एक बार सोच कर देखिए आप नॉर्मल ज़िंदगी जी रहे हैं और इसी दौरान कोई आपको कहता है कि ‘तुम्हारा वज़न ज्यादा नहीं हो गया’ या ‘तुम इतने दुबले क्यों हो’ ‘तुम्हारा रंग ज़्यादा काला नहीं है’ सुनने में ये बातें छोटी लग सकती हैं, लेकिन इसका असर ऐसा होता है कि हमारा आत्मविश्वास हिल सा जाता है। यही है बॉडी शेमिंग, दूसरों के शरीर को उनके वजन, रंग, कद या किसी भी फिजिकल विशेषता के लिए उन्हें शर्मिंदा करना। हम में से ज़्यादातर लोगों को कभी ना कभी इस चीज़ का सामना करना पड़ता है।
कभी रिश्तेदार शादी में मोटे होने का ताना मारते हैं, तो कभी ऑफिस के किसी साथी का मजाकिया तंज हमारी स्किन टोन पर। सोशल मीडिया ने तो इसे और आसान बना दिया है, अंजाने लोग बिना सोचे-समझे आपकी तस्वीर पर कमेंट करते हैं। इन बातों का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा असर होता है। जब भी कोई इस तरह की बात करता है, तो हमारे अंदर का आत्मविश्वास कमजोर होता जाता है। हम खुद को आईने में देखते हैं और सोचने लगते हैं, क्या मैं वाकई इतना बुरा दिखता हूं? ये चिंता धीरे-धीरे तनाव, डिप्रेशन का कारण बन जाती है।
बॉडी शेमिंग सिर्फ मज़ाक या मज़े के लिए कही गई बात नहीं है, बल्कि ये मानसिक बोझ का कारण बन सकती है। तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे के बॉडी शेमिंग क्या है और ये कैसे मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है।
कैसे होती है बॉडी शेमिंग? (Kaise hoti hai body shaming?)
बॉडी शेमिंग के कई रूप हो सकते हैं, जैसे वजन को लेकर मज़ाक बनाना, रंग या त्वचा को लेकर टिप्पणी करना, हाइट या बॉडी शेप पर ताना मारना, लुक्स को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग करना।
यहां तक की किसी का हंसी का मज़ाक बनाना, किसी की छोटी आंखो को देखकर उसे चाइनीज कहना, मोटू, पतलू, लंबू, कालू आदि जैसे नाम भी बॉडी शेमिंग के अंतर्गत ही आते हैं। किसी के कम बालों के लिए मज़ाक उड़ाना, किसी के दांतों के शेप का मज़ाक बनाना भी इसी का हिस्सा है।
बॉडी शेमिंग कई तरह की होती है। अक्सर जाने अनजाने में अन्य लोग या हम भी ऐसा करते हैं और इनका शिकार भी होते रहते हैं। कई लोग इससे अनजान हैं और कई लोग जानबूझकर भी दूसरों को दुख पहुंचाने के लिए ऐसा करते हैं।
बॉडी शेमिंग का मानसिक स्वास्थ्य पर असर (Body Shaming ka mansik swasthya par asar)
आत्मविश्वास की कमी
जब बार-बार किसी को उसके लुक्स को लेकर आलोचना सुननी पड़े, तो उसका आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। लोग अपने आप को कमतर महसूस करने लगते हैं।
तनाव और चिंता
लगातार नकारात्मक टिप्पणियों से व्यक्ति तनाव का शिकार हो सकता है। हर बार यह सोचकर घबरा सकता है कि लोग उसके बारे में क्या कहेंगे।
डिप्रेशन
बार-बार तानों का सामना करने से व्यक्ति डिप्रेशन में जा सकता है। उसे यह लगने लगता है कि वह दूसरों के मुताबिक सही नहीं है।
खुद को नुकसान पहुंचाने की सोच
कई बार बॉडी शेमिंग इतनी गंभीर हो जाती है कि लोग खुद को चोट पहुंचाने या आत्महत्या तक का विचार करने लगते हैं।
ईटिंग डिसऑर्डर्स
बॉडी को लेकर टिप्पणियों के कारण कुछ लोग ज़्यादा खाना शुरू कर देते हैं, तो कुछ खाना बंद कर देते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
समाज में बॉडी शेमिंग के असर (Samaj mein body shaming ke asar)
बॉडी शेमिंग केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करता है। यह कई बार छोटे बच्चों में भी आत्मग्लानि और हीनभावना पैदा कर देता है। बच्चों में यह आदत बड़ों के बर्ताव से सीखकर आती है, और यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाती है।
बॉडी शेमिंग से बचने के उपाय (Body Shaming se bachne ke upay)
खुद से प्यार करना सीखें
हर इंसान अनोखा है और उसकी अपनी विशेषताएं हैं। अपने शरीर की खासियतों को समझें और उसे अपनाएं।
नकारात्मक लोगों से दूर रहें
ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें, जो बार-बार आपकी बॉडी पर टिप्पणी करते हैं।
सोशल मीडिया का समझदारी से उपयोग करें
ट्रोल्स और नेगेटिव कमेंट्स पर ध्यान न दें। पॉजिटिव कंटेंट और सपोर्टिव लोगों को फॉलो करें।
अपने मन की बात शेयर करें
अगर कोई बात परेशान कर रही हो, तो इसे अपने करीबी दोस्तों या परिवार के साथ शेयर करें।
खुद को सकारात्मक सोच से मजबूत करें
हर दिन कुछ समय खुद के लिए निकालें, जैसे योगा, मेडिटेशन, या अपने शौक पूरे करना। यह आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करेगा।
हम सबके लिए ज़रूरी है कि बॉडी शेमिंग से समाज को आज़ाद करें, किसी के आत्मविश्वास कम करने में भागीदार न बनें।
यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, कमेंट करके ज़रूर बताएं। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।