बच्चों को खाली समय में किताबें पढ़ने की आदत डालना, उनको दिया गया सबसे कीमती और अच्छा गिफ्ट साबित हो सकता है। जिन बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत होती है, उनका जनरल नॉलेज और वोकैब (शब्द ज्ञान) दूसरे बच्चों से बेहतर होता है। ऐसे बच्चों का आईक्यू भी काफी अच्छा होता है। आज के दौर में जब हर बच्चे के हाथ में मोबाइल है और उनका ज़्यादातर समय मोबाइल, टैब, वीडियो गेम्स जैसे उपकरणों के साथ ही गुज़रता है, जिसका बच्चों पर नेगेटिव असर पड़ता है।
बच्चों की किताबें पढ़ने की आदत उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी ज़रूरी है। टीवी सीरियल से लेकर फिल्मों तक में बच्चों को किताबें पढ़ते दिखाया जाता है। इससे एक मैसेज दिया जाता है कि किताबें पढ़ने से बच्चों के माइंड पर पॉज़िटिव असर पड़ता है। एक कहावत भी है कि इंसान की सबसे अच्छी दोस्त किताबें होती हैं। इसलिए पेरेंट्स को बचपन से ही बच्चों में किताब पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए। बच्चों का किताबों के प्रति रुझान और आकर्षण बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस मनाया जाता है। इसके बारे में हम आर्टिकल में आगे जानेंगे।
छोटे बच्चे किस तरह की किताबें पढ़ रहें हैं, इसका ध्यान रखना भी बहुत ही ज़रूरी है। अगर आप तय नहीं कर पा रहें हैं कि छोटे बच्चों को कौन-सी किताबें पढ़ने को देनी चाहिए तो आज हम आपकी मदद करेंगे। तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस और छोटे बच्चों की किताबों (Childrens Books in hindi) के बारे में।
कब मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस? (Kab manaya jata hai International Children’s Book Day?)
अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस हर साल 2 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है बच्चों का ध्यान किताबों की ओर आकर्षित करना और उन्हें पढ़ने के लिए जागरूक करना। इसके साथ ही यह दिवस बच्चों की किताबें पब्लिश करने वाले बेहतरीन पब्लिकेशन्स का भी हौसला बढ़ाता है ताकि वे आने वाले समय में बच्चों के लिए और भी उम्दा किताबें पब्लिश करें। किताबें बच्चों के मानसिक विकास में कई तरीकों से मदद करती हैं। बच्चे जितना ज़्यादा पढ़ेंगे, ज़िंदगी में उतना ही बेहतर करेंगे।
क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस? (Kyun manaya jata hai Antarrashtriya Baal Pustak Divas?)
बाल पुस्तक दिवस ‘हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन’ का सम्मान करने के लिए, उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है, जो एक बच्चों की कहानियां लिखने वाले मशहूर लेखक थे। उनकी लिखी परियों की कहानियां साहित्य जगत में आज भी प्रचलित हैं। उनकी लेखनी का जादू आज भी पढ़ने वालों के सर चढ़कर बोलता है।
एंडर्सन का जन्म 2 अप्रैल 1805 को डेनमार्क में हुआ था और उनकी मृत्यु 7 अगस्त 1875 को। आज भले ही वो हमारे बीच न हों, मगर उनकी लिखी कहानियां बच्चे आज भी बड़े शौक से पढ़ते हैं।
आइए अब जानते हैं हिंदी भाषा में लिखी गईं 7 बच्चों की किताबों के बारे में।
बाल पुस्तक दिवस पर बच्चों को गिफ्ट करें ये 7 किताबें (Children’s Book Day par baccho ko gift karein ye 7 kitabein)
इस खास मौके पर आप अपने बच्चों का ध्यान किताबों की तरफ आकर्षित कर सकते हैं। बच्चों को किताबें पढ़ना हो सकता है आज थोड़ा बोरिंग लगने लगा हो, लेकिन इसके पीछे हम बड़े ही ज़िम्मेदार हैं। कम उम्र से ही अगर बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित की जाए तो आगे जाकर वे साहित्य में गहरी दिलचस्पी रख सकते हैं। आइए जानते हैं 7 मज़ेदार बच्चों की किताबों के बारे में, जो बच्चों खूब पसंद आएंगी और उनकी सोचने की शक्ति भी बढ़ाएंगी। इन बच्चों की किताबों को आप भी पढ़ सकते हैं और बचपन की यादें ताज़ा कर सकते हैं।
पोटली बाबा की (Potli Baba Ki)
हिंदी के प्रसिद्ध लेखक गुलज़ार ने बच्चों के लिए कई किताबें लिखी हैं। इसमें से एक है पोटली बाबा की। इसमें परियों की कहानियों को बहुत ही सरल भाषा में चित्रित किया गया है। इन कहानियों से बच्चों को नैतिकता के बारे में सिखाया जा सकता है। अगर आप बच्चों की किताबें खरीदने का सोच रहें हैं, तो यह किताब एक अच्छा विकल्प है।
द जंगल बुक (The Jungle Book)
यह किताब बच्चों के बीच काफी फेमस है। इस किताब को रस्किन बॉन्ड ने लिखा है। इस किताब की कहानी का नायक मोगली है। इस किताब में जंगली जानवरों को एक समाज के तौर पर दिखाया गया है। द जंगल बुक पर कई फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं। यह किताब बच्चों को समाजिकता और जीवन जीने की कला सिखाती है।
पंचतंत्र की कहानियां (Panchatantra ki kahaniyan)
पंचतंत्र की कहानियां पांच भागों में बंटी हुई हैं। यह कहानियां दोस्ती की अहमियत, व्यवहारिकता और नेतृत्व जैसी अहम बातों को बहुत ही आसान शब्दों में बच्चों तक पहुंचा देती है। इसका बच्चों पर बहुत ही गहरा और अच्छा असर पड़ता है। पंचतंत्र की कहानियां बच्चों को बेहतर सीख देने के साथ-साथ, उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं।
मालगुडी डेज (Malgudi Days)
आरके नारायण की मालगुडी डेज बच्चों की पसंदीदा किताब है। इसमें बचपन की सुनहरी तस्वीरें पेश की गई थी। इसमें ‘स्वामी’ का किरदार ने बच्चों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है। इस किताब के ऊपर मालगुड़ी डेज नाम से ही सीरियल भी बना था, जिसे 90 के दशक में बच्चों ने काफी पसंद किया था।
विंग्स ऑफ फायर (Wings of Fire)
यह किताब भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने लिखी है। यह किताब उनकी जीवनी है। इसमें उन्होंने बचपन के संघर्ष से लेकर मिसाइल मैन बनने और राष्ट्रपति बनने की कहानी बताई है। इस किताब को पढ़कर बच्चों को प्रेरणा मिल सकती है कि किसी भी परिस्थिति में मेहनत करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। यह किताब हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है। हिंदी भाषा में यह किताब ‘अग्नि की उड़ान’ नाम से आपको मिल जाएगी।
पिता के पत्र (Pita ke patra)
यह किताब के तौर पर नहीं लिखी गयी थी बल्कि यह पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जेल में रहते हुए इंदिरा गांधी जो पत्र लिखे थे, वो है। बाद में इसे नेहरू ने किताब का रूप दिया। किताब का नाम है ‘लेटर्स फ्रॉम अ फादर टू हिज डॉटर’ (Letters From A Father To His Daughter)। इसे बाद में महान लेखक मुंशी प्रेमचंद ने हिंदी में अनुवाद किया। अनुवादित किताब का नाम है ‘पिता के पत्र’। यह मासूम बाल मन के लिए प्रकृति, दुनिया और समाज को समझने में एक मददगार किताब है, जो आश्चर्यजनक कहानियों से भरी है।
प्रेमचंद की बाल कहानियां (Premchand ki baal kahaniyan)
इस किताब में प्रेमचंद की लिखी हुई उन कहानियों को शामिल किया गया है, जो खासतौर पर बच्चों के लिए लिखी गईं हैं। किताब में जंगल की कहानियां हैं और एक लंबी ‘कुत्ते की कहानी’ है। इस कहानियों को पढ़कर मानो बच्चों के मन में पात्र जीवंत हो जाते हैं, जिससे बच्चों की सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है।
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