कोई गुस्सा हो तो कैसे मनाएं?

क्रोध करना जितना आसान है, क्रोध का परिणाम सोचना भी उतना ही ज़रूरी है, क्योंकि जब हम क्रोध का परिणाम सोचे बिना ही दूसरों पर अपना गुस्सा निकाल देते हैं तो इससे हमारे जीवन और रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है।

जब भी कोई काम या व्यवहार हमारी इच्छा के मुताबिक नहीं होता तो हमें गुस्सा आता है। कई बार हम गुस्से में आकर अपना आपा खो बैठते हैं, और अनजाने में ही अपने गुस्से से दूसरों के साथ ऐसा बर्ताव कर देते हैं, जिससे उनके दिल को बहुत ठेस पहुंचती है। जब तकलीफ हमने दी है, तो उसे कम करने की ज़िम्मेदारी भी हमारी ही है, यानी अपने रूठे हुए करीबियों को मनाने की ज़िम्मेदारी भी हमारी ही है।

आपने सुना होगा कि अगर कोई रूठ जाये तो उसे फौरन मना लेना चाहिए, क्योंकि रिश्तों में खामोशियां गलतफहमी को और बढ़ा देती हैं। इसलिए हमें अपने रिश्तों को गलतफहमीयों से पहले ही सुधार देना चाहिए। गुस्सा सबको आता और इसपर हमारा ज़ोर भी बहुत कम होता है, पर अगर हमारे गुस्से के कारण अगर कोई हम से नाराज़ हो गया है तो चलिए उसे माना लिया जाये।

मगर दिक्कत ये है कि हम में से ज़्यादातर लोगों को सही तरीके से मनाना ही नहीं आता। क्या आपको भी रूठे हुए को मानना नहीं आता? तो घबराइए नहीं, मैं आपको बताती हूं कि कोई गुस्सा हो तो उसे कैसे मनाया जा सकता है। लेकिन, इससे पहले हम जानेंगे कि गुस्सा आने के कारण और इसे कम करने के उपाय क्या हैं।

क्या हैं क्रोध के कारण? (Kya hain krodh ke karan?)

गुस्से या क्रोध के कारण बहुत हो सकते हैं, जो हमारे मानसिक और शारीरिक गतिविधियों की वजह से पैदा हो सकते हैं। ज़्यादातर, क्रोध तब आता है जब हमारी इच्छाएं या ज़रूरतें पूरी नहीं होतीं या कुछ ऐसे हालत पैदा हो जाते हैं जो हमारी भावनाओं पर असर डालते हैं। गुस्सा आने की एक वजह तनाव, थकान, या नींद की कमी भी हो सकती है, क्योंकि ये स्थितियां हम में झुंझलाहट पैदा करती हैं। किसी से धोखा मिलना, असुरक्षा की भावना, किसी के द्वारा किया गया बुरा बर्ताव या अतीत के बुरे अनुभव भी क्रोध के कारण बन जाते हैं।

कैसे कम करें गुस्सा करने कि आदत? (Kaise kam karein gussa karne ki adat?)

गुस्सा अक्सर हमारी खुशियों (Happiness) और रिश्तों में बाधा बनता है। गुस्सा करने की आदत को कम करने के लिए सबसे पहले अपने गुस्से की वजह को पहचानना ज़रूरी है। जब आपको गुस्सा आए, तो गहरी सांसें लेकर खुद को शांत करें और थोड़ी देर अकेले रहने की कोशिश करें।

नियमित व्यायाम भी तनाव को कम करता है, जिससे गुस्सा नियंत्रण में रहता है। जब भी गुस्सा आए तो वहां से हट जाना बेहतर होता है, माहौल में छोटा सा बदलाव हमें गुस्से से बचा सकता है। अगर आपको ज़रूरत से ज़्यादा गुस्सा आता है और उसपर आपका नियंत्रण नहीं रहता तो आप थेरेपिस्ट की सलाह भी ले सकते हैं।

क्रोध का परिणाम सोचना है ज़रूरी (Krodh ka parinam sochna hai zaroori)

क्रोध करना जितना आसान है, क्रोध का परिणाम सोचना भी उतना ही ज़रूरी है, क्योंकि जब हम क्रोध का परिणाम सोचे बिना ही दूसरों पर अपना गुस्सा निकाल देते हैं तो इससे हमारे जीवन और रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है। बिना सोचे-समझे क्रोध में की गई, हरकतें अक्सर परेशानियां बढ़ा देती है और जब बाद में गलती का एहसास होता तब तक चीज़ें बिगड़ चुकी होती हैं।

ज़्यादा क्रोध करना या क्रोध के परिणाम से हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य नकारात्मक असर पड़ता है। इससे तनाव, हाई ब्लडप्रेशर, और दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए किसी भी हालत में गुस्सा करने से पहले गुस्से या क्रोध का परिणाम सोच लेना चाहिए।

कोई रूठ जाये तो ऐसे मनाएं (Koi rooth jaye to aise manayein)

यूं तो क्रोध का परिणाम बहुत खतरनाक हो सकता है, पर समय रहते पछतावा करके और माफी मांग कर बात संभाली जा सकती है। आइये सोलवेदा पर जानते हैं, अपने रूठे हुए को मानना।

उनकी सुनें

अगर कोई रूठ जाए तो उन्हें मनाने के लिए सबसे पहले शांत और धैर्यवान रहें। उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें और उनकी बातें ध्यान से सुनें।

गलती मान लें

अपनी गलती मानने में शर्म या झिझक महसूस न करें। अगर आपसे कोई भूल हुई है, तो उसका पछतावा भी करें और जल्द ही माफी मांग लें। अगर वो व्यक्ति आपके दिल के करीब है तो उसे एक जादू की झप्पी देकर भी मना सकते हैं।

सॉरी नोट्स या उपहार से बन सकता है काम

अगर अपने कोई नाराज़ हो जाये तो उसे मनाने के लिए आप किसी छोटे से गिफ्ट या ईमानदारी से लिखे गए मैसेज का सहारा ले सकते हैं। ऐसे छोटे प्रयास उन्हें ज़रूर पसंद आएंगे।

दिल की बात कहें

उन्हें महसूस कराएं कि आप सच में शर्मिंदा हैं। अपने यादगार पलों की बातों से उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करें। उन्हें ये महसूस कराएं कि वे आपके लिए खास हैं, और उनके बिना आप अधूरे हैं। हल्के-फुल्के अंदाज़ में हंसी-मज़ाक भी तनाव को कम कर सकता है। और सबसे ज़रूरी है, उन्हें यह एहसास दिलाना कि आपका रिश्ता उनके गुस्से से कहीं ज़्यादा कीमती है।

आप किसी के गुस्सा होने पर उन्हें कैसे मनाते हैं, हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी पर बने रहें।