आध्यात्मिक जीवन

मौलाना वहीदुद्दीन खान की ‘लीडिंग ए स्पिरिचुअल लाइफ’

इस पुस्तक के ज़रिए मौलाना ने प्रकृति के उपदेशों को बताया है। ताकि सभी लोग जागरूक हो सकें। साथ ही पाठक की आध्यात्मिक समझ को परिभाषित कर रहे हैं। पुस्तक के बारे में ज्यादा जानने के लिए पढ़ें यह लेख।

ऐसा व्यक्ति जिसका झुकाव आध्यात्मिकता (Spirituality)की ओर ज्यादा है वो एक फूल के समान है जो कांटों से घिरा रहता है। बावजूद इसके हमेशा सुगंध ही फैलाता है।  मौलाना वहीदुद्दीन खान द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘लीडिंग ए स्पिरिचुअल लाइफ’ के फ्रंट पेज पर इस उप शीर्षक को पढ़ कर रीडर्स को आश्चर्य होता है। रीडर्स यह सोचने को विवश हो जाते हैं कि उनकी जीवनशैली में क्या कुछ नया हो भी रहा है या नहीं।

इस पुस्तक के शुरुआत में ही यह साफ-साफ जिक्र है कि इसमें जिक्र हर एक बात किसी को उकसाती नहीं है। पुस्तक के लेखक अपने आध्यात्मिक समझ से दुनिया को जोड़ने की कोशिश करते हैं। रीडर्स के साथ तुरंत जुड़ते हुए मौलाना उन्हें क्षमा, आत्म-संयम और आंतरिक सुंदरता को विकसित करने के लिए प्रेरित करके उनके विवेक को जगाते हुए आध्यात्मिक जीवन को जगाने का प्रयास करते हैं।

पाठकों के लिए लेखक प्रकृति का अपनी टिप्पणियों में प्रयोग करते हैं। प्रकृति से सीखने वाले अध्याय में मौलाना धरती मां की दया प्रवृति को दर्शाते हैं। उनके अनुसार भगवान ने पृथ्वी पर हर ओर दया के चिह्न बनाएं हैं। वह मानते हैं कि एक पेड़ धरती माता की निष्पक्षता का मूक वक्ता है, क्योंकि वह बिना मांगे ही हमें फल और छाया प्रदान करता है। यह दयालुपन काफी शुद्ध है। लेखक का मानना है कि हम मनुष्य प्रकृति की पुस्तक से इस सबक को सीख सकते हैं।

“यदि आप एक आध्यात्मिक जीवन जीना चाहते हैं, तो त्यागने की कला सीखनी होगी।” मौलाना लिखते हैं, ”आपको भौतिक चीज़ों से आध्यात्मिक तत्व निकालने की कला जाननी होगी।” वह सुझाव देते हैं कि हम प्रकृति को देखकर क्षमा, विश्वास, मौन और ईमानदारी जैसे गुणों को अपने में खोज सकते हैं। इसे संवादात्मक रखते हुए लेखक पाठक को अधिक सकारात्मक रूप से सोचने, मानवीय होने और आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

इस पुस्तक के ज़रिए मौलाना ने बताया है कि आध्यात्मिक को कोई अनसुलझी पहेली मानने की ज़रूरत नहीं है। उनके अनुसार यह ज़रूरी नहीं कि ध्यान की इसका ज़रिया हो, बल्कि इसे मेडिटेशन से भी हासिल किया जा सकता है। इस पुस्तक के ज़रिए मौलाना ने प्रकृति से जुड़े दिव्य पाठों की तरफ हमारी आंखें खोलने का प्रयास किया है और अध्यात्म के प्रति पाठक की समझ को एक नया दृष्टिकोण दिया है। इस प्रकार आध्यात्मिक जीवन को जीना उपदेशात्मक होने की बजाय मॉटिवेटेड होना है और वास्तविक होने के बजाय व्यावहारिक होना है। यह पॉजिटिव ज्ञान की तलाश में लिखा गया एक अच्छा लेख है।

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।

A Soulful Shift

Your Soulveda favorites have found a new home!

Get 5% off on your first wellness purchase!

Use code: S5AVE

Visit Cycle.in

×