गुलज़ार की शायरी

तपती गर्मी में ठंडी हवा जैसे हैं गुलज़ार के ये 10 शेर

गुलज़ार की शायरी में ज़िंदादिली भी है और एक मासूमियत भी है। जिस तरह वो इन शायरी को डूब कर लिखते हैं, उसी तरह उसे पढ़ने वाला भी एक-एक शब्द की गहराई में डूब कर उसे महसूस करता है।

गुलज़ार अकेले ऐसे लेखक हैं, जिन्होंने हिंदी और उर्दू के बीच के फर्क को मिटा दिया। उन्होंने हिंदुस्तानी यानी आम बोलचाल की भाषा को अपनी शायरी और गीतों की जुबान बनाया। वह एक ऐसे शायर हैं, जो हमेशा पढ़े और सुने जाएंगे। एक तरह से कहें, तो उनकी लेखनी हमेशा एक मिशाल के तौर पर पेश की जाएगी। उनके बारे में अगर एक लाइन में कहा जाए, तो यह है कि वे सादगी और संयम-भरे शब्दसाधक हैं।

अपने उम्दा शब्दों से उन्होंने प्रेम, निराशा, दिल टूटने और ज़िंदगी की भावनाओं को लोगों के सामने रखा है। उनके लिखे हुए शब्दों को पढ़ना ही अपने आप में अद्भुत और अविश्वसनीय एहसास हैं। तो सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में मैं आपको गुलज़ार की शायरी (Gulzar ki shayari in hindi) की लिस्ट से 10 ऐसे शेर से रूबरू कराऊंगा, जिसे पढ़कर आपको इस तपती गर्मी में ठंडी हवा का एहसास होगा।

गुलज़ार की शायरी , जिसे पढ़ते ही दिल को पहुंचती है ठंडक (Gulzar ki shayari, jise padhte hi dil ko pahunchti hai thandak)

आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।

इस गुलज़ार की शायरी में गुलज़ार ने एकाकी के बारे में वर्णन किया है। उन्होंने बताने की कोशिश की है कि सब के जीवन में एक समय आता है, जब वो अकेला होता है। ऐसे में उससे निराश होने की ज़रूरत नहीं है बल्कि उस एकाकी में भी अपने आप को पॉजिटिव तरीके से ढालना चाहिए।

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है,
भूल जाता है कि आधा चांद भी खूबसूरत होता है।

गुलज़ार की शायरी में ज़िंदगी बसती है। उन्होंने इस शेर में बताने का प्रयास किया है कि जीवन एक रेस है। इसमें हमेशा खुशी ही मिले यह ज़रूरी नहीं है। जब कुछ अधूरा भी मिले या ना भी मिले, तो उसमें भी खुद को खुश रखें। उन्होंने आधा चांद भी खूबसूरत होता है लिखकर बता दिया कि खुशहाली से जीवन जीने के लिए ज़रूरी नहीं है कि हर चीज़ आपको मिल ही जाए। इसलिए ज़िंदगी के हल पल को खुली के पल के रूप में जिएं।

ना राज़ है जिंदगी, ना नाराज़ है ज़िंदगी,
बस जो है वो आज है ज़िंदगी।

इस शेर में गुलज़ार ने ज़िंदगी के उन पहलुओं को रखने का प्रयास किया है, जिससे हर इंसान गुज़रता है। उन्होंने ज़िंदगी के पलों के बारे में बात करते हुए कहा है कि जीवन आज में है। इसलिए कल क्या होगा या फिर कल जो बीत गया है, उसके बारे में ज़्यादा ना सोचें, बल्कि आज में जीने में जीवन की असली खुशी है।

एक सुकून की तलाश में जाने कितनी बेचैनियां पाल लीं,
और लोग कहते हैं कि हम बड़े हो गए हमने ज़िंदगी संभाल ली।

गुलज़ार की लिखी यह लाइन हम सब की ज़िंदगी है। जीवन में हम एक लक्ष्य को पाने के लिए कितना ही प्रयास करते हैं, लेकिन कई बार इसको लेकर हम कितनी ही बेचैनियों को भी पाल लेते हैं। ज़िंदगी का सफर ही ऐसा है कि हम इस पूरा करने में कई बार टूटते हैं और कई बार बिखरने के बाद फिर से खुद को जोड़कर आगे बढ़ जाते हैं। जीवन की सच्चाई ही यही है।

वक्त रहता नहीं टिक कर,
आदत इसकी भी आदमी सी है।

इस लाइन में गुलज़ार ने समय के महत्व को तो बताया ही है, साथ ही उन्होंने इस एक लाइन से इंसान के फितरत के बारे में भी बता दिया है कि इंसान कभी एक जगह टिक के नहीं रह सकता है।

खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में,
एक पुराना खत खोला अनजाने में।

ज़िंदगी के लम्हों को लेकर लिखी गई यह शायरी गुलज़ार की बेहतरीन शायरी है। इसमें उन्होंने खुबसूरत पलों के बारे में लिखा है। इसको उन्होंने पुराने खत में ढूंढ़ा। हम अक्सर जीवन में खुशियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, बस छोटी-छोटी बातों को लेकर। लेकिन यादें तो बरकरार रहती हैं।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

इस शेर में गुलज़ार ने रिश्ते के गहराईयों के बारे में बात की है। उन्होंने बताने का प्रयास किया है कि रिश्ते बहुत ही महत्वपूर्ण होते है, उसे यूंही ही नहीं खत्म किया जा सकता है। किसी से रिश्ता ही वो पूंजी है, जो जीवन भर हमारे साथ चलता है।

जिस की आंखों में कटी थीं सदियां,
उसने सदियों की जुदाई दी है।

गुलज़ार ने इस शेर में जुदाई की बात कर, इंसान के अंदर छिपे उस मर्म को महसूस करवाया है, जो हर कोई कभी न कभी महसूस करता है। उन्होंने प्यार की बातों को इस शेर के माध्यम से एक आवाज़ देने की कोशिश की है।

ज़िंदगी यूं हुई बसर तन्हा,
कफिला साथ और सफर तन्हा।

हर किसी के जीवन में एक ऐसा दौर आता है, जो इंसान अकेला हो जाता है। ये अकेलापन अलग-अलग कारणों से हो सकता है। इस दौरान कई बार ऐसा होता है कि बहुत सारे लोग आपके साथ होते हें, फिर भी आप किसी न किसी वजह से खुद को बहुत ही अकेला पाते हैं। उन्होंने इस तन्हाई की बात इस शेर में की है।

जब भी ये दिल उदास होता है,
जाने कौन आसपास होता है।

खुश होना और उदास होना इंसान के जीवन में चलते रहता है। इंसान किन्हीं वजहों से खुश होता है, तो किन्हीं वजहों से दुखी भी। लेकिन इन दोनों स्थिति में अंतर ये होता है कि जब आप खुश रहते हैं, तो आपके आसपास बहुत सारे लोग होते हैं, लेकिन जब दिल उदास होता है, तो उस समय आपके पास बस करीबी ही होते हैं।

गुलज़ार की शायरी में ज़िंदादिली भी है और एक मासूमियत भी है। जिस तरह वो इन शायरी को डूब कर लिखते हैं, उसी तरह उसे पढ़ने वाला भी एक-एक शब्द की गहराई में डूब कर उसे महसूस करता है। यह आर्टिकल पढ़कर आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके बताएं और इसी तरह के और भी लेखक के लेखनी के बारे में पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।

A Soulful Shift

Your Soulveda favorites have found a new home!

Get 5% off on your first wellness purchase!

Use code: S5AVE

Visit Cycle.in

×