अक्सर लोगों से सुना होगा कि सलाह देना आसान है, लेकिन खुद सलाह पर अमल करना मुश्किल होता है। आप जो भी उपदेश देते हैं, उस सलाह पर अमल करना आसान लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह एक कठिन हो सकता है। अक्सर आप अपने मित्र को सलाह देते होंगे कि “ओवरथिंकिंग बंद करो”; “कुछ ऐसा काम करो जो तुम्हें करना पसंद है”; या “समय के पाबंद बनो”। लेकिन क्या आप इन सलाहों को अपनी ज़िंदगी में लागू कर पाए हैं? कितनी बार आपने अपनी ओवरथिंकिंग पर काबू पाया है, अपने पसंद का काम कर पाए हैं, या कहीं समय पर पहुंच पाए हैं?
हम जो सलाह या उपदेश देते हैं, उसे अपने जीवन में लागू न करने के लिए हम सभी कहीं ना कहीं दोषी होते हैं। हमेशा हमारे पास समस्या का समाधान होता तो है, लेकिन सलाह पर अमल करना हमें मुश्किल लगता है। जिसे हम दूसरों से अपनाने करने के लिए कहते हैं? कभी-कभी, खुद अमल करने की तुलना में उपदेश देना आसान होता है। क्योंकि जब भी कभी बदलाव करने की बात होती है, तो हम अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर नहीं निकलते हैं। जीवन में हमें ऐसा रवैया और नज़रिया शोभा नहीं देता है। खासकर के तब, जब आप माता-पिता, प्रबंधक, शिक्षक या किसी अन्य पेशे में हैं; जहां पर आपको उदाहरण देकर अपने से नीचे के लोगों का नेतृत्व करना है।
सही मायने में आप तब बढ़ते हैं, जब आप दूसरों के लिए सकारात्मक उदाहरण पेश करते हैं। इसके साथ ही अपने जीवन में भी आशापूर्ण बदलाव लाते हैं। आप इस काम को प्रभावी ढंग से तब कर सकते हैं, जब आपकी कथनी और करनी में अंतर ना हो। यहां बताए गए कुछ तरीकों से आप सलाह देने के साथ सलाह पर अमल करना भी सीख सकेंगे :
कुछ नया करने से न डरें
जब आप एक आरामदायक दिनचर्या में ढल चुके होते हैं और 24 घंटे अपने हिसाब से काम कर रहे होते हैं, तो आप खुद में बदलाव से कतराते हैं। जब आप किसी को कुछ नया करने की सलाह देते हैं, तो आप खुद से पूछें कि क्या आपने अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए कोई बदलाव किया है? जब आप हमेशा कुछ नया करते रहते हैं, तो आप अपने रास्ते के साथ अपनी किस्मत में भी बदलाव करते हैं। अपनी सलाह पर अमल करना है और उसके बाद आप दूसरों को भी अपना उदाहरण देकर उनके जीवन में अहम बदलाव कर सकेंगे।
समय के पाबंद बनें
समय की कीमत समझने वाला व्यक्ति अपना प्रभाव आसानी से बना पाता है। अगर आप किसी को समय पर आने की सलाह दे रहे हैं, तो पहले अपनी घड़ी को दुरुस्त करें। क्योंकि जो सुझाव दीजिए, उस सलाह पर अमल करना ज़रूरी है। खुद से पूछें कि आप समय के कितने पाबंद हैं। यदि आप किसी भी जगह पर समय पर पहुंचने का अभ्यास करते हैं, तो यह आपकी निष्ठा और कर्मठता को दर्शाता है। इस तरह आप न केवल दूसरों के लिए विश्वसनीय बनते हैं, बल्कि आप आत्मविश्वासी भी महसूस करते हैं। याद रखें कि समय के पाबंद व्यक्ति को किसी ऐसे व्यक्ति की तुलना में अधिक गंभीरता से लिया जाता है, जिसे समय का महत्व ना पता हो। इसलिए किसी भी व्यक्ति को समय की पाबंदी सिखाने से पहले खुद उस सलाह पर अमल करना है।
दिनचर्या में नियमितता लाएं
एक सही जीवन के लिए दिनचर्या का होना बहुत ज़रूरी है। डेली रूटीन हमारे काम करने के तरीके और परिश्रम को अच्छे से दर्शाता है। दिनचर्या का पालन करने से हमारा जीवन सार्थक और सही दिशा में चल सकता है? एक शोध के मुताबिक, जीवन में दिनचर्या सार्थकता और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है। एक बेहतरीन दिनचर्या की शुरुआत करने के लिए पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें और रोज़ाना उसे पूरा करने की कोशिश करें। यह प्रयास तब तक जारी रखें, जब तक यह आपकी दिनचर्या का हिस्सा न बन जाए। इस तरह, आप न सिर्फ अपने समय को नियंत्रित कर सकेंगे, बल्कि इस सलाह पर अमल करना आपके आत्म-अनुशासन को भी बढ़ावा देता है।
खुद को बेहतर उदाहरण बनाएं
अक्सर आप देखते हैं कि माता-पिता अपने बच्चों के बारे में शिकायत करते हैं कि वे बातें नहीं सुनते हैं या असभ्य व्यवहार करते हैं। लेकिन माता-पिता इस बात को नहीं समझते हैं कि उनके बच्चे का व्यवहार असल में उनका ही प्रतिबंब है। एक अध्ययन से पता चलता है कि जब बच्चों में अनुशासन की सही समझ नहीं होती है, तो वह माता-पिता के व्यवहार की नकल करते हैं, जो एक स्वाभाविक व्यवहार है। यदि माता-पिता एक-दूसरे पर चिल्लाते हैं या झगड़ा करते हैं, तो बच्चा इसे सामान्य व्यवहार के रूप में स्वीकार करेगा। इस नज़रिए को बदलने का एकमात्र तरीका है कि आप स्वयं एक अच्छा उदाहरण बनें। जब आपका व्यवहार या कार्य आपकी सलाह के उलट होता है, तो आपके द्वारा दी गई हर सलाह का बच्चे पर कोई प्रभाव नहीं डाल पाएगी। इसलिए सलाह पर अमल करना अपने स्वभाव में उतार लें।
बहाने बनाना छोड़ें या खुद से झूठ मत बोलें
दूसरों को सलाह देना आसान है जबकि सलाह पर अमल करना है या नहीं इसके कई बहाने आपके पास रहते हैं। आप कोई अपवाद नहीं हैं। आप खुद से किए गए वादों को पूरा करें, कोशिश करें कि आप बहानों पर ध्यान देने के बजाय उन्हें पूरा करने का तरीका ढूंढे। दूसरों के लिए मिसाल कायम करें और दूसरे आप को देख कर आपकी सलाह को अपनाए। आप जो उपदेश या सलाह देते हैं, उसे स्वयं के जीवन में उतारें, इससे लोगों को आप पर भरोसा होने के साथ ही आप उनके लिए एक आदर्श भी बनेंगे। अपनी बात पर कायम रहने से, आप एक ऐसे व्यक्तित्व बन जाएंगे जिस जैसा दूसरे भी बनना चाहेंगे।