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक चीज़ें जैसे- पेड़-पौधे की छाल और जड़ों का इस्तेमाल होता है, जिससे शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

आयुर्वेद का महत्व बहुत है, फिर भी इसमें एक कमी बताई जाती है कि आयुर्वेद धीरे-धीरे असर करता है। लेकिन मैं आपको बता दूं कि भले ही आयुर्वेद धीरे असर करता हैं, लेकिन इसका असर लंबे समय तक रहता है, और इसमें बीमारी को जड़ से खत्म करने की ताकत होती है। आयुर्वेद के ज़रिए हम ना सिर्फ मौजूदा बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि भविष्य में बीमार पड़ने से भी बच सकते हैं।

योग का महत्व (Yoga ka mahatv)

शरीर और मन को स्वस्थ रखना है तो योग को अपने जीवन में अपना लीजिए। अगर हम योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें तो शरीर मजबूत और लचीला बनता है, और बीमारियों से बचाव होता है। योग में मन को शांत और तनाव कम करने की शक्ति है। 

योग का ही एक हिस्सा है प्राणायाम। प्राणायाम में हमारा पूरा ध्यान सांसों पर होता है, जिससे मन की एकाग्रता बढ़ती है और भावनाओं पर काबू पाना आसान हो जाता है। यह हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है और इसे किसी भी समय और कहीं भी किया जा सकता है। हालांकि, सुबह के वक्त किया हुआ योग बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि योग से शरीर और मन में संतुलन बना रहता है, जिससे दिन भर ताज़गी और सकारात्मकता महसूस होती है।

योग-आयुर्वेद के शारीरिक और मानसिक फायदे (Yog-ayurveda ke sharirik aur mansik fayde)

आइये जानें, भीतर से स्वस्थ और बाहर से आकर्षक कैसे बनाएगा योग और आयुर्वेद: 

शारीरिक मजबूती

आपको जानकर खुशी होगी कि आप रख सकते हैं योग और आयुर्वेद से तन-मन का ख्याल। योग के लगातार अभ्यास से शरीर लचीला और मजबूत बनता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द से राहत मिलती है। आयुर्वेदिक दवाओं में बीमारी को जड़ से खत्म करने की ताकत होती है।

मानसिक मजबूती 

योग में ध्यान और गहरी सांसों पर ध्यान देने से मन शांत होता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है। आयुर्वेद के प्राचीन तरीकों में आयुर्वेदिक थेरेपीज होती हैं, जिसने मानसिक बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।

इम्युन सिस्टम की मजबूती 

योग औऱ आयुर्वेद शरीर के आंतरिक अंगों को मजबूत करता है, खून को सही तरह से फ्लो करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को भी सही रखता है। रोज़ योगा करने से शरीर लचीला बनता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

बाहरी सुंदरता का ख्याल 

योग से त्वचा में निखार आता है, क्योंकि यह तनाव कम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। योग हमारे शरीर को हर तरह से फायदा देता है, जिससे व्यक्तित्व में भी निखार आता है। वहीं, आयुर्वेद में प्राकृतिक इलाज से त्वचा, बाल और शरीर की देखभाल की जाती है।

क्या आपने योग और आयुर्वेद को अपने जीवन में किया है शामिल, हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।