सोशल मीडिया पर आए दिन शेयर होने वाले कोट्स और मीम्स को देखकर, यह साफ पता चलता है कि आज-कल की जेनरेशन को अपने रिश्तेदारों से ताल्लुक रखने में पहले जितनी दिलचस्पी नहीं है। अब ज़्यादातर लोग अपने परिवार के अलावा किसी और रिश्ते में उलझना पसंद नहीं करते। जहां पहले के ज़माने में लोग पड़ोसियों से भी सारे रिश्ते निभाया करते थे, वहीं आज-कल लोग रिश्तेदारों से भी दूर रहना पसंद करते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आज-कल के लोग अपनी ज़िंदगी में ज़्यादा व्यस्त हो गए हैं।
पर क्या आप जानते हैं, रिश्तों की दिन व दिन घटती अहमियत के हमारे लिए बहुत नुक्सान भी हैं। इस दुनिया में जन्म लेने के बाद हमें पापा-मम्मी का अनमोल रिश्ता तो मिलता ही है, पर उनके साथ ही उनसे जुड़े बहुत से रिश्ते मिलते हैं, जो हमारे लिए उतने ही ज़रूरी हैं, जितना कि मां-पापा का रिश्ता। इन रिश्तों से मिलकर ही तो हमारा परिवार बनता है। एक परिवार ही हमें इस समाज में रहने का हक दिलाता है। इन्हीं रिश्तों और परिवार की अहमियत को बनाए रखने के लिए चलिए पढ़ते हैं, रिश्तों पर सुविचार।
रिश्ते कहीं छूट न जाएं (Rishte kahin chhoot na jayein)
ये दुनिया भले ही कितनी भी बड़ी है, पर अगर हमारे पास कोई भी ऐसा शख्स नहीं जिसे हम अपना कह सकें तो फिर हम इस दुनिया की भीड़ में भी अकेले हैं। जी हां, हमारे रिश्ते ही हमारी सबसे बड़ी ताकत होते हैं, जो हर कदम पर हमारा साथ देते हैं। इन रिश्तों की जब हमारी ज़िंदगी में इतनी अहमियत है तो फिर हम धीरे-धीरे इनसे ही अलग क्यों होते जा रहे हैं? क्यों हम समय रहते ये नहीं समझ लेते कि हमारे लिए ये रिश्ते बहुत कीमती हैं। हम अपनी ज़िंदगी में चाहे जितना व्यस्त हो जाएं, पर रिश्ते और परिवार के लिए वक्त हमेशा निकालना चाहिए। रिश्ते हमारी खुशियों (Happiness) की वजह होते हैं। अब रिश्ता चाहे मां-बच्चे का हो, भाई-बहन का हो या फिर दोस्ती का हो, हमारी ज़िंदगी से कहीं रिश्ते छूट न जाएं, इसके लिए पढ़िए रिश्तों पर सुविचार।
हर रिश्ता है अनमोल (Har rishta hai anmol)
रिश्तों पर सुविचार पढ़ने से पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि यहां कौन से रिश्तों की बात हो रही है? संसार में जन्म लेने के बाद कुछ रिश्ते तो हमें बने-बनाए मिलते हैं, जिन्हें हम परिवार कहते हैं। ये ऐसे रिश्ते होते हैं, जिनमें भले ही बोल-चाल बंद हो जाए, पर रिश्ते खत्म नहीं होते। वहीं दूसरी ओर कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिन्हें हम खुद बनाते हैं, जैसे- प्यार और दोस्ती का रिश्ता। ये रिश्ते समय के साथ बदल भी सकते हैं, पर इनकी अहमियत कई बार हमारी ज़िंदगी में खून के रिश्तों से भी ज़्यादा हो जाती है।
क्या आप जानते हैं? रिश्ते खुद बनाएं हुए हों या फिर हमें बने-बनाए मिले हों, पर रिश्ते, रिश्ते होते हैं। उनकी अहमियत और ज़रूरत हमें हमेशा रहती है। कहते हैं, अपनों के साथ कुछ पल सुकून से गुज़ारने से ही हमें दिन भर की थकान और चिंता से मुक्ति मिलती है। रिश्ते तो अनमोल होते हैं। अपने रिश्तों में प्यार और अपनेपन को मजबूत करने के लिए पढ़िए रिश्तों पर सुविचार।
रिश्तों पर ये 7 सुविचार, जो बढ़ाएंगे प्यार (Rishton par ye 7 suvichar, jo badhayenge pyar)
रिश्तों की अहमियत समझना और कद्र करना बहुत ज़रूरी है। इस बात को और भी गहरे तरीके से समझने के लिए यहां कुछ रिश्तों पर सुविचार दिए गए हैं। रिश्तों पर सुविचार पढ़कर अपने रिश्तों को मज़बूत बनाएं।
दुनिया में हर चीज़ खरीदी जा सकती है,
पर रिश्तों की कोई भी कीमत नहीं लगाई जा सकती है!
इस कोट का मतलब है कि आज दुनिया में लोग पैसों से हर चीज़ खरीदने की कोशिश करते हैं, और बहुत हद तक पैसों के बल पर बड़ी से बड़ी चीज़ खरीद भी लेते हैं, पर बस रिश्ता ही एक ऐसी चीज़ है, जिन्हें हम बड़ी से बड़ी कीमत लगाकर भी नहीं खरीद सकते।
हाथ पकड़ लो अपनों का,
ज़िंदगी आसान हो जाएगी!
इस सुविचार में ‘अपनों’ का मतलब है अपने खास रिश्ते। इस सुविचार का मतलब है कि अगर हम अपने रिश्तों और अपने खास लोगों के साथ रहते हैं, तो ज़िंदगी में आने वाली बहुत सी मुश्किलें हमें आसान लगती हैं। क्योंकि तब हम अकेले नहीं होते, हमारे पास हमारा साथ देने वाले रिश्ते होते हैं।
मैंने पैसे भले ही कम कमाए हैं,
पर मैंने रिश्ते बड़ी शिद्दत से निभाए हैं!
रिश्तों पर सुविचार के क्रम में, ये कोट कह रहा है कि ज़िंदगी में आप कितना कमाते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता पर आपको हर रिश्ता बड़े प्यार से निभाना आना चाहिए।
मेरे अपने जो मेरे साथ हैं,
फिर हालातों से डरने की क्या बात है!
इस कोट में लिखा है कि अगर हमारे साथ हमारे अपने हैं तो फिर हमें खराब हालात में भी डरने की कोई ज़रूरत नहीं, क्योंकि हमारा परिवार हमें हर चुनौती से लड़ने में मदद करता है।
परिवार हमारी सबसे बड़ी ताकत है,
इनकी मदद से हम दुनिया जीत सकते हैं!
रिश्तों पर सुविचारों में, इस सुविचार का मतलब है कि हमारा परिवार हमारी शक्ति है, परिवार के साथ हम सबसे मजबूत और सुरक्षित महसूस कराते हैं।
मिले जो वक्त कभी तो इतना करना,
जो छूट गए हैं रिश्ते पीछे, उन्हें फिर से जोड़ लेना!
यानी हमें अपने उन रिश्तों को बात करके या मिलकर फिर से जोड़ लेना चाहिए, जो अचानक ही बिना कारण खराब हो गये हैं, क्योंकि रिश्ते हमारे लिए बहुत ज़रूरी होते हैं।
रिश्ते निभाने के लिए अगर झुकना पड़े तो झुक जाना,
गलतियां दूसरों की भूलने लायक हों, तो भूल जाना!
परिवार और रिश्तों पर हिंदी कोट्स की लिस्ट में यह कोट खास है। इस कोट में लिखा है कि कभी-कभी हमें थोड़ा झुककर भी रिश्ते निभाने पड़ें तो हमें रिश्ते निभा लेने चाहिए और अपनों को उनकी छोटी-छोटी गलतियों के लिए माफ कर देना चाहिए।
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