क्या आप जानते हैं कि अमेरिका के मशहूर पूर्व बास्केट बॉल प्लेयर माइकल जॉर्डन, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, फुटबॉलर लियोनेल मेसी और स्विमर माइकल फेल्प्स में क्या समानता है? इन सभी महान खिलाड़ियों को अपने खेल के प्रति बेशुमार प्यार है, जो खेल के महत्व को बताता है। इससे उन्होंने ना सिर्फ कामयाबी की ऊंचाई को छूआ, बल्कि स्पोर्ट्स ने खुशहाल जीवन जीने में भी इनकी काफी सहायता की है। भले ही ये सभी प्रोफेशनल्स हो सकते हैं, लेकिन हर कोई अपने जीवन में नाम और शोहरत हासिल करने के लिए इन खेलों से जुड़ सकता है। कोई व्यक्ति किसी भी स्पोर्ट्स का हिस्सा बनकर इसका फायदा ले सकता है। साथ ही वह स्वस्थ और खुशहालपूर्ण जीवन जीने की हसरत पाल सकता है। इस लेख के ज़रिए सोलवेदा खेल के महत्व के बारे में बताने जा रहा है, जिसे कोई भी व्यक्ति अपना सकता है। साथ ही खेलकूद और फिजिकल एक्टिविटीज कैसे जीवन में खुशहाली का प्रबल स्रोत बन सकती हैं, इसे भी हम जानेंगे।
ज़िंदगी में खुशी और आत्म संतोष का बोध (Zindagi me khushi aur atma santosh ka bodh)
कई स्टडी से इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि खेल भावना में जुड़े पुरुष और महिलाएं दूसरे लोगों की तुलना में काफी खुशहाल और संतोषजनक जीवन जीते हैं। जब आप किसी खेल से जुड़ते हैं, तो अन्य लोगों से भी मिलने का अवसर मिलता है। आपसी विश्वास और एक-दूसरे के प्रति निर्भरता के कारण एक टीम भावना का विकास होता है। ऐसे में इंसान खुशहाल जीवन की ओर आगे बढ़ता है। इसलिए खेल का महत्व (Importance of sports) है।
सकारात्मक सोच में बदलाव (Sakaratmak soch mein badlav)
विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं के कारण इंसान के भीतर छिपे टैलेंट को बाहर लाने का अवसर मिलता है। अपनी क्षमता को पहचानने के बाद वह खुद को बेहतर साबित करने के लिए तैयार रहता है। इसलिए ज़िंदगी में भी खेल का महत्व है। यह सच है कि कई अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि स्पोर्ट्स टीनएजर और व्यस्क लोगों में स्वाभिमान बढ़ाते हैं और उनके स्ट्रेस लेवल को कम करने में भी मदद करते हैं। जब हम कोई फिजिकल एक्टिविटी करते हैं, तो हमारे शरीर के भीतर से एंडोर्फिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव होता है। इसकी वजह से हमारे मिजाज और कांफिडेंस में पॉजिटिव चेंजेस आते हैं। इससे खुशहाल ज़िंदगी जीने में भी मदद मिलती है।
स्कूल में शानदार प्रदर्शन (School main shandar pradarshan)
कैनसस विश्वविद्यालय ने एक अध्ययन किया था। इस अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला है कि जो छात्र खेलकूद जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेते थे, उनके ग्रेड और स्कूल में अनुपस्थिति का दर किसी भी फिजिकल एक्टिविटी में भाग नहीं लेने वाले दूसरे छात्रों की अपेक्षा काफी बेहतर था। साथ ही स्पोर्ट्स में भाग लेने वाले छात्रों का ग्रेजुएशन रेट भी 8.5 फीसदी हाई था। जबकि, स्पोर्ट्स से दूर रहने वाले छात्रों का प्रदर्शन काफी कम था। इसलिए जीवन में खेल का महत्व है।
आपसी दोस्ती होती है मजबूत (Aapsi dosti hoti hai majboot)
अगर आप खेल के महत्व को जानने के लिए इसमें हिस्सा लेते हैं, तो इससे आपके संपर्क का दायरा बढ़ता है और टीम भावना का भी विकास होता है। इससे नए लोग दोस्त बनते हैं और यह खुशहाल ज़िंदगी जीने का सबसे बेहतर तरीका भी है। जब आप खेल के मैदान में साथ खिलाड़ियों के साथ खेलने के लिए उतरते हैं और टीम के एकसूत्रीय लक्ष्य के लिए सामूहिक रूप से काम करते हैं, तो इससे खिलाड़ियों में सामाजिकता का बोध पैदा होता है। साथ ही नई-नई चीज़ें सीखने-सिखाने का एक अवसर भी मिलता है। इस तरह की भावना समाज में रहने वाले दूसरे लोगों में पैदा करना काफी मुश्किल भरा काम हो सकता है। ऐसे में खेल के महत्व को समझना ज़रूरी है।
नि:शक्तता को हराने में मददगार (Nihskatta ko hatane mein madadgar)
खेलकूद ना सिर्फ किसी भाषा और संस्कृति को आगे बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि विशेष अक्षमता वाले लोगों से जुड़ी सामाजिक गतिरोध और कलंक को भी दूर करता है। विभिन्न समाजों में नि:शक्तता को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना और एक कमी के रूप में देखा जाता है। लेकिन, स्पोर्ट्स के ज़रिए आपकी इस सोच को परिवर्तित कर सकते हैं। खेलकूद से जुड़कर विशेष क्षमता वाले लोगों को अपनी स्किल और क्षमता को दिखाने का अवसर मिलता है। इसके ज़रिए नि:शक्तता के प्रति लोगों के दुराग्रह को दूर करने में मदद मिल सकती है। उन लोगों को अपनी काबिलियत की बदौलत इस बात का अहसास करा सकते हैं कि विशेष क्षमता वाले भी सामान्य लोगों की तरह ही होते हैं। इसलिए जीवन में खेल का महत्व है।
स्वस्थ जीवनशैली के लिए करता है प्रेरित (Swasth jivan shaili ke liye karta hai prerit)
पर्वतारोहण, स्विमिंग और दौड़ जैसे स्पोर्ट्स के लिए अधिक अनुशासन और फोकस की ज़रूरत पड़ती है। ये खेल ना सिर्फ लोगों को अधिक समय तक प्रैक्टिस करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि खिलाड़ियों को हेल्दी लाइफस्टाइल बरकरार रखने में भी सहायता करते हैं। जब शरीर सख्त से सख्त ट्रेनिंग के दौर से गुजरता है, तो वह काफी थक जाता है। ऐसे में शरीर बेहतर तरीके से काम करे, इसके लिए हेल्दी डाइट की भी ज़रूरत पड़ती है। जब खिलाड़ी अपने-अपने खेल में हिस्सा लेते हैं, तो ज़रूरी नहीं कि हमेशा आपको हेल्दी डाइट लेने की इच्छा होती है। शरीर को किस चीज़ की ज़रूरत है, उसी के अनुरूप ही हम मोटिवेट डाइट लेने के लिए होते हैं।