बारिश की बूंद (Rain Drop) गिरना शुरू हो चुकी थी, हर जगह बूंदा-बांदी हो रही थी। भूरे गहरे रंग ने खिड़कियों और ज़मीन को रंग दिया था। मलबा बहकर गटर में समा गया। सड़क पर खड़े सभी लोगों ने देखा कि यह काला मलबा शुद्ध करने वाली इकाई में समा गया था।
अपने सुरक्षित कमरे से वे बारिश की बूंद के खत्म होने का इंतज़ार कर रहे थे। सबसे छोटी बच्ची ने परेशान होते हुए कहा, ‘यह बंद क्यों नहीं हो रही है? हम उसके बंद होने के बाद भी चार घंटों तक बाहर नहीं जा सकते हैं’।
थोड़ी बड़ी लड़की ने कहा, ‘आप नहीं जानते कि यह आपके साथ क्या कर सकता है? मैंने स्कूल में एक लड़की को देखा था, जो नियम को तोड़ते हुए एक घंटे बाद ही बारिश की बूंद के बीच खेलने चली गई थी। बाद में उसके दोनों पैरों पर जलने के निशान थे।’
बुद्धिमान लड़की ने कहा, ‘‘आप जानते हैं, 2021 में बारिश काफी खूबसूरत हुआ करती थी। यहां तक कि लोग बारिश में बाहर जाते और खेला करते थे’’।
सबसे बड़ी लड़की ने अपनी बहन से तेज़ आवाज में कहा, ‘क्या? मैं नहीं मान सकती कि बारिश की बूंद (Barish ki boond) उस वक्त एसिडिक नहीं थी, जैसे अब होती है? इसकी तीखी गंध बारिश बंद होने के बाद भी नहीं जाती है। कोई भी इसमें बाहर कदम नहीं रख सकता है।’’
बुद्धिमान लड़की ने कहा, ‘क्या आप यह सोच भी सकते हैं? यहां तक कि मुझे भी विश्वास नहीं होता है कि बारिश पहले बिलकुल उसी पानी की तरह थी, जैसा पानी हम पीते हैं।’
बच्चे खिड़की से दूर चले गए और हैरानी से मेज़ पर रखे पानी के जग को देखने लगे। तीन जोड़ी आंखों ने, प्यास बुझाने वाले जल को स्पष्ट देखा। फिर उन्हीं आंखों ने नुकसान पहुंचाने वाले आकाश से बरसते हुए पानी को भी देखा। उन्होंने 30 साल से पहले वाले उस जीवन की कल्पना करने की बहुत कोशिश की, जब बारिश और पानी एक समान दिखते थे, पर वे इस बात पर यकीन नहीं कर सके।
बुद्धिमान लड़की ने फिर कहा, ‘काश, मैं भी उस बारिश में खेलने के लिए उस वक्त में वापस जा सकती।’ उसे शायद पता नहीं था कि वह अपने दादा-दादी और उनसे पहले के लोगों की लापरवाही की कीमत चुका रही थी।