समझें नेतृत्व के 4 प्रकार और इसके गुणों को

कुछ लोग जन्म ही एक लीडर की स्किल्स के साथ लेते हैं, तो कुछ लोग अपने अनुभवों, मेहनत और जुनून के दम पर अपने अंदर ये गुण विकसित करते हैं। एक लीडर के नेतृत्व करने के तौर-तरीके, उसकी प्रक्रिया और नेतृत्व क्षमता को ही लीडरशिप कहा जाता है।

नेतृत्व का मतलब किसी समूह का मार्गदर्शन करना है। नेतृत्व यानी लीडरशिप का अर्थ है एक समुह या समुदाय की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर उन्हें सही काम करने के लिए प्रेरित करना और उनकी एक मालिक की तरह नहीं बल्कि सहयोगी की तरह मदद करना।

कुछ लोग जन्म ही एक लीडर की स्किल्स के साथ लेते हैं, तो कुछ लोग अपने अनुभवों, मेहनत और जुनून के दम पर अपने अंदर ये गुण विकसित करते हैं।

एक लीडर के नेतृत्व करने के तौर-तरीके, उसकी प्रक्रिया और नेतृत्व क्षमता को ही लीडरशिप कहा जाता है। आज की दुनिया में नेतृत्व कौशल इतना महत्वपूर्ण है कि जिनके पास ये है, वो आमतौर पर तेजी से अपने करियर में ऊपर चढ़ते दिख सकते हैं। यही कारण है कि नेतृत्व के प्रकारों को जानना इतना महत्वपूर्ण है। कोई भी शैली या तरीका हर जगह समान रूप से प्रभावी या उपयोगी नहीं होता। यह आपकी परिस्थितियों पर निर्भर करता है और साथ ही आप अपनी सीमाओं को कितनी दूर तक आगे बढ़ाने को तैयार हैं और करियर में कितना आगे बढ़ना चाहते हैं।

इसलिए अगर आप जानते हैं कि नेतृत्व के प्रकार क्या हैं, तो आप वास्तव में वर्तमान स्थिति में खुद को नेतृत्व करने का सबसे अच्छा तरीका बता सकते हैं। अधिकांश शोध नेतृत्व के प्रकार में चार प्रकारों पर सहमत हैं। तो, आज हम इस ब्लॉग में नेतृत्व के चार प्रकारों या यूं कहें तो नेतृत्व के 4 गुण पर चर्चा कर रहे हैं।

नेतृत्व के प्रकार क्या हैं? (Netritva ke prakar kya hain?)

नेतृत्व शैली के प्रकार या नेतृत्व के प्रकार दूसरों को निर्देशित करने, उन्हें प्रेरित करने और उनका मार्गदर्शन करने के दौरान एक नेता के तरीकों और व्यवहार को समझने में मदद करता है। किसी व्यक्ति की नेतृत्व शैली यह भी निर्धारित करती है कि वे अपने समूह की उम्मीदों और उनकी टीम की भलाई को ध्यान में रखते हुए योजनाओं की रणनीति कैसे बनाते हैं और उन्हें कैसे लागू करते हैं, ताकि वो अपने समूह के सामने एक बेहतर नेतृत्व करने में सक्षम हो सकें। चलिए आइए हम जानते हैं नेतृत्व के प्रकार यानी लीडरशिप के गुणों के बारे में।

जनतंत्रीय नेतृत्व (Democratic Leadership)

जनतंत्रीय नेतृत्व का मतलब वह नेतृत्व शैली है, जिसमें किसी भी काम को करने से पहले लीडर अपने सहयोगियों से उस काम को लेकर विचार विमर्श करता है। लीडर वही काम करता है जो उसके समूह के सभी सहयोगी कहते हैं, यानी उनकी इच्छाओं से हटकर कोई काम नहीं करता। इस प्रकार का नेता अपने अधिकारों के नियमों का पालन करता है और अपने संगठन या समूह के हितों की रक्षा के लिए पूरी मेहनत और लगन से काम करता है।

नौकरशाही नेतृत्व (Bureaucratic Leadership)

नौकरशाही नेतृत्व ‘पुस्तक के अनुसार चलें’ प्रकार का नेतृत्व है। नेतृत्व की विधियों और नियमों का पालन एक नीति के मुताबिक किया जाता है, जिसमें लचीलेपन की कोई गुंजाइश नहीं होती। काम कैसे किया जाना चाहिए, इसके लिए नियम पहले से ही बने हुए हैं। नौकरशाही नेता यह तय करते हैं कि टीम के सदस्य इन प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन करें। कर्मचारियों के काम पर नेता विचार करता है। हालांकि, अगर यह संगठनात्मक नीति के मुताबिक नहीं है तो इसे नकार दिया जाता है।

निरंकुश नेतृत्व (Autocratic or Authoritarian Leadership)

निरंकुश नेतृत्व एक ऐसा नेतृत्व है, जिसमें नेता या लीडर सारे फैसले खुद ही लेता है और अपने सारे अधिकारों को अपने तक ही सीमित करके रखता है। इस तरह का नेता या लीडर यह समझता है कि सारे लोग आलसी होते हैं, वे किसी भी प्रकार के उत्तरदायित्व को लेना नहीं चाहते। इसके साथ ही जो भी काम उनसे कहा जाता है बस वही करते हैं, यानी कि अलग से अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करते। इस तरह का नेता सारी योजनाएं खुद ही बनाता है और सारे फैसले खुद ही लेता है। इस तरह के लीडर को समूह की भलाई से कोई मतलब नहीं होता, उसे बस अपने काम से मतलब होता है।

निर्बाधवादी नेतृत्व (Laissez – Faire Leadership)

निर्बाधवादी नेतृत्व एक ऐसा नेतृत्व है, जो अपने संगठन के लोगों पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डालता। उनको किसी काम करने के लिए कहकर, फिर उस काम को उनके भरोसे छोड़ देता है। इस तरह के नेतृत्व में रहने वाले समूह के सदस्य अपने लक्ष्य को खुद चुनते हैं और अपनी समस्याओं का हल भी खुद ही खोजते हैं। वे खुद ही खुद को किसी काम को करने के लिए प्रेरित करते हैं और उस काम को कैसे पूरा करना है ये भी खुद तय करते हैं।
निर्बाधवादी नेता सिर्फ संपर्क कड़ी के रूप में अपना योगदान देता है, यानी कर्मचारियों को समुदाय से जोड़े रखने की भूमिका निभाता है। उसके संगठन के सदस्यों को काम करने के लिए जो ज़रूरी जानकारी और काम करने के लिए जो भी सामान चाहिए, सिर्फ वो लाकर देता है।

यहां हमने आपको नेतृत्व के चार प्रकार बताएं। हालांकि नेतृत्व अपने अलग-अलग रूपों में अलग-अलग कामों के आधार पर अलग-अलग शैलियां निर्धारित करता है। आप भी चाहें तो अपने अंदर के लीडर को बाहर ला सकते हैं। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

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