देश के महान कवि

विश्व कविता दिवस पर जानें देश के महान कवियों के बारे में

कविता बस सोचने के लिए ही मजबूर नहीं करती है। यह मन में बस कर सोच को बदलने की क्षमता रखती है। यह निश्चल है और निष्पक्ष भी है। कविता बिछड़न नहीं सह पाती है, वो तो बिछड़ते ही सिसक पड़ती है और उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं।

कविता, जिसमें प्रेम भी है और क्रांति भी। कविता हमें जीवन जीने की कला सिखाती है, तो लड़ने की ताकत भी देती है। कविता हमें कभी अकेला नहीं होने देती है। कविता के ज़रिए हम काफी कम शब्दों में हर चीज़ बयां कर देते हैं। कविता भटके हुए मुसाफिर को रास्ता बताती है, हर तरह की मुहब्बत को शक्ति देती है। कविता हमारे सपनों को भी पूरा करने में हमारी मदद करती है।

दुनिया की खूबसूरती को भी हम कविता में बहुत ही आसानी से बयां कर देते हैं। महिलाओं के सपनों की डोर भी कहीं न कहीं कविताओं से बंधी है। दूसरी ओर पुरुषों के डर को भी कविता ने अपने मजबूत कंधों का सहारा दिया है। इस दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जिनके लिए कविता ऑक्सीजन की तरह है। एक तरह से कहें, तो कविता से हम हैं और हम से कविताएं। कविता (poetry in hindi) किसी भी भाषा की क्यों न हो उसकी अपनी संवेदना होती है, जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है।

कविता की महिमा को याद रखते हुए एक खास दिन मनाया जाता है, जिसका नाम है विश्व कविता दिवस। तो चलिए इस विश्व कविता दिवस के अवसर पर सोलवेदा हिंदी आपको कविता का महत्व तो बताएगा ही, साथ ही हम आपको देश के तत्कालीन महान कवियों की भी जानकारी देंगे।

कब मनाया जाता है विश्व कविता दिवस? (Kab manaya jata hai Vishv Kavita Divas?)

विश्व कविता दिवस हरेक साल 21 मार्च को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत पहली बार 1999 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन की ओर से की गई थी। कवियों और कविता की महिमा को भाव पूर्ण तरीके से सम्मान देने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन कई संस्थाओं से लेकर सरकार की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

विश्व कविता दिवस को मनाने का उद्देश्य सभी भाषा की कविताओं का प्रचार और प्रसार करना है। इस दिन लेखकों के साथ-साथ प्रकाशकों का उत्साह बढ़ाया जाता है। साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है कि वो अच्छा काम कर रहे हैं। कविता का इतिहास काफी अच्छा रहा है, इसका वर्तमान और भविष्य भी इसी तरह का हो, इसे लेकर प्रचार-प्रसार किया जाता है।

कविता के हैं अनेक रूप (Kavita ke hain anek roop)

कविता बस सोचने के लिए ही मजबूर नहीं करती है। यह मन में बस कर सोच को बदलने की क्षमता रखती है। यह निश्चल है और निष्पक्ष भी है। कविता बिछड़न नहीं सह पाती है, वो तो बिछड़ते ही सिसक पड़ती है और उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं। कविता कल्पनाओं में डूबकी भी लगवाती है, तो उससे निकलने का रास्ता भी दिखाती है। कविता में सुंदरता भी और यह रणभूमि में उतरने की प्रेरणा भी देती है।

जानें देश के महान कवियों के बारे में (Jaanein desh ke mahan kaviyon ke bare mein)

हरिवंश राय बच्चन

हरिवंश राय बच्चन की सबसे फेमस रचना मधुशाला है। मधुशाला के शब्द और भाव का नशा आज भी लोगों के सर चढ़ कर बोलता है। उनका जन्म 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। उन्होंने ओथेलो, मैकबेथ, रुबाइयां, भगवत गीता और यीट्स की कविताओं का अनुवाद भी किया है। उनको साहित्य अकादमी, सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार, पद्मभूषण सहित कई अन्य पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया। उनकी मृत्यु 18 जनवरी 2003 को हुई।

रामधारी सिंह दिनकर

रामधारी सिंह दिनकर को राष्ट्रकवि भी कहा जाता है। उनको वीर रस का सबसे प्रमुख कवि माना जाता है। उनकी रचना में प्रेम और आपसी संबंधों पर भी कविताएं हैं। उनका जन्म बिहार के सिमरिया में 23 सितंबर 1908 को हुआ था। उनकी प्रमुख रचआओं उर्वशी और कुरुक्षेत्र है, जिसे ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। उन्हें पद्मविभूषण से भी नवाज़ा गया था। 24 अप्रैल 1974 को उनका निधन हो गया।

कबीर

कबीर की एक सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वो बहुत ही सरल और आसान शब्दों में अपनी बातें कह जाते थे। उनकी कविताएं सभी लोगों को बहुत ही आसानी से समझ आ जाती थी। उन्होंने राम और रहीम के एक होने की बात कही। उन्होंने निर्गुण भक्ति आंदोलन का शुरुआत की। उनकी प्रेम से भरी कविताओं को आज भी बहुत ही प्यार से गाया जाता है। उनका जन्म 1440 ईस्वी में हुआ था और उनकी मृत्यु 1518 ईस्वी के आस-पास हुई थी।

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा कहा जाता है। उन्होंने आज़ादी आंदोलन में भाग लिया था। साथ ही वह बौद्ध धर्म से प्रभावित थीं। उनकी प्रमुख रचनाओं में दीपशिखा, हिमालय, नीरजा, निहार, रश्मिगीत हैं। उन्हें छायावाद के प्रमुख कवियों में गिना जाता है। महादेवी वर्मा का जन्म 1907 में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ था। उनकी मृत्यु 11 सितंबर 1987 को प्रयागराज में हुई थी।

मैथिलीशरण गुप्त

पद्मविभूषण से सम्मानित मैथिलीशरण गुप्त को राष्टकवि भी कहा जाता है। उन्होंने अपनी कविताओं में खड़ी बोली का काफी उपयोग किया है। उनका महाकाव्य साकेत हिंदी साहित्य के लिए मील का पत्थर है। उनकी प्रमुख रचनाओं में जयद्रथ वध, भारत-भरती, यशोधरा प्रमुख हैं। मैथिलीशरण गुप्त का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में तीन अगस्त 1886 को हुआ था। वहीं, उनकी मृत्यु 12 दिसंबर 1964 को हुई थी।

रवींद्रनाथ टैगोर

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर दुनिया के ऐसे पहले लेखक हैं, जिनकी लेखनी तीन देशों के राष्ट्रगान में नज़र आती है। उन्होंने बांग्ला में जन गण मन लिखा, जिसे बाद में भारत में राष्ट्रगान बना दिया गया। वहीं, बांग्लादेश के राष्ट्रगान आमान सोनार बांग्ला भी उन्हीं की कविता से ली गई है। श्रीलंका के राष्ट्रगान में भी उनकी कविता नजर आती है। भारत के पहले साहित्यकार हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाज़ा गया था। उनका जन्म सात मई 1861 को बंगाल के ठाकुरबाड़ी में हुआ था। वहीं, सात अगस्त 1941 को उनकी मृत्यु हो गई।

इनके अलावा भी भारत में कई महान कवि हुए, जिनमें सुमित्रानंदन पंत, माखनलाल चतुर्वेदी, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, अब्दुल रहीम खान-ए-खाना सहित अन्य। वहीं, आज के समय में भी कई ऐसे कवि हैं, जिनकी कविताएं लोगों के मन और दिल को छू जाती हैं, जैसे-पीयूष मिश्रा, मानव कौल, वरुण ग्रोवर आदि।

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