शार्ट स्टोरीज

दो ज़िंदगियों की कहानी

कभी-कभी उस वक्त अच्छी बात हो जाती है, जब आपको उम्मीद ही नहीं होती। वहीं बेजूबान का साथ भी आपको मुश्किल से मुश्किल गम को भी भूलने में मदद कर सकता है, जानने के लिए ये खास कहानी।

डॉक्टर ने उससे कहा, ‘आपको बच्चे और आपकी पत्नी के बीच किसी एक को चुनना होगा’।

एक शेफ अमित ने 6 माह पहले अपनी पत्नी मालिनी, जो पेशे से नर्स थी उसके साथ प्रेग्नेंसी टेस्ट के रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार (Waiting eagerly) किया था। हाईस्कूल के जमाने से ही एक-दूसरे को पसंद करने वाला यह जोड़ा विवाह के बाद से ही फैमिली प्लानिंग की सोच रहे थे।

पिछले कुछ महीने तो एक सपने की तरह गुज़रे थे, लेकिन वह सपना जल्द ही टूट गया। मालिनी को प्रेग्नेंसी में दिक्कत हो गई थी और अब गर्भपात ही एकमात्र विकल्प बचा था। गर्भपात की प्रक्रिया से गुजरने के बाद हमेशा चहकती रहने वाली मालिनी शांत हो गई थी। गर्भ में खालीपन के सदमे से परेशान होकर उसने खुद को एक कमरे में कैद कर लिया और खोई-खोई रहने लगी। अमित भी उसके दर्द को महसूस कर रहा था।

तीन महीने बीत गए।

एक दिन उसने दरवाज़े के बाहर सरसराहट सुनी। पहले उसने इसे अनसुना करने की कोशिश की, लेकिन सरसराहट थी कि थम नहीं रही थी। उसने दरवाज़ा खोला तो पाया कि अमित एक तीन पैर वाले कुत्ते को लिए खड़ा है।

यह दृश्य उसे 8 महीने पहले की घटना में ले गया जब वह एक पशुघर (पाउंड) में गए थे और वहां उन्होंने 8 वर्षीय बॉक्सर (कुत्ते) को देखा था।

आज वही बॉक्सर, जिसे कोई भी अपनाना नहीं चाहता था, उसके दरवाज़े पर खड़ा था। वह उसे अपनी सुंदर भूरी और गहरी आंखों से देख रहा था। अमित ने मालिनी की ओर देखते हुए कहा, “यह हमारा इंतज़ार कर रहा था।” मालिनी ऐसे स्तब्ध खड़ी थी जैसे कि यह एक ख्वाब हो। वह नीचे झुकी और उसके ऊंचे और चौड़े माथे को गोद में लेकर सहलाने लगी।  ‘घर में आपका स्वागत है मेरे बच्चे’। अमित ने महीनों बाद उसकी आवाज़ सुनी थी। उसकी आंखों में एक चमक दिखाई दे रही थी। बॉक्सर को पालने के लिए तैयार मालिनी उसे अपने साथ लेकर घर में प्रवेश कर रही थी। बॉक्सर तो पहले से ही उससे प्यार कर बैठा था।

यह एक अनोखी बचाव लघुकथा है, जहां उन्होंने एक-दूसरे को बचा लिया था।

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