करीब 4 साल एक साथ रहने के बाद दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए। दोनों के बीच ये रिश्ते काफी मज़बूत थे, क्योंकि यह रिलेशनशिप पेन और पेपर से जुड़ा हुआ था। हर सप्ताह दोनों बड़े ही करीने से एक-दूसरे के लिए पत्र लिखते थे।
इतने साल बीत जाने के बावजूद उसे अभी भी वे जादुई अंदाज़ याद थे, जो वह अपने शब्दों के जरिए बुनता था। उसने उन बुक टाइटल्स को याद किया, जिनसे उन्होंने रूबरू कराया और हर सप्ताह पढ़ने वाली किताबों की सूची में उसे शामिल कराया था। उन किताबों में टू किल ए मॉकिंगबर्ड, जोनाथन लिविंगस्टन सीगल, द मून एंड सिक्सपेंस और वगैरह-वगैरह…शामिल थीं। इन किताबों को पढ़ने के बाद वह अक्सर नई रचनाओं की लिस्ट के साथ उन्हें पत्र भेजती। इस तरह वे दोनों विभिन्न विषयों पर काफी किताबें पढ़ लेते थे। जब वह रॉबर्ट फ्रॉस्ट को पढ़ रहा होता, तो वह जेन ऑस्टेन को पढ़ती।
उनका यह प्रेम पत्र किसी निर्मलता और शानदार तजुर्बे की लय से कम नहीं थे। उसने अपने तजुर्बे और शब्दों के तोहफे से उसकी मासूमियत को काफी प्रभावित किया।
लेकिन, जब उनके लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप (Long distance relationship) के बारे में उसके परिवार वालों को भनक लगी, तो उन लोगों ने इसका काफी विरोध किया। क्योंकि, उसमें कुछ भी ऐसी खासियत नहीं थी- न ही वह देखने में सुंदर था और न ही उसके पास कोई नौकरी थी। यहां तक कि उसकी फैमिली बैकग्राउंड भी कुछ खास नहीं थी। लेकिन, उसमें वे सारे गुण मिलते थे, जो वह अपने लाइफ पार्टनर से अपेक्षा रखती थी। जैसे- प्यार भरा दिल। पर, 19 साल की छोटी-सी उम्र में जितनी वह निच्छल थी, उसने अपनी मां के भावनात्मक आग्रह को मान लिया। लंबे समय से दोनों के बीच चल रही बातचीत को बीच में ही छोड़कर वे एक-दूसरे से अलग हो गए।
तकरीबन 20 साल में कई मुश्किल भरे रास्तों से गुजरने के बावजूद उनके रिश्तों में पड़ने वाले खलल का कोई हल नहीं निकल सका। अंत: दोनों दोनों की शादी टूट गई, लेकिन दोनों को इसकी भनक तक न लगी। इतना होने के बावजूद उसने बड़े ही करीने से प्रेम पत्रों को संभाल कर रखा। जब भी वह उन पत्रों को दोबारा पढ़ती, तो उससे खुद को जुड़ने से रोक नहीं पाती।
इसके बाद उसने अपने एक एक कॉमन फ्रेंड से संपर्क साधा और बड़े स्मार्ट तरीके से उसका मोबाइल नंबर ले लिया। उसके बर्थ-डे पर उसने उसके मोबाइल पर एक मैसेज भेजा- हैप्पी बर्थ डे बुकवॉर्म..। मैसेज की आवाज़ सुनकर वह चौंक गया और तुरंत उसे फोन कर दिया। “क्या तुमने ये मैसेज किया है?” इस नाम से मात्र एक ही इंसान बुलाता है। मैंने यह कन्फर्म करने के लिए तुम्हें कॉल किया था कि वो तुम हो क्या?
20 साल से अधिक वक्त बीतने के बावजूद दोनों ने उन तमाम वर्जनाओं को तोड़कर एक-दूसरे से बात की। इस दौरान कुछ भी बदला-बदला नहीं लग रहा था, जिस समय वे दोनों अलग हुए थे और अपनी-अपनी दुनिया में चले गए थे- न किसी तरह की हैरान करने वाली शांति और न ही कोई झिझक। उन दोनों ने वैसे ही बात की, जैसे 20 साल पहले करते थे। बातों ही बातों में उसने बताया कि उसने दोबारा शादी कर ली है और उसका एक 5 साल का बेटा भी है। उसे बधाई देते हुए अचानक उसकी आवाज़ कांपने लगी। वह अपने इमोशंस और सोच के मेल से काफी अभिभूत थी। उसी समय शाम की सुहावनी हवा ने उसकी शांति को अपने आगोश में ले लिया। जो रिश्ते आपकी सोच के अनुरूप नहीं चल पाते हैं, उन्हें दिल टूटने पर भी कभी खत्म नहीं करना चाहिए। उन रिश्तों को आप खुशकिस्मती में बदल सकते हैं, वह बड़े ही प्यार से मुस्कुराने लगी।
उन दोनों के बीच शब्दों के साथ शुरू हुए रिश्ते मीठी यादों के साथ समाप्त हो गए। इस तरह एक नए सिरे से दोनों के बीच दोस्ती की शुरुआत हो गई।