भारत में 30 लाख से ज़्यादा गैर-सरकारी संगठन (NGOs) मौजूद हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं और अपने कामों के ज़रिए सामाज में परिवर्तन ला रहे हैं। एनजीओ या गैर सरकारी संगठन एक ऐसी संस्था होती है, जो बिना किसी सरकारी सहायता के ज़रूरतमंदों की मदद करती है। समाज के कल्याण के लिए काम करती है और जन-सामान्य तक उन चीज़ों को पहुंचाती है, जिनकी उन्हें सच में ज़रूरत है।
भारत में बहुत से ऐसे गैर सरकारी संगठन काम कर रहे हैं, जो मलिन बस्तियों में बसे लोगों को उनके खाने और पहनने के संसाधन उपलब्ध कराते हैं और उसके बदले वो उनसे किसी भी तरह की नकदी नहीं लेते। गैर-सरकारी संगठन सिर्फ लोगों की भलाई के लिए काम करते हैं। भारत में ऐसे भी बहुत से एनजीओ हैं, जो उन बच्चों को बस्तियों में जाकर पढ़ाते हैं, जिनके पास शिक्षा लेने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते।
हमारे समाज को सच में ऐसे एनजीओ की ज़रूरत थी, जो अपने कामों से लोगों की मदद करें और तरक्की से देश की तस्वीर बदलने में मदद मिले।
दुनिया भर में गैर-सरकारी संगठनों के बेहतरीन योगदान के प्रति जागरूकता फैलाने और सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में सामाजिक कार्यकर्त्ताओं के अच्छे कामों का सम्मान करने के लिए, विश्व एनजीओ दिवस की नींव रखी गई है। चलिए आइए आगे जानते हैं विश्व एनजीओ दिवस (World NGO Day) का इतिहास और एनजीओ के काम।
क्या है एनजीओ का इतिहास? (Kya hai NGO ka itihas?)
17 अप्रैल 2010 को ‘IX बाल्टिक-सी एनजीओ फोरम’ के 12 सदस्य देशों ने मिलकर विश्व एनजीओ दिवस को मनाने के लिए हामी भरी और 2012 में फोरम के अंतिम वक्तव्य संकल्प (Statement Resolution) के ज़रिए विश्व एनजीओ दिवस को अपनाया गया। हालांकि, इस दिन को आधिकारिक तौर पर 2010 में मान्यता दी गई थी, लेकिन वर्ष 2014 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने ‘विश्व एनजीओ दिवस’ मनाया।
विश्व एनजीओ दिवस मनाने का मुख्य श्रेय ब्रिटेन के एक सामाजिक उद्यमी ‘मार्सिस लायर्स स्काडमैनिस’ को दिया जाता है, जिन्होंने वर्ष 2014 में ‘विश्व एनजीओ दिवस’ का उद्घाटन किया था। तब से लेकर आज तक हर साल इस दिन को विश्व स्तर पर मौजूद सभी एनजीओ के सम्मान में मनाया जाता है।
क्या होता है एनजीओ का काम? (Kya hota hai NGO ka kaam?)
गैर-सरकारी संगठन मुख्य रूप से जन कल्याण के लिए बनाई गई संस्थाएं हैं, जो सरकार के कार्यक्रमों में कमियों को दूर करने का प्रयास भी करती है और राज्य की परियोजनाओं का लाभ न ले पाने वाले लोगों को उनके लाभ तक पहुंचाने में भी मदद करती है। जैसे, प्रवासी कामगारों को कोविड-19 संकट में मदद देना। अगर अभी की बात करें तो, भारत ने हाल ही में भी कोरोना का मुकाबला किया है। गैर-लाभकारी संगठनों ने इस वक्त लोगों की खूब मदद की।
इसके अलावा एनजीओ सबसे कमज़ोर समुदायों के लिये टीकाकरण अभियान में भी हिस्सा लेकर, हर व्यक्ति तक टीकाकरण पहुंचा रहे थे। गैर सरकारी संगठन गरीबी, जल, पर्यावरण, महिला अधिकार, बाल शिक्षा और साक्षरता से संबंधित मुद्दे पर काम करते हैं।
वे स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आजीविका आदि लगभग सभी क्षेत्र में कार्य करते हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान कई संगठनों ने मुहिम शुरू की है, जो गरीबों की मदद करने के लिए काम करने का दावा करते हैं।
विश्व एनजीओ दिवस कब है? (Vishv NGO Divas kab hai?)
हर साल 27 फरवरी को पूरी दुनिया में विश्व एनजीओ दिवस मनाया जाता है। यह दिन समाज का कल्याण करने वाले लोगों के सम्मान और प्रोत्साहन के लिए मनाया जाता है।
विश्व एनजीओ दिवस क्यों मनाया जाता है? (Vishv NGO Divas kyun manaya jata hai?)
विश्व एनजीओ दिवस लोगों को एनजीओ क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। विश्व एनजीओ दिवस मनाने का मकसद हर व्यक्ति को एनजीओ का महत्व और उनके द्वारा किए गए कामों को प्रोत्साहित करना है।
विश्व एनजीओ दिवस पर बहुत से एनजीओ एक साथ मिलते हैं, जिससे दुनिया भर के गैर-सरकारी संगठनों अपने ज्ञान और अनुभवों को एक-दूसरे के साथ साझा कर पाते हैं।
विश्व एनजीओ दिवस सामान्य लोगों की शिक्षित करने का एक मौका है ताकि वे जान सकें कि एनजीओ स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाज के लिए क्या कर रहे हैं? इसके अतिरिक्त, सभी क्षेत्रों के गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए विश्व एनजीओ दिवस मनाया जाता है। विश्व एनजीओ दिवस का मकसद है कि लोग एनजीओ/गैर-लाभकारी क्षेत्र में करियर बनाने के बारे में सोच सकें और गैर सरकारी संगठनों से जुड़े लोगों जो भी काम करते हैं, उन्हें सामान्य लोग जान सकें।
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