शादी को अभी कुछ ही महीने गुज़रे थे और आरव और नेहा में झगड़े शुरू हो गये थे। दोनों एक दूसरे को पिछले सात साल से जानते थे। शुरुआत में दोनों के घर वाले उनके रिश्ते के लिए राज़ी नहीं थे, पर आखिर में उन्हें अपने बच्चों की ज़िद के आगे झुकना पड़ा और दोनों की शादी हो गई।
लेकिन, शादी के बाद ही उन दोनों में रोज़ किसी ना किसी बात को लेकर बहस होती और वो बहस झगड़ा बन जाती थी। शादी से पहले जो लोग मेड फॉर इच अदर लगते थे, वही लड़ते हुए, एक-दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन लगते थे। दिन महीने गुज़रते जा रहे थे, और उन दोनों की लड़ाइयां बढ़ती जा रही थीं।
एक दिन ऐसे ही किसी बात पर बहस चालू हुई और झगड़ा बढ़ गया।
“तुम से शादी करके मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो गई है। अगर मुझे पहले पता होता, तो मैं ये शादी ही नहीं करता।” आरव ने गुस्से में कहा और ऑफिस के लिए निकल गया।
आरव की कही बात नेहा को बहुत चुभ चुकी थी। उसे लगता था कि चाहे जितना भी झगड़ लेते हो, पर हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, और झगड़ा तो हर कपल में होता है। पर आरव ने जो कहा वो नेहा से बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
नेहा पूरे दिन रोती रही और जब शाम को आरव घर आया तो नेहा ने दरवाज़े पर ही अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “मुझे तलाक चाहिए!” और सीधे कमरे में चली गई।
आरव उसकी बात सुनकर दंग रह गया। आरव ने सुबह जो भी कहा था, उसे एहसास था कि वो गुस्से में कुछ ज़्यादा ही बोल गया, पर उसे ये बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि नेहा को उसकी बात इस कदर चुभ जाएगी कि वो इतना बड़ा फैसला कर लेगी।
“पर मुझे नहीं चाहिए! देखो मुझे पता है, मैं गुस्से में कुछ ज़्यादा ही बोल गया था…आई एम सॉरी, पर इतनी सी बात पर ऐसे अलग थोड़े ही हो जाते हैं।” आरव ने नेहा को समझाना चाहा।
लेकिन, नेहा फैसला कर चुकी थी और वो अपनी बात पर टिकी रही। वो आरव और उसके बीच होने वाली रोज़-रोज़ की किचकिच से परेशान हो चुकी थी और अब अपना फैसला बदलना नहीं चाहती थी।
आरव की बहुत कोशिशों के बाद भी नेहा अपनी बात पर टिकी रही और फिर आरव ने भी नेहा का फैसला मान लिया। उसने ना चाहते हुए भी तलाक की अर्ज़ी दे दी। फिर जब तक तलाक की फाइनल डेट नहीं मिली, तब तक नेहा अपने घर चली गई।
कुछ दिनों बाद आरव ने नेहा को फोन करके बताया कि तलाक की फाइनल डेट मिल गई है, और उन्हें कल ही कोर्ट जाना है।
अगले दिन सुबह आरव, नेहा को पिक करने के लिए उसके मायके पहुंच गया। “तुम सच में मुझसे अलग होना चाहती हो?” आरव ने भरे गले से पूछा, पर नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया।
और दोनों एक ही गाड़ी में बैठकर कोर्ट के लिए निकल गये। कुछ दूर जाकर नेहा ने अचानक ही कहा, “मैं मां बनने वाली हूं।”
नेहा की बात सुनकर आरव की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, “सच?” उसने पूछा तो नेहा ने कहा, “हम्म… और इसलिए हमारा तलाक़ लेना ज़रूरी हो जाता है, क्योंकि मैं नहीं चाहती हमारा बच्चा ज़िंदगी भर हमारे झगड़े देखकर बड़ा हो।”
“पर अब हम नहीं लड़ेंगे ना… प्लीज मान जाओ, प्लीज नेहा मुझे तलाक मत दो। मैं अपनी गलतियों के लिए तुमसे माफी मांगता हूं… प्लीज मेरे साथ रहो.. मैं अपने बच्चे और तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं।” आरव ने कहते-कहते रो दिया।
उसको रोता देख नेहा का मन पसीज गया और उसने आरव को गले लगा लिया। “मुझे भी माफ़ करदो आरव…मैंने भी हर झगड़े को बढ़ाने का काम किया है।” नेहा ने कहा फिर आरव को और भी कस कर गले लगा लिया।
दोनों को अपनी-अपनी गलतियों का एहसास हो गया था और अब दोनों एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार हो चुके थे।