हम सब जानते हैं कि पोषक आहार (Nutritious food) से शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है। लेकिन दिमागी तंदुरुस्ती (Mental health) का राज क्या है? व्यायाम, ध्यान व अच्छी नींद की तरह पढ़ने (Reading) का लाभ ही है कि यह आदत आपके दिमाग को तंदुरुस्त रखती है। पुस्तक पढ़ना (Book reading) तो आपके दिमाग का भोजन ही मानिए; क्योंकि आप जितना पढ़ेंगे उतना ही आपका दिमाग तेज़ और तंदुरुस्त होगा। तो क्या पढ़ने का लाभ है? जवाब है हां – यह पढ़ने का लाभ ही है कि इससे तनाव (Stress) कम होता है, रचनात्मकता बढ़ती है और आपमें दूसरों के प्रति सहानुभूति जगता है। पढ़ने की आदत से आपकी उम्र भी कुछ और वर्षों के लिए बढ़ सकती है। इस विषय में येल विश्वविद्यालय (Yale University) के शोधकर्ताओं ने 50 वर्ष से अधिक उम्र के हज़ारों लोगों पर अध्ययन (Study) किया है। पढ़ने का लाभ ही है कि इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग रोज़ कम से कम 30 मिनट किताबें पढ़ते हैं, वे पत्रिकाएं व अखबार पढ़ने वालों के मुकाबले दो वर्ष अधिक जीते हैं।
पुस्तक पढ़ने का लाभ काफी ज्यादा है। आइए, रोज कुछ न कुछ पढ़ते रहने के दस प्रमुख लाभों पर गौर करते हैं।
मानसिक प्रेरणा (Mansik Prerna)
जब आप पढ़ते हैं तब आपकी आंखें शब्दों को निहारती है और आपके दिमाग में पूरा चित्र जीवंत करती है। इससे दिमाग का काम तेज़ हो जाता है और दिमाग के विभिन्न हिस्सों की सक्रियता में सुधार होता है। हास्किन्स लेबोरेटरीज के अध्यक्ष व अनुसंधान निदेशक डॉ. केन प्यूघ (पीएचडी) के अनुसार, ‘‘पढ़ाई के दौरान दृष्टि, भाषा, विचारों व अनुभवों के बीच साथ-साथ सीखने की प्रक्रिया स्थापित करने वाले मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों का आपस में एक विशेष तंत्रिका सर्किट बनता है, जो पेचीदा कार्य होता है।’’ इस विषय में 2013 का एक अध्ययन ब्रेन कनेक्टिविटी (Brain connectivity) नामक पत्रिका ने प्रकाशित किया था। अध्ययन का निष्कर्ष है कि कॉलेज छात्रों (College students) में भाषा, याददाश्त व प्रेरक पेशियों से जुड़े मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों की क्षमताओं में तीव्र वृद्धि होती है।
मस्तिष्क की इन सब गतिविधियों से आपकी याददाश्त व आपकी पढ़ने की क्षमता में वृद्धि होती है व आपकी बुद्धि तेज़ बनती है।
एकाग्रता में सुधार (Ekagrata mein sudhar)
यह सच है कि टेक्नालॉजी बहुत उपयोगी है, लेकिन उसके ज्यादा उपयोग से आपके ध्यान-एकाग्रता पर विपरीत असर पड़ता है। केवल 5 मिनट के अंतराल में ही आपका मस्तिष्क विभिन्न दिशाओं में चलना शुरू कर देता है। यह पढ़ने का लाभ ही है कि उस दौरान आपकी एकाग्रता बनी रहती है; क्योंकि आपका दिमाग शब्दों को समझने और उसके अर्थ जानने की कोशिश करता रहता है। इसलिए आपका ध्यान पूरी तरह केंद्रित हो जाता है और अन्य बातों से आपका ध्यान हट जाता है। इससे न केवल आपका दिमाग प्रेरित होता है बल्कि आपका ध्यान केंद्रित रखने की अवधि और एकाग्रता में सुधार आता है।
तनाव होता है दूर (Tanav hota hai dur)
जीवन में तनाव होता ही है, लेकिन इसे दूर करने के कई मार्ग भी हैं। ऐसा ही एक मार्ग है पढ़ना। वैज्ञानिक दृष्टि से यह बात साबित हो चुकी है। यह पढ़ने का लाभ ही है कि यूनिवर्सिटी ऑफ सुस्सेक्स ने एक शोध में पाया कि संगीत सुनने या टहलने जैसी अन्य गतिविधियों की अपेक्षा केवल 6 मिनट तक पढ़ने से ही तनाव के स्तर में 68 फीसदी कमी आती है। यह अध्ययन कॉग्निटिव न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. डेविड लेविस ने किया था। वे कहते हैं, ‘‘आप कौन सी किताब पढ़ते हैं यह मायने नहीं रखता। जब आप दिलचस्प किताब पढ़ते हैं तो उसमें इतना खो जाते हैं कि रोज़ की चिंता व तनाव भूल जाते हैं व लेखक के कल्पनालोक में विचरण करते हैं।’’
बेहतर इंसान बनते हैं (Behtar insaan bante hain)
पढ़ने का लाभ यह भी है कि यह आपको बेहतर इंसान बनाता है। लेखिका मैलोरी ब्लैकमन कहती हैं, ‘‘पढ़ना भावुक बनने की कवायद है, यह तो कुछ क्षणों के लिए दूसरे की कल्पनाओं में खो जाना है।’’ टोरंटो विश्वविद्यालय (University of Toronto) के शोध से पता चलता है कि पढ़ने का आपके व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव (Positive impact) पड़ता है, आपकी दृष्टि विशाल बनती है व दूसरों के प्रति समवेदना में वृद्धि होती है। यह पढ़ने का लाभ ही तो है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कथा-साहित्य पढ़ने वाले न केवल दूसरों की कल्पनाओं में खो जाते हैं, बल्कि दूसरों की भावनाओं को भी आसानी से जान लेते हैं। शोध में पाया है कि, ‘‘ऐसा नहीं है कि केवल समानुभूति (किसी दूसरे के समान ही महसूस करना) रखने वाले लोग ही ज्यादा पढ़ते हैं, लेकिन पढ़ने से समानुभूति ज़रूर बढ़ती है।’’
पढ़ने का लाभ ही है कि पुस्तकें खुद को व आसपास के लोगों को बेहतर तरीके से समझने का जरिया है। न्यू यार्क के न्यू स्कूल ऑफ सोशल रिसर्च के अध्ययन में कहा गया है कि कथा-साहित्य आदमी में समवेदना के बीज बोता है। यह भावनात्मक्ता सामाजिक संबंधों में बहुत काम आता है।
शब्द-भंडार बढ़ता है (Shabd Bhandar badhta hai)
पढ़ने का लाभ ही है कि आपका नए शब्दों से सामना होता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पाठन क्रिया व शब्द-भंडार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। पढ़ने से आपकी भाषा में सुधार आता है तथा आपके रोज़मर्रा के शब्द-भंडार में वृद्धि होती है। पढ़ने से आपका संवाद कौशल और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इससे आपका व्यक्तिगत और पेशेवर विकास होता है।
बेहतर मानसिक स्वास्थ्य (Behtar mansik swasthya)
पढ़ने से दिमाग चुस्त-दुरुस्त रहता है व दिमाग की तंत्रिकाएं अच्छे से काम करती हैं। दिमाग की इन विद्युतीय तरंगों के कारण आप आराम पाते हैं व शांति अनुभव करते हैं। पढ़ने का लाभ ही है कि आप कई मनोविकारों पर नियंत्रण पा सकते हैं। फिशर सेंटर फॉर अल्जाइमर्स रिसर्च फाउंडेशन ने शोध में पाया कि मस्तिष्क उत्प्रेरणा से अल्जाइमर व डिमेंशिया रोगों को बढ़ने से रोका जा सकता है। ये याद न रहने से जुड़े रोग हैं।
पढ़ने का लाभ ही है कि व्यायाम (Exercise) से जिस तरह शरीर स्वस्थ रहता है व रोग से जूझने की शक्ति मिलती है, वैसे ही पुस्तक पढ़ने से मन-तन स्वस्थ रहता है व विकारों से जूझने की शक्ति मिलती है। पढ़ने से निराशा दूर हो सकता है। अवसाद से ग्रस्त लोग अपने को अक्सर अकेला पाते हैं। ऐसी अवस्था में पुस्तकें सबसे बड़ा सहारा होती हैं।
पढ़ने का लाभ, बढ़ता है ज्ञान (Padhne ka labh, Badhta hai gyan)
आपका ज्ञान बढ़ाने के और भी कई उपाय हैं, लेकिन क्या किसी कहानी को पढ़ते समय कोई नई जानकारी पाना रोचक नहीं होता? हो सकता है पढ़ते समय आपको किसी स्थान या किसी लेखक अथवा किसी संस्कृति के बारे में कोई नई जानकारी मिले और उस विषय में आपकी रुचि और बढ़े। संक्षेप में कहें तो पुस्तकें आपका दिल और दिमाग कभी खाली नहीं रखेंगी। यह सबसे बड़ा पढ़ने का लाभ है।
बाएं-दाएं दिमाग पर असर
पढ़ने का लाभ ही है कि इससे दिमाग के बाएं-दाएं हिस्सों पर असर पड़ता है। जब आप कोई कहानी पढ़ते (Story reading) हैं, तो आप कहानी के कल्पनालोक में पहुंच जाते हैं। आप चरित्रों से जुड़ जाते हैं, प्रसंग का विश्लेषण करते हैं, अगले प्रसंग की कल्पना करते हैं व किसी कल्पना विशेष या एक्शन का तार्किक स्पष्टीकरण पाने की कोशिश करते हैं। ऐसे पढ़ने से न केवल विवेचनात्मक बुद्धि विकसित होती है बल्कि इससे सृजनात्मकता भी बढ़ती है। कुल मिलाकर कहें तो पढ़ने का लाभ काफी ज्यादा है।
आपकी बुद्धिमता बढ़ती है
अमेरिकी बाल लेखक और फिल्म निर्माता डॉ. सियुस ने पुस्तक ‘आई कान्ट रीड विद माई आइज शट’ में लिखा है, ‘‘आप जितना अधिक पढ़ेंगे, उतनी अधिक बातें आपको पता चलेंगी।’’ युवावस्था से ही पुस्तकें पढ़ने की आदत हो तो उससे पढ़ने का लाभ मिलता है जैसे कि ज्ञानलोक का दायरा बढ़ना, शब्द-भंडार बढ़ना, बच्चों की बौद्धिकता में सुधार होना आदि। बच्चों पर किए गए शोध में पता चला है कि पढ़ने से मस्तिष्क में ताज़ा ‘वाइट मैटर’ निर्मित होता है, जिससे सम्पूर्ण संवाद तंत्र में सुधार होता है।
लेखन में होता है सुधार
अमेरिकी उपन्यासकार एनी प्रौलक्स के अनुसार, ‘‘लिखना, पढ़ने से आता है और पढ़ना, लेखन सिखाने वाला सबसे बेहतर गुरु है।’’ आप जितना अधिक पढ़ेंगे, उतने अधिक अच्छे लेखक बनेंगे। आपके शब्द-भंडार के बढ़ने के अलावा पढ़ने से आपका भिन्न-भिन्न शैलियों और वर्णन प्रक्रियाओं से परिचिय होता है। पढ़ने का लाभ ही है कि इससे आपको लेखन में और सुधार करने की प्रेरणा मिलती है। यदि आप अपना लेखन कौशल बढ़ाना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि शुरुआत कहां से करें-पढ़ने से।