आज के समय में डिग्री होना तो ज़रूरी है, लेकिन उसके साथ युवाओं का स्किल्ड होना भी बहुत ज़रूरी है। क्योंकि डिग्री से हमें ज्ञान तो मिलता है, लेकिन प्रैक्टिकल नॉलेज उसमें चार चांद लगा देती है। दुनिया में जैसे-जैसे तकनीकों को विकास हो रहा है, उसमें कहीं न कहीं स्किल का महत्व बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आज के कंपीटिशन वाले दौर में रोज़गार के लिए स्किल्ड कामगारों का महत्व ज़्यादा हो गया है। साल 2019 की इंडिया स्किल्स की रिपोर्ट के अनुसार देश के ग्रेजुएशन करने वाले युवा इस लायक नहीं हैं कि उन्हें कोई रोज़गार दिया जा सके। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास डिग्री तो है, लेकिन स्किल नहीं है।
स्किल किसी भी काम को ठीक ढंग से करने की क्षमता को कहते हैं। जिनके पास स्किल होती है, वो अपनी स्किल के दम पर किसी काम को बिना डिग्री के बेहतर ढंग से कर सकते हैं। कुछ दिनों पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 कौशल विकास योजनाओं की शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने कहा था कि युवाओं का कौशल ही भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है। तो सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) के अवसर पर बताएंगे कि युवाओं को मेहनती होने के साथ-साथ स्किल्ड होना क्यों ज़रूरी है। साथ ही हम बताएंगे कि विश्व युवा कौशल दिवस कब मनाया जाता है।
विश्व युवा कौशल दिवस कब मनाया जाता है? (Vishva Yuva Kaushal Divas kab manaya jata hai?)
युवाओं के बीच रोज़गार की समस्या को कम करने और उन्हें स्किल्ड बनाने के लिए विश्व युवा कौशल दिवस मनाने की शुरुआत की गई। संयुक्त राष्ट महासभा ने 11 नवंबर 2014 को श्रीलंका की पहल पर हर साल इस दिवस को मनाने की घोषणा की। सबसे पहले 15 जुलाई को इस दिवस को मनाया गया, जिसके बाद से इसी दिन पूरी दुनिया में वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे को सेलिब्रेट किया जाने लगा। इस दिन युवाओं को कौशल विकास में निवेश करने के लिए जागरूक किया जाता है। इसको लेकर पूरी दुनिया में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
भारत में कब शुरू हुई कौशल विकास योजना? (Bharat mein kab shuru hui Kaushal Vikash Yojana)
भारत में युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए 15 जुलाई 2015 को कौशल विकास योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसके तहत युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में फ्री औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे युवाओं को आसानी से रोज़गार मिल सके। इस प्रशिक्षण को पा लेने के बाद कोई भी युवा पूरे देश में कहीं भी रोज़गार पा सकता है।
100 करोड़ नौकरियां टेक्नोलॉजी पर होंगी आधारित (100 crore naukariyan technology par hongi aadharit)
आज पूरी दुनिया में हर दिन नई-नई टेक्नोलॉजी का आविष्कार हो रहा है, जो हमारे काम को आसान कर रहे हैं। वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के अनुसार आने वाले कुछ समय में पूरी दुनिया में 100 करोड़ नौकरियां अकेले टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में होंगी। इसलिए नई-नई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जानकारी जुटाना और उनमें महारत हासिल करना युवाओं के आगे बढ़ने के लिए बहुत ज़रूरी हो गया है। आज के समय में ज़रूरी हो गया है कि डिग्री के साथ-साथ युवाओं को नई-नई तकनीक की भी जानकारी हो, तभी वो मार्केट में बने रह सकते हैं।
भारत के युवा और रोज़गार की परिस्थिति (Bharat ke yuva aur rozgar ki paristhiti)
साल 2019 की इंडिया स्किल्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के ग्रेजुएशन करने वाले 53 प्रतिशत युवा ऐसे हैं कि उन्हें कोई रोजगार नहीं दिया जा सकता। क्योंकि इनके पास डिग्री तो है लेकिन स्किल नहीं है। वहीं, आज के समय में नौकरी लिए बाज़ार में सबसे ज़्यादा ज़रूरी स्किल ही है। विशेषज्ञों के अनुसार कौशल विकास ही भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है। साल 2030 तक भारत के 65 प्रतिशत यानी करीब 100 करोड़ युवा नौकरी करने की उम्र में पहुंच जाएंगे। ऐसे में इन्हें नौकरी देने के लिए स्किल की बहुत ही ज़्यादा ज़रूरत है।
विशेषज्ञों के अनुसार भारत के पास युवा जनसंख्या का फायदा उठाने का यह आखिरी मौका होगा। इसलिए स्कूल और कॉलेज स्तर से ही युवाओं को स्किल्ड बनाना होगा। आज के समय में भी भारत में 90 प्रतिशत नौकरी ऐसे ही लोगों को मिलती है, जिनके अंदर किसी ने किसी तरह की स्किल है। इसलिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए युवाओं को स्किल्ड होना बहुत ही ज़रूरी है।
इस आर्टिकल में हमने आपको युवाओं को स्किल्ड होना क्यों ज़रूरी है, इसके बारे में बताया। यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और इसी तरह की जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।