‘खुद को मारने का सबसे आसान तरीका.. उसने गूगल पर टाइप किया।‘ यह तरकीब काम कर गई। बस इतना टाइप करना ही था कि स्क्रीन पर दो सेकेंड में 7,70,000 रिजल्ट सामने आ गए।
“खुद को मारने के 7 सबसे तेज़ दर्द रहित तरीके” हेडलाइन पर उसने क्लिक किया। लेख के पहले ही पैराग्राफ में ही एक डिस्क्लेमर था। इसमें इस बात का जिक्र था कि यह लेख ‘सिर्फ कहानी–लेखन के उद्देश्य‘ के लिए है। अगर कोई वास्तव में खुदकुशी (Suicide) करना चाहता है, तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
इस लेख में आत्महत्या (Atmhatya) करने वालों के लिए वो सारी जानकारी थी। जिसकी उन्हें जरूरत पड़ सकती है। इसमें कुछ आत्महत्या के आसान तरीके भी थे। जैसे– गैस अंदर लेना, नींद की गोलियां, फांसी, डूबना आदि।
‘यहां तो चुनने के लिए बहुत कुछ है‘ उसने सोचा। जैसे–जैसे विचारों की गहराई में उतर रही थी, वह सोचने लगी कि पसंद–नापसंद का चुनाव करना कितनी बड़ी बात है। जब होश में होते हैं, तो आप खिलौने, अनाज, कार्टून, चाची और चाचा, रंग और यहां तक कि दोस्त को चुनना शुरू कर देते हैं। आप अपनी नौकरी चुनने लगते हैं। आप उस शहर को चुनते हैं, जहां आप रहते हैं। आप चुनते हैं कि आप किससे प्यार करते हैं। आप कपड़े, सामान, भोजन, कार, संगीत, फिल्में, किताबें और दुनिया में बाकी सब कुछ चुनते हैं। चुनाव ही एकमात्र चीज़ है, जो मायने रखती है।
इसके बाद उसे लगा कि ये सब तो उसकी पसंद पर निर्भर करता है, उसकी अपनी पसंद!. इस समय वह होश और नियंत्रित अवस्था में थी। वह अपनी पसंद का चुनाव कर सकती है।
वह मुस्कुराई और सर्च इंजन खोला और टाइप किया, ‘मैं खुद को मारना नहीं चाहती।‘