काम के प्रेशर में ये 5 चीज़ें छोड़ने का सेहत पर होता है भारी नुकसान

काम का तनाव अक्सर हमारी नींद पर असर डालता है। लेकिन कम नींद से न केवल थकान बढ़ती है बल्कि काम से जुड़े फैसले लेने में भी मुश्किल होती है।

बिना काम के ज़िंदगी की गाड़ी नहीं चलती। इसे चलाने के लिए हमारे पास एक बढ़िया नौकरी का होना बहुत ज़रूरी है। हम में से बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो करियर को ही सब कुछ मानते हैं। उनके लिए उनका काम दुनिया में मौजूद हर खुशी, हर व्यक्ति और हर ज़रूरत से ज़्यादा ज़रूरी है। अपने काम को लेकर ये लगाव कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति को न तो अपने परिवार का होश रहता है और न ही अपने स्वास्थ्य का। और तो और व्यक्ति अपने खाने पीने की सुध भी नहीं रखता।

काम के लिए सीरियस होना अच्छी बात है, पर काम की वजह से अपनी ज़िंदगी के बाकी हिस्सों को अनदेखा करना तो सही नहीं है न। ये बात समझने वाली है कि हर व्यक्ति को काम का तनाव होता है पर काम का तनाव की वजह से अपने स्वास्थ्य और ज़रूरतों को इग्नोर करना बहुत गलत है। अपने काम की वजह से हम अक्सर जाने अनजाने में अपनी सेहत के दुश्मन बन जाते हैं, और खुद का बिल्कुल ख्याल नहीं रखते।

अगर आप भी अपने काम की वजह से अपनी ज़रूरी चीज़ें छोड़ रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है। आइये मैं सोलवेदा के साथ मिलकर आपको काम का तनाव कम करने के तरीकों के साथ-साथ उन चीज़ों के बारे में भी बताती हूं, काम के चक्कर में जिन्हें छोड़ देना आपके और आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

काम का तनाव कैसे कम करें? (Kaam ka tanav kaise kam karein?)

काम का तनाव या कार्य-संबंधित तनाव को कम करने के लिए सबसे ज़रूरी है, सही बैलेंस बनाना। रोज़ाना थोड़ा समय अपने लिए निकालें, चाहे वह ध्यान हो, योग हो या कोई पसंदीदा काम। काम को ज़रूरत से ज़्यादा सीरियस लेने के बजाय उसे सही तरीके से पूरा करने पर ध्यान दें। समय-प्रबंधन सीखें और काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर करें, जिससे दबाव कम महसूस हो।

अपने विचारों और भावनाओं को समझना भी ज़रूरी है। अगर तनाव ज़्यादा लग रहा हो तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें। काम के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें और शारीरिक तौर पर एक्टिव रहें। पूरी नींद और संतुलित खानपान से भी मानसिक ताज़गी बनी रहती है। अपनी क्षमताओं को पहचानें और फालतू की चिंता से बचें।

इसके अलावा, किसी नई हॉबी को अपनाने से भी मानसिक शांति मिलती है। ऑफिस और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है, ताकि लगातार काम का दबाव न बने। जब भी संभव हो, प्राकृतिक माहौल में समय बिताएं, यह सब उपाय आपके कार्य-संबंधित तनाव को कम कर देंगे।

काम के प्रेशर में आकर न छोड़े ये 5 चीज़ें (Kaam ke pressure mein aakar na chhodein ye 5 cheezein)

काम का दबाव बढ़ने पर हम कई ज़रूरी चीज़ों को अनदेखा करने लगते हैं, जिससे हमारे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।

चाहे कितना भी काम हो, इन 5 चीज़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए:

पूरी नींद

काम का तनाव अक्सर हमारी नींद पर असर डालता है। लेकिन कम नींद से न केवल थकान बढ़ती है बल्कि काम से जुड़े फैसले लेने में भी मुश्किल होती है। जब हम अच्छी तरह सोते हैं, तो हमारा दिमाग और शरीर दोनों ताज़गी और शक्ति से भर जाता है, जिससे हम अगले दिन और बेहतर काम कर सकते हैं। इसलिए, हर दिन कम से कम 6-8 घंटे की गहरी नींद ज़रूर लें

स्वस्थ खान-पान

काम के प्रेशर में अक्सर लोग खाना स्किप कर देते हैं या जंक फूड खाने लगते हैं। लेकिन असंतुलित खान-पान शरीर को कमजोर कर सकता है और मानसिक तनाव बढ़ा सकता है। वहीं, हेल्दी डाइट लेने से शरीर को ज़रूरी पोषण मिलता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। संतुलित आहार में हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और खूब सारा पानी पीना शामिल होना चाहिए।

ब्रेक और आराम

लगातार काम करने से न केवल मानसिक थकावट होती है, बल्कि शरीर भी तनाव महसूस करने लगता है। अगर बिना रुके काम किया जाए तो दिमाग सुस्त पड़ सकता है, जिससे प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है। छोटे-छोटे ब्रेक लेने से माइंड फ्रेश रहता है और काम को नए जोश के साथ किया जा सकता है। ब्रेक के दौरान हल्की स्ट्रेचिंग, टहलना या कुछ मिनटों के लिए आंखें बंद करके गहरी सांस लेना फायदेमंद होता है।

अपनों से बातचीत

काम के प्रेशर में हम अक्सर दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करना बंद कर देते हैं। लेकिन यह आदत मानसिक तनाव को और बढ़ा सकती है। अपनों से बात करने से हमें भावनात्मक सहारा मिलता है और हम हल्का महसूस करते हैं। अगर काम का बोझ ज़्यादा लगने लगे, तो किसी अपने से शेयर करें, इससे दिमाग पर दबाव कम होगा और सकारात्मकता महसूस होगी।

खुद के लिए वक़्त

काम में बिज़ी होने की वजह से अगर कोई अपनी पसंदीदा एक्टिविटी जैसे किताब पढ़ना, संगीत सुनना, मेडिटेशन या वॉक करना छोड़ देता है, तो इससे मानसिक शांति पर असर पड़ता है। खुद के लिए समय निकालना ज़रूरी है क्योंकि यह हमें रिलैक्स करता है और काम के तनाव को संतुलित करने में मदद करता है। जब हम अपनी हॉबी या रिलैक्सिंग एक्टिविटी में समय देते हैं, तो हमारी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है

काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करना ज़रूरी है, लेकिन खुद का ख्याल रखना उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है। अगर हम अपनी नींद, खानपान, ब्रेक, रिश्ते और खुद के लिए समय नहीं निकालेंगे, तो इससे न केवल काम पर असर पड़ेगा बल्कि सेहत भी बिगड़ेगी। खुद की ज़रूरतें समझें और जीवन में काम का संतुलन बनाए रखें ताकि आप तनावमुक्त रहकर बेहतर काम कर सकें।

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