फ्रेंडशिप डे: रहें शुक्रगुज़ार अपने हर दोस्त के लिए

कालेज खत्म होते-होते सब लोग अपनी ज़िंदगी में ऐसे व्यस्त हुए कि मेरे पास सिर्फ दो दोस्त ही रह गए। उनमें से एक की शादी हो गई और वो अपने परिवार में बिज़ी हो गई। अब मेरी सिर्फ एक दोस्त है, जिससे मेरी रोज़ बात नहीं हो पाती।

मेरे बचपन में बहुत दोस्त थे। बचपन के दोस्त छूटे तो स्कूल में नए दोस्त बन गये। स्कूल खत्म होते ही कालेज में कदम रखा और वहां भी बहुत लोगों से दोस्ती हुई। हालांकि, कालेज खत्म होते-होते सब लोग अपनी ज़िंदगी में ऐसे व्यस्त हुए कि मेरे पास सिर्फ दो दोस्त ही रह गए। उनमें से एक की शादी हो गई और वो अपने परिवार में बिज़ी हो गई। अब मेरी सिर्फ एक दोस्त है, जिससे मेरी रोज़ बात नहीं हो पाती। हम दोनों ही अपने-अपने कामों में बिज़ी रहते हैं, मगर वीकेंड्स पर हम एक-दूसरे से घंटों बात करते हैं। अपनी ज़िंदगी के अपडेट्स देते हैं। हम पिछले 7 सालों से दोस्त हैं। लेकिन, महीनों तक एक-दूसरे से मिल भी नहीं पाते। बावजूद इसके हमारी दोस्ती में कुछ नहीं बदलता।

जैसी एक्साइटमेंट हम में पहले थी, वैसे ही अब भी हम एक-दूसरे को अपनी बातें बताने के लिए एक्साइटेड रहते हैं। कोई बड़ा फैसला लेना हो या कोई खास सलाह हम एक-दूसरे से बात ज़रुर करते हैं। वो मुझे मेरे हर फैसले में सपोर्ट करती है। उसने मेरे जीवन के उन लम्हों में मेरा साथ दिया और मुझे हिम्मत दी, जब मुझे किसी ने नहीं समझा। मेरे बारे में भी उसकी यही राय है। हम एक-दूसरे के शुक्रगुज़ार हैं कि हमारे पास एक-दूसरे का साथ है।

हम एक-दूसरे से बेझिझक हर बात कह पाते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि ये मुझे किसी भी बात के लिए जज नहीं करेगी। मुझे लगता है कि हमारी दोस्ती इतनी गहरी होने का राज़ भी यही है। जब हम किसी से बेझिझक हर बात कह पाते हैं, अपने दिल का हर राज़ बता पाते हैं, उस इंसान पर भरोसा कर पाते हैं, तो वो इंसान हमारे लिए बहुत खास हो जाता है और इसी खास रिश्ते का नाम दोस्ती है।

फ्रेंडशिप डे क्यों है खास? (Importance of friendship day)

हम बहुत से लोगों से मिलते हैं और बातें करते हैं पर वो सब लोग हमारे दोस्त नहीं होते। दोस्ती एक भरोसे का नाम है, जो हम दूसरों पर करते हैं। बिना डरे और बिना झिझके किसी से अपने राज़ कह पाना ही दोस्ती की नींव होती है और उसी विश्वास की नींव पर दोस्ती का आशियाना सालों तक टिका रहता है। अपने उन्हीं दोस्तों को ‘थैंक्यू’ कहने में हम झिझक महसूस करते हैं। इसलिए मित्रता दिवस जैसे खास दिन पर हमारे पास एक ऐसा मौका होता है, जब हम अपने दोस्तों से खुल कर थैंक्यू कह सके। उसके साथ अपनी दोस्ती ऐसे ही बरकरार रखने का वादा कर सके।

इस दिन के खास होने का सबसे बड़ा कारण है यह है कि यह दिन हमें ज़िंदगी में उन लोगों को याद करने का, उनसे आभार जताने का मौका देता है, जो परिवार न होकर भी, हमें परिवार जैसे लगते हैं या फिर कभी-कभी परिवार से भी बढ़कर।

क्यों मनाया जाता है फ्रेंडशिप डे? (Why friendship day is celebrated?)

मित्रता दिवस या फ्रेंडशिप डे मनाने के पीछे दो दोस्तों के प्यार की एक कहानी है, जिसने मित्रता दिवस की शुरुआत की। ऐसा बताया जाता है कि फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1935 में अमेरिका से हुई थी। अगस्त के पहले रविवार को अमेरिकी सरकार ने एक व्यक्ति को मार दिया था। जब उसके दोस्त को इस हादसे के बारे में पता चला तो उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपने दोस्त की याद और गम में आत्महत्या कर ली। उसी दिन से सरकार ने अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया। तब से इस दिन को दोस्ती के नाम सौंप दिया गया है।

2023 में फ्रेंडशिप डे कब है? (Friendship day in 2023)

साल 2023 में फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार यानी 6 अगस्त को है। आप भी अपने दोस्तों के साथ इस साल मित्रता दिवस को खास और यादगार बना सकते हैं।

मित्रता पर सुविचार

इतिहास में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनकी दोस्ती की मिसालें दी जाती हैं। इन नामों में सबसे ज़्यादा सुनाई देने वाला नाम कृष्ण और सुदामा का है। कहते हैं- “दोस्ती ऐसी करो कि मिसाल बन जाए, सिर्फ एक युग में नहीं बल्कि सदियों तक इतिहास बन जाए।”

तो चलिए हम भी अपने दोस्तों को ‘हैप्पी फ्रेंडशिप डे’ कहकर ‘थैंक्यू’ कहें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा से जुड़े रहें।

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