विक्रम ने बिना ये सोचे कि लोग क्या कहेंगे, भरी महफ़िल में मनीषा को प्रपोज कर दिया। मनीषा ये देखकर अचानक से घबरा गई और पार्टी से बाहर निकल गई। मनीषा और विक्रम की मुलाकात कुछ दिनों पहले ही हुई थी और कब विक्रम को मनीषा से प्यार हो गया वो ये खुद भी नहीं जानता।
वो पहला दिन था जब मनीषा थोड़ा झिझकते हुए, उनतालीस साल के विक्रम राजपूत के केबिन में आई थी। विक्रम एक सुपरस्टार था, जिसको मनीषा ने अब तक फिल्मों में ही देखा था। और आज वो उसके सामने खड़ी थी। बाईस साल की मनीषा अपने फैशन डिजाइनिंग करियर के शुरूआती दिनों में थी। और विक्रम के एक करीबी दोस्त के रिफरेंस से इंटरव्यू देने आई थी। इसलिए इतने बड़े आदमी के सामने जाने में घबराहट महसूस कर रही थी। वहीं विक्रम का इतना सरल और सहज बर्ताव देखकर वो चौंक गई कि इतने बड़े आदमी में घमंड बिल्कुल भी नहीं है।
फिर मनीषा ने विक्रम को अपने कुछ डिजाइन्स दिखाएं, जो विक्रम को बहुत पसंद आएं। विक्रम ने मनीषा को अपनी ड्रेस डिजाइन करने का ऑर्डर दे दिया। इस काम के चलते मनीषा को कई बार विक्रम से मिलने उसके ऑफिस या घर आना पड़ता। कभी जब काम करते–करते देर हो जाती तो विक्रम खुद मनीषा को घर छोड़ने जाता।
शुरुआत में विक्रम मनीषा की झिझक और अपनी सहजता के चलते ये सब कर रहा था। पर एक दिन मनीषा ने विक्रम को उसकी ड्रेस तैयार करके देते हुए कहा, “आपके लिए काम करके अच्छा लगा सर। आगे भी कोई काम हो तो ज़रूर बताइएगा। तब विक्रम को एहसास हुआ कि अब मनीषा का काम खत्म हो गया और वो अब यहां नहीं आया करेगी। विक्रम ने सोचा कि क्यों न मनीषा को अपना पर्सनल डिजाइनर बना लें पर विक्रम के पास उसका पर्सनल डिजाइनर पहले से ही था जो अभी कुछ दिनों के लिए छुट्टी पर गया था और इसलिए ही उसे नये डिजाइन की ज़रूरत पड़ी थी।
विक्रम मनीषा को जाने नहीं देना चाहता था। उसकी मौजूदगी विक्रम को अच्छी लगती थी। इसलिए विक्रम ने अपनी बर्थडे पार्टी में सबके सामने मनीषा को प्रपोज कर दिया था। मनीषा विक्रम से उम्र में अठारह साल छोटी थी और विक्रम एक सुपरस्टार भी था। ऐसे में उसके प्रपोज का क्या जवाब दे, ये मनीषा नहीं जानती थी। हां पर ये और बात थी कि मनीषा भी विक्रम की पर्सनालिटी की दीवानी थी, जैसे हर एक फैन अपने चहेते कलाकार का होता है, पर विक्रम उससे प्यार करेगा ये उसने नहीं सोचा था।
मनीषा के यूं पार्टी छोड़ कर जाने से विक्रम बुरी तरह टूट गया। उसे लगा कि शायद उसने बिना लोगों की और अपनी उम्र की फ़िक्र किये, मनीषा को प्रपोज करके कोई बहुत बड़ी गलती कर दी है।
उस रात के करीब एक हफ्ते बाद तक न मनीषा ने विक्रम से कोई कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की और न ही विक्रम की हिम्मत हुई कि वो मनीषा से फोन करके माफी मांगे। मगर फिर एक शाम विक्रम से मिलने मनीषा खुद चली आई। उसे देखकर विक्रम शर्मिंदगी से भर गया।
उसे देखते ही विक्रम ने कहा “मुझे माफ कर दो मनीषा। मुझे ऐसे सबके सामने…” विक्रम बस इतना ही कह पाया था कि मनीषा उसकी बात काट कर बोली– “आप मुझे माफ कर दो। मुझे ऐसे वहां से जाकर आपकी बर्थडे पार्टी खराब नहीं करनी चाहिए थी।” ये कहते–कहते मनीषा रोने लगी। विक्रम ने उसके आंसू पोंछते हुए कहा, “कोई बात नहीं। रो मत। तुम अपनी ज़िंदगी का फैसला करने के लिए आज़ाद हो। मैं समझता हूं कि तुम अपने लिए अपनी उम्र का हमसफर चाहती हो, है न?”
इस पर मनीषा ने कहा, “आप जानते हैं मैं यहां क्यों आईं हूं…आपने वो गाना सुना है… न उम्र की सीमा हो..” मनीषा के मुंह से ये गाना सुनकर, विक्रम को अपना जवाब मिल चुका था।