नरेंद्र अपने ऑफिस में एक लड़की को बहुत पसंद करता था। वो भी नरेंद्र को बहुत पसंद करती थी।

नरेंद्र के घर वालों ने उसके लिए रिश्ते देखना शुरू कर दिया था। इसलिए एक दिन अच्छा मौका देखकर नरेंद्र ने उस लड़की को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। शादी का नाम सुनकर लड़की ने सीधा इनकार कर दिया। इस पर नरेंद्र को बहुत गुस्सा आया और गुस्से में आकर घर वालों की पसंद की लड़की से शादी करने के लिए हामी भर दी।

घर वालों ने नरेंद्र से कहा भी कि वो एक बार चलकर लड़की को देख ले, पर नरेंद्र ने कहा, “आपकी पसंद ही मेरी पसंद है। आप लोग बस जल्द से जल्द शादी कर दीजिए।”

घरवालों ने नरेंद्र की बात मान ली और उसकी शादी करा दी। पूरी शादी में दुल्हन का मुंह घूंघट से ढका हुआ था, इसलिए नरेंद्र दुल्हन का चेहरा नहीं देख पाया। नरेंद्र की पत्नी शोभा विदाई के बाद उसके कमरे में घूंघट डालकर रात भर नरेंद्र के आने का इंतज़ार करती रही। पर नरेंद्र उस रात कमरे में नहीं आया।

नरेंद्र ने शोभा से शादी बस उस ऑफिस वाली लड़की को जलन महसूस कराने के इरादे से की थी। बाकी उसे शोभा से कोई फर्क नहीं पड़ता था। वो सारी रात अपने दोस्तों के साथ घूमता रहा और सुबह होते ही लौट आया। शोभा उसके इंतज़ार में बैठे हुए ही सो गई थी, कमरे में नरेंद्र के कदमों की आहट से उसकी नींद टूटी तो वो फिर नयी दुल्हन की तरह घूंघट डालकर बैठ गई।

नरेंद्र ने उसकी तरफ देखा और कहा, “देखो तुम मुझसे कोई उम्मीद मत रखना। और ये उम्मीद तो बिल्कुल नहीं रखना कि मैं तुम्हारे चेहरे से घूंघट उठाऊंगा। मैं किसी और से प्यार करता हूं। भले ही अब वो नहीं करती, पर मैं उसके अलावा किसी और का नहीं होऊंगा।”

नरेंद्र की बात सुनकर शोभा के आंसू उसी के पैरों पर टपकने लगे। रोते हुए शोभा बोली, “तुम सच में मुझसे इतना प्यार करते हो?”

शोभा की आवाज़ सुनकर नरेंद्र पूरी तरह चौंक गया। वो सोचने लगा “अरे नहीं ये तो मेरे प्यार… मेरी शोभा की आवाज़ है!”

“क्या हुआ? अब भी मेरा घूंघट नहीं हटाओगे? शोभा ने कहा तो नरेंद्र ने बिना देर किए घूंघट हटा दिया। “आह… तुम दुल्हन के रूप में कितनी सुंदर लग रही हो। मेरी शोभा। मेरी पत्नी शोभा!”

नरेंद्र खुशी से बावला हुआ जा रहा था कि, ये वही लड़की है, जिसको मैं हमेशा से अपनी पत्नी बनाना चाहता था।

फिर नरेंद्र ने पूछा कि, ये सब हुआ कैसे? तो शोभा ने बताया कि, एक दिन नरेंद्र की मां ने उनकी बातें सुन ली थी। और वो समझ गई थी कि नरेन्द्र उसे पसंद करता है। फिर उन्होंने नरेंद्र के फोन से नंबर लेकर शोभा को फोन किया और सारी बातें की। शोभा की तरफ़ से हां सुनकर, उन्होंने उसके घरवालों से शादी के लिए बात कर ली। शोभा उसे सरप्राइज देना चाहती थी, इसलिए शादी के लिए मना किया। लेकिन नरेंद्र इतना अकडू था कि शादी से पहले एक बार भी मिलने को राज़ी नहीं हुआ और सरप्राइज इतना लंबा खिंच गया।

नरेंद्र को अपनी बेवकूफी पर बहुत हंसी आई और दोनों ने अपने नए रिश्ते की शुरुआत की।