अटूट बंधन

एक अटूट बंधन

एक मां और उसके बच्चे के बीच का बंधन ज़िंदगी भर का होता है। इसे समय, दूरी या परिस्थितियां बदल नहीं पातीं।

गर्भाशय में मची उथल-पुथल वक्त के साथ बढ़ती जा रही थी। प्रसव पीड़ा से लड़ रही रेने को लग रहा था मानो समय ठहर गया हो। उसके पति साथ में थे। वह उसे बार-बार, गहरी सांस लेने और छोड़ने की याद दिला रहे थे। नर्स ने एपिड्यूरल (Epidural) का सुझाव दिया था, पर रेने ने मना कर दिया था। फीटल मॉनिटर पर लेटे हुए उसने अपनी निगाहें गर्भ में मौजूद बच्चे की दिल की धड़कन पर जमा रखी थी। वह अपनी मां को याद कर रही थी। उसके शादी के दिन से ही दोनों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।

एक महिला की आवाज आई, “रेने?”

इस स्वर ने राहत पहुंचाई। अगली बात जो वह समझी वह यह कि उसकी मां लीसा, उसके बिस्तर के किनारे पर बैठी थी और उसने कसकर उसका हाथ थाम रखा था। रेने ने सोचा शायद यह बेहोशी की दवा का असर होगा। उसी वक्त रेने समझ गई कि उसे अब दर्द से मुकाबला रोकना होगा। अब उसे प्रसव के दौरान शरीर में होने वाली गतिविधियों पर ध्यान देना होगा ताकि उसका बच्चा सकुशल बाहर आ जाए। अब दर्द अचानक ही सहनीय होने लगा था।

भारी गले से रेने बस केवल इतना कह सकी, ‘आप आ गईं……’।

मां ने स्वीकारा, ‘मैंने तुम्हे काफी याद किया’।

रेने ख्यालों में खो गईं। लीसा हमेशा ही उसके जीवन में प्रकाश स्तंभ की तरह रही थीं। उसकी मां के पास दु:ख और सुख का सामना करने का हर संभव उपाय जो था। रेने की मां बचपन में उसकी शरारतों में बराबर की साझेदार रहती थी। युवावस्था में वह उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी, जिसने उसे कभी फिसलने नहीं दिया। जब रेने ने नौकरी शुरू की तो मां गपशप की साथी बन गईं। वह उसकी पंचिंग बैग थीं और सदैव उसे सही राह पर चलने की सलाह देती रहती थी।

अब किसी भी क्षण उसकी मां, नानी बनने जा रही थी। शीघ्र ही बच्चे की किलकारियों से कमरा गूंज उठा। इसी के साथ रेने का सारा दर्द गायब हो गया। अब उसके चेहरे पर खुशी और मुस्कान थी।  प्रसव पीड़ा की थकान में से ही रेने ने देखा कि मां और उसके पति ने नवजात शिशु को बांहों में उठा रखा है। मां और दामाद के बीच की दूरियां मानो पलक झपकते ही गुजरे जमाने की बात हो गईं हों।

लीसा ने नवजात बच्ची को धीरे से चूमते हुए रेने की गोद में देते हुए स्वीकार किया, ‘मैंने दामाद को गलत समझा था। शायद मैं ओवर प्रोटेक्टिव हो गई थी’।

रेने मुस्काई, “मैं पहले से ही यह जानती हूँ मां”।

उसकी मां ने उसे आश्वस्त करते हुए कहा, ‘मुझे पता है तुम बेहद अच्छी मां बनकर दिखाओगी’।

रेने बोली , ‘मेरे पास एक बेहतरीन प्रेरणास्रोत (रोल मॉडल) जो हैं’।

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