माता पिता का वैश्विक दिवस

बचपन में कही पेरेंट्स की ये 5 बातें, बड़े होने पर आती हैं समझ

हम अपने माता-पिता से जीवन के बहुत से अनुभव सीखते हैं और कई बार ऐसा भी होता है कि उनके और हमारे विचार आपस में नहीं मिलते। तब हमें उनकी बातें बुरी लग जाती हैं, पर मां-बाप की कही बहुत सी बातें ऐसी होती हैं, जो उस वक्त हमें चाहे कितनी भी बुरी लगे, पर बाद में हमें एहसास होता है कि मां-पापा सही थे।

हमें इस दुनिया में लाने वाले हमारे माता-पिता होते हैं, जिनकी उंगली पकड़कर हम चलना सीखते हैं। अपना अच्छा-बुरा समझना, रिश्ते निभाना और प्यार करने का गुण भी हम उन्हीं से सीखते हैं। जब तक हम अपने पैरो पर खड़े नहीं होते, तब तक वो हमारी सारी ज़रूरतें बिना कोई शिकायत के पूरी करते हैं। कहते हैं भगवान धरती पर हर जगह नहीं रह सकते, इसलिए उन्होंने हमारी रक्षा करने और हमारा ख्याल रखने के लिए मां-बाप को बनाया है।

हम अपने माता-पिता से जीवन के बहुत से अनुभव सीखते हैं और कई बार ऐसा भी होता है कि उनके और हमारे विचार आपस में नहीं मिलते। तब हमें उनकी बातें बुरी लग जाती हैं, पर मां-बाप की कही बहुत सी बातें ऐसी होती हैं, जो उस वक्त हमें चाहे कितनी भी बुरी लगे, पर बाद में हमें एहसास होता है कि मां-पापा सही थे। उनकी बहुत सी कड़वी बातें हमें जीवन में आगे बढ़ने को प्रेरित कर देती है और बहुत सी बातें ज़िदंगी में न जाने कब काम आ जाती हैं, इसका हमें पता ही नहीं चलता।

तो चलिए इसलिए सोलवेदा साथ मिलकर, माता पिता के वैश्विक दिवस पर, मैं आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में याद दिलाती हूं।

पेरेंट्स डे है मां-बाप को समर्पित (Parents day hai maa-baap ko samarpit)

माता-पिता भगवान का रूप होते हैं। वो हमारी हर ख्वाहिश और इच्छा को हंस कर पूरा कर देते हैं। मां-बाप अपने बच्चे की खातिर सारी दुनिया से लड़ जाते हैं। उनके ऐसे निस्वार्थ प्यार और बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए माता-पिता का वैश्विक दिवस या पैरेंट्स डे (Parents Day) मनाया जाता है। माता-पिता दिवस या माता-पिता का वैश्विक दिवस मुख्य रूप से हमारे पेरेंट्स को समर्पित है, क्योंकि उन्होंने हमें जन्म दिया है। हमारी ज़रूरतें पूरा करके, हमें बड़ा किया है, और हमें हर परिस्थिति का सामना कैसे करना है, ये सिखाया है। उन्हीं से हमने दुनियादारी सीखी है और उन्हीं की सीख से आज हम खुशियों (Happiness) भरा जीवन जी पा रहे हैं। हम पेरेंट्स डे या माता-पिता का वैश्विक दिवस या माता-पिता दिवस (Parents Day) अपने माता-पिता को उनके अटूट प्यार और अपनेपन के लिए, धन्यवाद कहने के लिए मनाते हैं।

कब है माता-पिता का वैश्विक दिवस? (Kab hai Mata Pita ka vaishvik divas?)

माता-पिता की हमारी ज़िंदगी में अहमियत और बलिदान को देखते हुए, युनाइटेड नेशन ने सन् 2012 से हर साल 1 जून को माता-पिता के वैश्विक दिवस मनाने की शुरूआत की। अब हर साल 1 जून को बहुत से देशों के लोग माता-पिता दिवस मनाकर अपने माता-पिता को शुक्रिया कहते हैं।

माता-पिता की कही ये 5 बातें जीवनभर काम आतीं हैं (Mata-pita ki kahi ye 5 baatein  jeevanbhar kaam aatin hain)

मां-बाप से हम बहुत कुछ सीखते हैं। अच्छी आदतें, अच्छा इंसान बनना और अच्छा जीवन जीना हमें मां-पापा ही सिखाते है। मां-बाप से हमारा रिश्ता सिर्फ प्यार भरा नहीं, कभी-कभी खट्टा-मीठा भी होता है। बढ़ती उम्र के साथ बच्चों को अक्सर मां-बाप की सलाह या ज्ञान बुरा लगता है, पर मां-बाप की वही बातें जो हमें बचपन में कड़वी लगती थीं, बड़े होकर समझ आती हैं और वो हमारे लिए एक सीख बन जाती है। तो चलिए माता-पिता के वैश्विक दिवस पर, इन्हीं बातों को जानते हैं।

पैसे पेड़ पर नहीं उगते

हम में से बहुत से लोगों ने अपने पिता या मां के मुंह से ये बात कम से कम एक बार तो सुनी ही होगी। वैसे तो हमारी हर ख्वाहिश पूरी कर देते थे, पर कभी-कभी हमारी गैर-ज़रूरी ज़िद से परेशान होकर, मम्मी-पापा ये बात कह देते थे और हमें उनकी ये बात बहुत बुरी लग जाती थी। पर अब बड़े होकर समझ आता है कि उस वक्त मम्मी-पापा हमें पैसे की अहमियत बताने के लिए ऐसा कहते थे। अब जब हम खुद पैसे कमाने लगे हैं, तब हमें समझ आया है कि सच में पैसे कमाने में बहुत मेहनत लगती है और इन्हें यूं ही फालतू खर्च नहीं करना चाहिए।

जब खुद मां-बाप बनोगे तब समझ आएगा

मां-बाप की कही ये बात जितनी आसान लगती है, उतनी है नहीं। गुस्से में अक्सर मां-बाप ये बात कहा करते हैं और बच्चे या तो इस बात का बुरा मान लेते हैं या सुन कर भूल जाते हैं। पर सच तो ये है कि जब हम खुद अपने मां-बाप की उम्र में पहुंच जाते हैं, तब हमें एहसास होता है कि एक बच्चे को पालना कितना मुश्किल होता है और हमारे मां-बाप कितने सही थे।

वक्त बर्बाद मत करो

हर मां-बाप अपने बच्चे को वक्त बर्बाद न करने की सलाह देते हैं। वो चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़े-लिखे और जल्द से जल्द अपने पैरो पर खड़ा हो जाए। उनकी ये बात अक्सर हमें एक सख्त पेरेंट्स जैसी लगती है, जो बच्चे को हमेशा पढ़ाई-लिखाई करने के लिए दबाव डालते हुए दिखाई देते हैं। पर खेल-कूद के बाद भी हम पढ़ाई को सीरीयस नहीं लेते, और बाद में सही से पढ़ाई-लिखाई न करने का अफसोस हमें सारी उम्र रहता है।

कोई दोस्त हमेशा साथ नहीं देता

हो सकता है आप लोगों में से बहुत से लोगों ने अपने माता-पिता को इस बात को कहते हुए सुना होगा कि “कोई दोस्त हमेशा साथ नहीं देता।” और हो सकता है कि आपको उनकी कही ये बात इतनी बुरी लगी हो कि आप अपने दोस्तों के लिए मां-बाप से लड़ लिए हो। पर उम्र के एक पड़ाव पर जाकर हमें यह एहसास हो जाता है कि मां-पापा सही कहते थे, हर दोस्त हमेशा साथ नहीं रहता। हमारी ज़िंदगी में बहुत से लोग आते हैं और चले जाते हैं।

आज हमारी बात कड़वी लगेगी और कल सही

मां-बाप कोई भी कड़वी बात कहकर, अक्सर इस लाइन को दोहरा देते हैं। वैसे देखा जाए तो इस बात में कुछ ग़लत भी नहीं है। उनकी कही ये बात सौ टका सही है। क्योंकि हम मां-बाप की कड़वी बातों से गुस्सा हो जाते हैं, पर उन कड़वी बातों में कितनी सच्चाई छिपी हुई है, ये तो हमें बाद में ही मालूम होता है।

आर्टिकल पर अपना फीडबैक ज़रूर दें। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

टिप्पणी

टिप्पणी

X

आनंदमय और स्वस्थ जीवन आपसे कुछ ही क्लिक्स दूर है

सकारात्मकता, सुखी जीवन और प्रेरणा के अपने दैनिक फीड के लिए सदस्यता लें।