विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस: बनाएं दुनिया को बेहतर

संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की ओर से हर साल 21 अप्रैल को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया में रचनात्मकता के कल्चर को बनाए रखना और उसे बढ़ावा देना है।

रचनात्मकता हर किसी में होती है। हर कोई कुछ न कुछ नया कर सकता है। वहीं, नवाचार करने की लालसा भी सभी इंसान में होती है। आइंस्टीन ने कहा था कि रचनात्मकता वह देखना है, जो हर नहीं इंसान देख रहा और वो सोचना है, जो किसी ने नहीं सोचा हो। रचनात्मकता सिर्फ पेंटिंग में ही नहीं बल्कि हर काम में होती है। अगर हम चाहे तो हमारे द्वारा किए जाने वाले ज़्यादातर काम में रचनात्मकता हो सकती है। वहीं, जब हम किसी काम को नए तरीके से करते है, तो उसमें नवाचार होता है। नवाचार का अर्थ है इनोवेशन यानी किसी नई चीज़ की रचना करना या उससे जुड़े नए विचारों को उत्पन्न करना।

भारतीय समाज में चाहे हम घर की दीवार पेंट करें, अलग-अलग कलाकृतियां बनाएं, रंगोली बनाएं या फिर सजावट करें, इन सभी चीज़ों में क्रिएटिविटी होती ही है। वहीं हमारा देश जुगाड़ करने वाला भी देश है। हम अलग-अलग तरह की समस्याओं का सॉल्यूशन इनोवेशन यानी नवाचार से करते आएं हैं। इनोवेशन और क्रिएटिविटी को सेलिब्रेट करने के लिए एक खास दिन मनाया जाता है, जो है विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस (World Creativity and Innovation Day)।

तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस कब मनाया जाता है, इसके बारे में बताएंगे, साथ ही इस दिन के महत्व की भी जानकारी देंगे।

कब और क्यों मनाते हैं विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस? (Kab or kyun manate hain Vishv Rachnatmakta aur Navachar Divas)

संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की ओर से हर साल 21 अप्रैल को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया में रचनात्मकता के कल्चर को बनाए रखना और उसे बढ़ावा देना है। यूएनओ का मानना है कि रचनात्मकता एक ऐसी चीज़ है, जिसकी बदौलत हम विकास की गति को हमेशा बनाकर रख सकते हैं। इस दिवस को मनाने की शुरुआत 25 मई 2001 को कनाडा के टोरंटो से हुई थी। इस दिन के संस्थापक मार्सी सेगल थे, जो कनाडाई थे। इसे 27 अप्रैल 2017 में यूनएओ ने अपनाया और इसके बाद से हर साल 21 अप्रैल को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस मनाया जाता है।

दुनिया को है इनोवेटिव लोगों की ज़रूरत (Duniya ko hai innovative logon ki zarurat)

बेमन से किसी भी काम को पूरा किया जा सकता है, मगर उसी काम में अगर रचनात्मकता और नवाचार का तड़का लग जाए तो वो काम पूरा होने के बाद काफी दिलचस्प लगने लगता है। यही नहीं बल्कि इस तरह से किए गए काम समय, मेहनत और पैसा भी बचाते हैं।

वर्किंग प्रोफेशनल जब अलग-अलग जगह जाकर नौकरी करते हैं तो उनसे उनके आइडियाज़ के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता के बारे में भी पूछा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिएटिविटी की आज के दौर में हर जगह मांग है। इससे हमेशा कुछ नया होने की उम्मीद बरकरार रहती है।

जो लोग इनोवेटिव और क्रिएटिव होते हैं, वो अपने करियर में काफी आगे जा सकते हैं। उनका काम ही उन्हें भीड़ से अलग बनाता है। हमारी दिनचर्या में भी, हमारा इनोवेटिव और क्रिएटिव होना हमारे काम को आसान बनाता है और हमारे लिए सफलता के रास्ते को खोलता है। इसकी मदद से सिर्फ हम ही नहीं बल्कि पूरा देश तेज़ी से प्रगति कर रहा है।

जीवनशैली में शामिल होनी चाहिए क्रिएटिविटी और इनोवेशन (Jeevanshaili mein shamil honi chahiye Creativity aur Innovation)

जीवनशैली में क्रिएटिविटी को शामिल करना हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को काफी आसान बना सकता है। विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस हम सब तक ये संदेश पहुंचाता है कि समस्या के आसान और टिकाऊ हल के लिए क्रिएटिविटी और इनोवेशन (Creativity and Innovation) बहुत ही ज़रूरी चीज़ है। हम सब जितने अधिक इनोवेटिव और क्रिएटिव बनेंगे, हमारा और देश का विकास उतनी ही तेज़ी से होगा।

इस आर्टिकल में हमने विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस के बारे में बताया। यह आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसी तरह के और भी ज्ञानवर्द्धक जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।