शहर के सबसे बड़े अंग्रेजी स्कूल ने, सुमन के व्यवहार में काफी बदलाव लाया था। अब वो ज़्यादतर इंग्लिश में बातें करती थी, पेरेंट्स से ब्रैंडेड कपड़ों की डिमांड करती थी और कभी-कभी अपने पेरेंट्स को भी इंग्लिश सीखने के लिए कहती थी। शुरू में उसके मां-बाप उसे देखकर काफी खुश हुआ करते थे, क्योंकि उनकी बेटी मोहल्ले की सबसे स्मार्ट लड़की जो बन चुकी थी।
लेकिन, सुमन की स्मार्टनेस बत्तमीज़ी में कब बदल गई, खुद उसे भी पता नहीं चला। अब सुमन की डेली रूटीन में किसी-न-किसी को नीचा दिखाना भी शामिल था, खासकर अपनी मां को। प्राइवेट ऑफिस में काम करने के कारण सुमन के पिता उसे थोड़े मॉडर्न लगते थे। लेकिन, सारा दिन किचन में काम करने वाली मां, उसे खूटें से बंधी कोई गाय नज़र आती थी।
अपने बच्चे को अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाने का सपना तो इस मिडल क्लास परिवार ने जैसे-तैसे पूरा कर लिया था, लेकिन जो संस्कार उन्हें लगता था कि बच्चे को बिना सिखाए ही आ जाएंगे, वो सुमन में दूर-दूर तक नहीं थे।
एक दिन सुमन स्कूल से घर काफी गुस्से में आती है और अपनी मां से चिल्लाते हुए कहती है “थोड़ी तो मॉडर्न बन जाओ मां, आज के ज़माने में कौन अपने बच्चे को रोटी देता है टिफिन में, मुझे कल से मेरे दोस्तों की तरह नूडल्स या बर्गर चाहिए।”
अपनी बेटी की बात सुनकर वीणा के मुंह से आवाज़ नहीं निकलती है, वो बस हां में सिर हिला देती है। ये देखकर सुमन पैर पटकते हुए घर से बाहर चली जाती है।
अपने घर की गली से गुज़रते वक्त उसे एक बूढ़ा व्यक्ति दिखाई देता है, जो सूखी रोटी पानी में डुबोकर एक बच्चे को खिला रहा होता है। सुमन वहीं रुककर उसे देखने लगती है। बच्चा धीरे-धीरे रोटी चबा रहा होता है, इसी बीच एक कुत्ता भी बूढ़े व्यक्ति के पास आ जाता है। बूढ़ा व्यक्ति कुत्ते के सिर पर हाथ फेरता है और फिर उस एक रोटी के दो टुकड़े करके, आधी रोटी उसे दे देता है। इसे देखकर बच्चा कहता है “बाबा, आप क्या खाएंगे?” बूढ़ा व्यक्ति बच्चे को गोदकर में लेकर हंसते हुए कहता है “भगवान का दिया हुआ अगला निवाला।”
इन सब के बीच सुमन की आंखो से कब आंसू बहने लगे, उसे एहसास भी नहीं हुआ। वो भागकर अपने घर गई और वहां से अपने लंच का बचा खाना लेकर आई और बूढ़े व्यक्ति को दे दिया। बूढ़ा व्यक्ति खाने की तरफ देखकर बोला “आप भगवान का रूप हैं मेरे लिए।”
सुमन वहां से मुस्कुराते हुए घर की ओर निकल जाती है और घर पहुंचकर अपनी मां से लिपट जाती है। भारी आवाज़ में वो मां से कहती है “मां मुझे माफ कर दो, आप दुनिया का सबसे अच्छा खाना बनाती है और आज के बाद मैं आपसे कोई भी बेतुकी डिमांड नहीं करूंगी। मुझे तो भगवान ने पहले ही काफी कुछ दिया है।” वीणा उसे माथे पर चूमकर कहती है “आज डिनर में नूडल्स है।” इसके बाद दोनों एक-दूसरे को देखकर हंस पड़ते हैं।