झूठा इल्जाम

इल्ज़ाम

पिता के जेल जाने की वजह से सारे आस-पड़ोस के लोगों ने रति के परिवार से बात करना बंद कर दिया और उन्हें चोर परिवार कहने लगा। लेकिन, रति को इसके कारण बहुत कुछ सहना पड़ा। उसने कैसे हिम्मत नहीं हारी और खुद को किस तरह सच्चा साबित किया आगे जानें।

रति आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। उसके पिता को उनके ऑफिस के ही एक सहकर्मी ने झूठे चोरी के इल्ज़ाम में फंसा दिया था और फिर उन्हें एक साल की जेल हो गई। पिता के जेल जाने की वजह से सारे आस-पड़ोस के लोगों ने रति के परिवार से बात करना बंद कर दिया और उन्हें चोर परिवार कहने लगा।

पड़ोस के कुछ बच्चे रति के स्कूल में भी पढ़ते थे। उन्होंने रति के पापा के जेल जाने की बात पूरी क्लास में फैला दी। जिससे रति के दोस्तों ने भी उसके साथ खेलना और बात करना बंद कर दिया।

इसके बाद रति लंच टाइम में भी अपनी बेंच पर अकेली बैठी रोती रहती और सारे बच्चे ग्राउंड में खेलने चले जाते थे।

एक दिन क्लास में मोनू की एक बुक गायब हो गई। उसने खूब ढूंढा पर बुक नहीं मिली तो उसने कहा कि ज़रूर किताब रति ने ही चुराई है। मोनू की बात सुनकर सभी बच्चे मोनू का साथ देने लगे और बीते दिनों में उनका जो भी सामान गायब हुआ, सबकी चोरी का इल्ज़ाम रति के सिर रखने लगे।

यह देखकर रति बुरी तरह डरकर रोने लगी। सब बच्चे मिलकर उसकी और उसके बैग की तलाशी लेने लगे और तभी मैडम क्लास में आ गईं।

उन्हें देखकर रति रोते हुए मैडम से चिपक गई। 

“मैंने कोई चोरी नहीं की मैम!” रति ने कहा।

तो मैडम ने सभी बच्चों को डांटा और रति का सामान वापस उसी के बैग में रखने को कहा। फिर मैडम रति को लेकर प्रिंसिपल ऑफिस गयीं। वहां उन्होंने कैमरे में देखा कि मोनू की किताब मोनू ने खुद रति के बैग में छिपा दी थी। और जब सब बच्चे खेलने चले जाते थे, तब दूसरे बच्चों का सामान भी वही चुराता था। 

ऑफिस में रति ने भी मैडम को बताया कि कल उसने मोनू को चोरी करते हुए पकड़ लिया था, इसलिए उसने मुझ पर इल्जाम लगाया होगा।

मैडम ने मोनू की सच्चाई पूरी क्लास को बताई और मोनू के मम्मी पापा को अगले दिन स्कूल भी बुलाया। अब सच सबके सामने था। सारे बच्चों ने मिलकर रति से माफी मांगी तो रति ने कहा, “मेरे पापा ने मुझे कभी चोरी करना नहीं सिखाया। और ना ही वो खुद चोर हैं। जैसे आज मोनू ने मुझे फंसाने की कोशिश की। बस वैसे ही उनके दोस्त ने भी उनपर झूठा इल्ज़ाम लगा दिया है। वो बहुत अच्छे इंसान हैं।”

रति की बात सुनकर सब भावुक हो गए और सब पहले की तरह रति के दोस्त बन गए।

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