क्यों ज़रूरी हैं तीन जादुई शब्द: सॉरी, थैंक्यू और प्लीज कहना?

ये तीन शब्द साबित करते हैं कि आप अपनी गलतियों को स्वीकार करने की हिम्मत रखते हैं, दूसरों के काम की तारीफ करना जानते हैं और अपनी बात को आदरपूर्ण तरीके से रखना आपकी फितरत है।

आप सोच रहे होंगे कि तीन जादुई शब्द क्या हैं? तो आपके बता दें कि सॉरी, थैंक्यू, और प्लीज जैसे शब्द साधारण नहीं हैं, ये वो जादूई शब्द हैं, जो दिलों को जोड़ने के साथ रिश्तों को मजबूत करने का काम करते हैं और किसी भी तरह की तकरार को सुलझाने की ताकत रखते हैं। एक बार सोचिए अगर आपने गलती से किसी को टक्कर मारी हो और आप तुरंत सॉरी कह दें, तो सामने वाला न सिर्फ आपकी गलती को भूल जाता है बल्कि आपकी सच्चाई की कद्र भी करता है। इसी तरह थैंक्यू कहना छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन यह आपके लिए किए गए हर छोटे-बड़े काम का मान बढ़ाता है। यह बताता है कि आप किसी की मदद को हल्के में नहीं ले रहे।

वहीं, प्लीज के बारे में तो यही कहा जा सकता है कि यह सभी बंद दरवाजे की चाबी है। जब भी आप यह कहते हैं, तो आपके शब्दों में एक तरह की विनम्रता झलकती है, जो सामने वाले को आपकी बात मानने के लिए प्रेरित करती है।
सही मायने में कहा जाए तो ये तीनों शब्द, आपके व्यक्तित्व की पहचान बनाते हैं। ये साबित करते हैं कि आप अपनी गलतियों को स्वीकार करने की हिम्मत रखते हैं, दूसरों के काम की तारीफ करना जानते हैं और अपनी बात को आदर पूर्ण तरीके से रखना आपकी फितरत है।

दुनिया में हर कोई सम्मान चाहता है, और इन जादुई शब्दों के ज़रिए आप बिना कुछ ज़्यादा कहे दूसरों को वो सम्मान दे सकते हैं। तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम इन्हीं तीनों शब्दों के बारे में बात करेंगे और बताएंगे कि क्यों ज़रूरी हैं ये तीन जादुई शब्द। 

सॉरी, जब गलती मानना बने आपका बड़प्पन (Sorry, jab galati manana banein aapka baddapan)

इस दुनिया में जो भी इंसान है, वो कभी ना कभी गलती तो जरूर करता है। क्योंकि हम सभी लोग इंसान ही तो हैं, मशीन नहीं हैं। लेकिन गलती करने के बाद सॉरी कहना यह दिखाता है कि आपमें आत्मस्वीकार्यता है। जब आप किसी से सॉरी कहते हैं, तो आप उनके गुस्से को कम कर देते हैं और अपनी सच्चाई साबित करते हैं।

सॉरी कहने के फायदे

रिश्तों में बढ़ती दरार को कम करता है।

आपका ईगो (अहंकार) कम करके आपको बेहतर इंसान बनाता है।

सामने वाले को महसूस कराता है कि आप उनकी भावनाओं की कद्र करते हैं।

थैंक्यू, आभार व्यक्त करने के लिए (Thank you, aabhar vyakt karne ke liye)

हम जब पृथ्वी पर आते हैं, तो माता–पिता से लेकर गुरु और दोस्तों से लेकर आसपास के लोग हमारे लिए बहुत कुछ करते हैं, जिससे हमारा जीवन सही तरीके से चले और हम करियर से लेकर सामाजिक जीवन में सही तरीके से रह पाएं। दोस्त हमें मुश्किल वक्त में सहारा देते हैं और अनजान लोग भी किसी ना किसी मोड़ पर मदद करते हैं। उनकी मेहनत और योगदान का सराहना हम थैंक्यू कहकर करते हैं। 

थैंक्यू कहने के फायदे 

रिश्तों में मिठास घोलता है।

आपको विनम्र और ज़मीन से जुड़ा हुआ दिखाता है।

दूसरों को अपनी कोशिशों पर गर्व महसूस करने का मौका देता है।

प्लीज, जो है हमारी विनम्रता की पहचान (Please, jo hai humari vinamrta ki pehchan)

जब आप किसी से कुछ मांगते हैं या किसी काम के लिए कहते हैं, तो प्लीज का इस्तेमाल करना यह दिखाता है कि आप उनकी जगह और वक्त की कद्र करते हैं। यह महज एक शब्द नहीं है, बल्कि दूसरों से सम्मान जताने का एक तरीका है।

प्लीज बोलने के फायदे

सामने वाले को काम करने का उत्साह देता है।

आपकी बात को और गंभीरता से सुना जाता है।

अहंकार को दूर रखकर विनम्रता बढ़ाता है।

सॉरी, थैंक्यू और प्लीज क्यों ज़रूरी हैं? (Sorry, Thank You aur Please bolna kyun hai zaroori?)

ये रिश्तों को बनाते और बचाते हैं

हम सबको दूसरों से सहयोग की ज़रूरत होती है। सॉरी, थैंक्यू और प्लीज कहना रिश्तों में नज़दीकियां लाता है। चाहे हमारी अटूट दोस्ती हो, परिवार हो या फिर ऑफिस, ये शब्द आपके विचारों को सीधे दिल तक पहुंचाने का काम करते हैं।

आपको एक अच्छा इंसान बनाते हैं 

यह तीनों शब्द आपके व्यक्तित्व को परिपक्व और आकर्षक बनाते हैं। जब आप इन्हें अपनी आदत में शामिल करते हैं, तो लोग आपकी सराहना करते हैं और आपको सम्मान की नज़रों से देखते हैं।

समाज को भी बनाते हैं बेहतर 

हमारा समाज अच्छे शब्दों और कामों से चलता है। जब हम एक-दूसरे को सम्मान देते हैं। और सॉरी, थैंक्यू, प्लीज जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो हम दूसरों को भी यह सिखाते हैं कि हर इंसान की अहमियत होती है।

इन शब्दों को बोलने की कैसे बनाएं अपनी आदत? (In shabdon ko bolane ki kaise banayein apni aadat?)

इसको लेकर छोटी-छोटी बातों से शुरू करें। जैसे किसी ने गेट खोलने में मदद की, तो उसे थैंक्यू कहें। कोई गलती हो गई, तो फिर तुरंत सॉरी कहें। वहीं, अगर आप इन शब्दों को बोलने में झिझकते हैं, तो इसका समाधान है कि आप खुद के सामने इन शब्दों का प्रयोग करें। वहीं, बच्चों को भी अगर बचपन से इन शब्दों का महत्व बताया जाए, तो वो आजीवन इनकी अहमियत को समझेंगे। साथ ही इन शब्दों को रोज़मर्रा के जीवन में शामिल करें। इससे आपको बहुत ही फायदा होने वाला है।

इस आर्टिकल में हमने आपको सॉरी, थैंक्यू और प्लीज की अहमियत बताई और बताया कि ये शब्द बोलने क्यों ज़रूरी हैं। तो यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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