जीवन में शांति और प्रेम न हो, तो वो जीवन, जीवन नहीं बोझ बन जाता है। चिंता और अवसाद से भरा मन हमारा सुख और चैन छीन लेता है। सुख और चैन से जीने के लिए हमें शांति और प्यार की ज़रूरत होती है। दुनिया भर में ऐसे बहुत से लोग हैं जो बैर और नफरत के भाव मन में लिए जीते रहते हैं। उनके मन की यह नफरत दूसरों के लिए होती है, पर इसके नकारात्मक प्रभाव उन्हीं के जीवन पर पड़ रहे हैं, इस बात का उन्हें एहसास ही नहीं होता।
इन्हीं नफरतों के नकारात्मक प्रभावों से सभी को बचाने और मिल-जुलकर रहना सिखाने के लिए एक दिन की शुरुआत हुई, जिसे हम अंतर्राष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस कहते हैं। अंतरराष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस, शांति और प्यार को अपना कर एक खूबसूरत जीवन जीने के लिए मनाया जाता है। अगर हम शांति और प्रेम के साथ सकारात्मक तरीके से अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें तो हम सभी प्यार और सुकून भरा जीवन जी सकते हैं। तो चलिए सोलवेदा पर मैं आपको बताती हूं कि हम शांति और प्रेम से कैसे अपना जीवन संवार सकते हैं।
शांति और प्रेम दिवस क्या है? (Shanti or Prem Divas kya hai?)
अंतर्राष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस (International Peace & Love Day) की शुरुआत बीटल्स के ड्रमर रिचर्ड स्टार्की ने की थी, जिनका जन्मदिन 7 जुलाई को होता है। सन 2008 में स्टार्की ने अपने ‘शांति और प्रेम’ के विचार को अंतर्राष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस के रूप में दुनिया के सामने रखा।
कहते हैं कि एक बार जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि वह अपने जन्मदिन पर क्या चाहते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया था, शांति और प्रेम। तब से हर साल, स्टार्की ने शांति और प्रेम से रहने और शांति और प्रेम फैलाने के लिए कहा।
2019 में, दुनिया भर में 30 से ज़्यादा ‘शांति और प्रेम’ कार्यक्रम हुए और स्टार्की की 800 पाउंड की ‘शांति और प्रेम’ मूर्ति को कैलिफोर्निया के बेवर्ली हिल्स में लगाया गया।
अंतर्राष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस मनाने का यह कार्यक्रम अब तक चालू है। सभी हर साल अपने-अपने तरीके से विश्व में शांति और प्यार फैलाने की कोशिश करते हैं। अंतरराष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस हर नागरिक को सुकून और शांति से एक साथ रहने के लिए प्रेरित करता है।
कब है शांति और प्यार का दिन? (Kab hai shanti aur pyar ka din?)
हर साल 7 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय शांति और प्रेम दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है कि सभी लोग प्यार और शांति से एक साथ मिलकर सकारात्मक जीवन जिएं।
शांति और प्रेम से संवरेगा जीवन (Shanti aur Prem se sanvrega jeevan)
कहते हैं, शांत मन में ईश्वर वास करते हैं, और शांत मन हमें बहुत सी मानसिक और शारीरिक बीमारियों से दूर रखता है। जब हमारे अंतर एक-दूसरे के लिए जलन, नफरत या नाराज़गी होती है, तो हम अंतर ही अंदर घुटन और तनाव महसूस करते हैं। हम यह तो जानते ही हैं कि तनाव, कुढ़न और अवसाद बहुत सी मानसिक और शारीरिक बीमारियों का कारण है। लेकिन, मन के ये नकारात्मक भाव केवल हमारे शरीर पर ही नहीं बल्कि हमारे आस-पास के रिश्तों को भी प्रभावित करते हैं। जिससे न तो वो लोग खुश रह पाते हैं और न ही हम।
दूसरी ओर, अगर हम अपनी इन्हीं नकारात्मकता को मिटा कर, सभी को माफ करके, एक-दूसरे के साथ प्यार और शांति से रहते हैं, तो हम अपने अंदर सकारात्मक महसूस करते हैं। इससे हर तरफ शांति और प्यार पनपता है, और सभी लोग खुशियों (Happiness) से भरा जीवन जीने के रास्तों पर चलने लगते हैं।
आर्टिकल पर अपना फीडबैक कमेंट में लिखकर ज़रूर दें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंद पर बने रहें।