जीवन के सार्थक-प्रेरक सबक हमें विफल होने पर भी दे सकते हैं सीख

'भले ही असफलता को स्वीकार करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह सीखने के लिए एक बेहतर अवसर भी हो सकता है।'

छोटी उम्र से ही हमारी परवरिश इस सोच के साथ होती है कि असफलता बुरी चीज़ होती है। जीवन में इससे हर स्तर पर बचने की कोशिश करना चाहिए। तमाम कोशिशों के बावजूद हमें अपने जीवन में समय-समय पर असफलता का सामना ज़रूर करना पड़ता है। हालांकि, विफलता को स्वीकार कर असफलता से सीख (Learn from failure) लेना एक मुश्किल प्रक्रिया हो सकती है। फिर भी अनुभव जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने का सबसे बेहतरीन मौका दे सकता है। हमें गहराई से इस पर विचार करना चाहिए। साथ ही नेक भावना से जीवन की सीख लेनी चाहिए। इसके अलावा हमें शानदार भविष्य के लिए असफलता से सीख लेनी चाहिए।

मान लो, आपने अपने पहले नॉवेल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जब आपने इसे लिखना शुरू किया था, तो आपका एकमात्र फोकस इसे खूबसूरती से गढ़ी गई कहानी बनाने पर था। लेकिन जब किताब लिख चुके होते हैं, तो आप पाएंगे कि जैसा आप चाहते थे, उस सोच से वह कोसो दूर है। इसके बाद आप निराश होकर अपने आपको पूरी तरह विफल मानने लगते हैं। लेकिन कुछ समय बाद आपको अहसास होने लगेगा कि आपने इस नॉवेल के जरिए लेखन और कहानी कहने के तरीकों के बारे में कुछ ज्यादा ही सीख लिया है। जो कि असफलता से सीख की तरह काम आएगा।

ज्यादातर समय असफलता आपके इगो पर एक इमोशनल किक की तरह लगती है। इससे आप कमज़ोर और शर्म के मारे झुक जाते हैं। इसका मतलब ये नहीं कि आप हार मान जाएं, बल्कि इसका सीधा-सीधा मायने यह है आपने असफलता से सीख लिया है। साथ ही समय खर्च करने के साथ काफी प्रयास किया है। ये और बात है कि आप इससे चूक गए, लेकिन आपको जीवन की सीख मिली। असफल होने पर आपको दुखी होने और शर्म से झुकने की ज़रूरत नहीं है। याद रखें टेलीफोन और बल्ब जैसे महान अविष्कार असफलता से सीख का ही नतीजा है। अपनी गलतियों को पहचानें और दोबारा कोशिश करें। जितनी जल्दी आप अपनी कमियों को पहचान लेंगे, उतनी ही जल्दी आप अपनी असफलता से सीख सकते हैं।

जानें जीवन के कुछ उपयोगी और प्रेरक सबक के बारें में जो असफल होने पर आपको जीवन की सीख दे सकते हैं।

बदलाव को स्वीकार करें (Badlav ko swikar karen)

जब आप किसी मामले में फेल हो जाते हैं, तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं आपसे चूक ज़रूर हुई होगी। मिसाल के तौर पर जब आप परीक्षा में फेल हो जाते हैं, तो इसके कई कारण होते सकते हैं। हो सकता है कि आपने सही से पढ़ाई ही न की हो। या अपने काम को सही ढंग से मैनेज नहीं कर पाए हों। संभव है कि आपने काफी देर से पढ़ाई शुरू की होगी। अगर आप इन निगेटिव आदतों को बार-बार दोहराते रहेंगे, तो ऐसे में सफल होने और अच्छी ग्रोथ हासिल करने में काफी दिक्कत हो सकती है। दूसरी ओर, असफलता आपकी वर्तमान मान्यताओं, वैल्यूज व ज्ञान को चुनौती देने के लिए विवश करता है। साथ ही नए अवसरों को तलाशने में मदद करता है। बदलाव को स्वीकार कर आप साहसी बन सकते हैं और जीवन में आने वाली चुनौतियों से सख्ती से मुकाबला करने में सक्षम बन सकते हैं। ये आपके लिए जीवन में सीख की तरह काम आएगा।

जिम्मेदारी लें (Jimmedari len)

अक्सर जब कोई इंसान गलती करता है, तो अपनी गलती को किसी दूसरे पर थोप देने या असफल होने पर उसकी जिम्मेदारी लेने से बचता है। यह बचने का सबसे आसान तरीका है। लेकिन, जब आप असफल होने पर अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी लेते हैं, तो इससे आपकी ईमानदारी साफ तौर दिखाई पड़ती है। इसके एवज में आप खुद को काफी सशक्त महसूस करेंगे। ज़िम्मेदारी लेने का मतलब है कि आप अपनी गलतियों से बखूबी परिचित हैं। इससे आपको असफलता से सीख मिलने के साथ ही एक बेहतर इंसान बनने काफी मदद मिलेगी। यह न सिर्फ सही तरीका है, बल्कि जीवन की सीख की तरह है, भविष्य में आपको बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है।

चरित्र निर्माण करें (Charitra nirman karen)

जब आप किसी विफलता का सामना करते हैं, तो आपको पता चलता कि इस काम को करने के और भी तरीके हो सकते हैं। आप हमेशा सही नहीं हो सकते। इस बात का अहसास आपके खुद का आत्म-निरीक्षण करने और आपकी मौजूदा क्षमता को पहचानने में सहायता कर सकता है। असफलता धैर्य, खुलापन और किसी टेंशन वाली स्थिति से निपटने की क्षमता जैसे सबक के ज़रिए आपके चरित्र निर्माण में भी मदद कर सकता है। अपनी पुस्तक ‘द रोड टू कैरेक्टर’ के लेखक डैविड ब्रूक्स कहते हैं कि हम लोग ऐसे कल्चर के बीच रहते हैं, जो हमें खुद को प्रमोट करने और प्रचारित करने की सीख देती है। साथ ही सफलता के लिए ज़रूरी स्किल में दक्ष बनना सिखाती है। इससे विनम्रता, सहानुभूति और खुद से सामना करने के लिए थोड़ा बढ़ावा मिलता है। ये सारी चीज़ें एक अच्छे कैरेक्टर बिल्डअप के लिए बहुत ज़रूरी हैं।

विनम्र बनना सीखें (Vinamra banna sikhen)

जब आप सफलता बहुत ही आसानी से या बहुत बार हासिल कर लेते हैं, तो खुद को आप अजेय समझने लगते हैं। इससे आपके अंदर अहंकार का भाव आ सकता है। वहीं, दूसरी ओर जब आप असफल होते हैं, तो वह जीवन का सीख बनता है कि चीज़ें कभी भी गलत हो सकती हैं। यह सोच आपको विनम्र बनाए रखता है और आपको खुद को और दूसरों का सम्मान करने का सबक देता है। जब आप अपनी क्षमता से भली-भांति परिचित हो जाते हैं, तब अपने भीतर सुधार करने के तरीकों की तलाश करते हैं। रिसर्च के मुताबिक, इनक्लूसिव वर्कस्पेस बनाने के लिए विनम्रता सबसे प्रमुख कारकों में से एक है। असफलता विनम्रता को बढ़ावा देती है, जो न सिर्फ लीडरशिप के लिए, बल्कि सेल्फ डेवलपमेंट के लिए बहुत ज़रूरी है।

प्राथमिकता तय करें (Prathmikta tay karen)

जीवन में असफल होने पर हमें एक महत्वपूर्ण सबक मिलती है कि जरूरी नहीं कि हर आइडिया आपके समय और प्रयास के अनुरूप हो। अक्सर, आप अपने एक्सक्यूशन से फेल नहीं होते, बल्कि कभी-कभी अपने उस आइडिया से भी असफल हो जाते हैं, जो लायक नहीं थी। जब आप असफल होते हैं, तो उसके अनुभव से आप आइडिया को बेहतर तरीके से फिल्टर करना सीखते हैं। इसके बाद ऐसे लक्ष्य तय करते हैं, जो आपके लिए महत्वपूर्ण हों। असफलता से सीख मिलती है कि आपको उन चीजों को प्राथमिकता देना और आगे बढ़ाना है, जो लंबे समय में आपको लाभ पहुंचा सकती है।

सुधार के लिए जगह बनाएं (Sudhar ke liye jagah banayen)

यदि आप लाइफ में आगे बढ़ना चाहते हैं तो एक बेहतर तरीका यह है कि आप अपनी असफलता से सीख लें। कोशिश करें कि उस सीख को आगे आने वाली चुनौतियों पर अप्लाई करें। जब भी आपको कभी असफलता मिले, तो खुद से इसका कारण जानने का प्रयास करें। इसके लिए आप खुद से लगातार सवाल करते रहें, जब तक कि आपको आपका जवाब नहीं मिल जाता। इस प्रक्रिया को करने से सुधार के क्षेत्र में स्पष्टता हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे आप अपने एप्रोच का अच्छी तरह से मूल्यांकन कर सकेंगे। साथ ही जीवन की सीख लें कि आप अलग क्या कर सकते हैं।

कभी हार मानें (Kabhi har na manen)

ज़िंदगी एक खेल की तरहहोती है। इसमें कुछ लोग जीतते हैं, तो कुछ लोग हार जाते हैं। लेकिन सबसे अहम है कि आप इस खेल को खेलते रहें। हालांकि, अगर आप इस खेल को खेलने के लिए तैयार नहीं हैं, तो असफलता की पीड़ा आपके मनोबल को गिरा सकती है। यही कारण है कि जब आप किसी चुनौती का सामना करते हैं, तो आप उसे अपने कदमों के नीचे ला पाते हैं और आगे बढ़ा सकते हैं। उद्यमी और अरबपति जैक मा स्कूल और विश्वविद्यालय में कई परीक्षाओं में असफल रहे। एक समय था जब उन्हें केएफसी में नौकरी तक नहीं मिली। वर्ष 2017 में यूनिवर्सिटी ऑफ नैरोबी में आयोजित एक कार्यक्रम में जैक मा ने कहा था कि ‘आपको असफलता के लिए हमेशा आदी बनना पड़ेगा। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते, तो आपकी जीत कैसे होगी?’ शुरुआती रिजेक्शन ने उन्हें वैल्यूएबल सबक सिखाया। इसका इस्तेमाल उन्होंने जीवन में सीख की तरह किया और सफलता हासिल की