अतीत की याद और भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान में खुश कैसे रहें?

खुश रहने का एक आसान तरीका यह है कि हम हर दिन के छोटे-छोटे सुखों को पहचानें और उनका स्वागत करें। जब भी अतीत की कोई याद दिमाग में आए या भविष्य की चिंता सताने लगे, तो बस गहरी सांस लें और खुद से की कि यह सब मेरे बस में नहीं है। मेरा बस सिर्फ आज पर है।

वर्तमान में खुश रहना एक कला है, जो सभी को सीखनी चाहिए। अक्सर हम अपने अतीत की गलतियों, बीती घटनाओं या असफलताओं के बारे में सोच-सोचकर परेशान रहते हैं। वहीं, भविष्य की अनिश्चितता और चिंताओं में उलझकर भी हम अपने आज को खो देते हैं। लेकिन, अगर हम अपने आज को पूरी तरह से जीना सीख जाएं, तो जीवन का असली आनंद महसूस कर सकते हैं।

ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि खुश रहने के लिए किसी खास मौके का इंतज़ार करना होगा या कोई बड़ी उपलब्धि हासिल करनी होगी, लेकिन सच तो यह है कि खुशी हमारे छोटे-छोटे पलों में छिपी होती है। ये पल हमें अपने परिवार, दोस्तों के साथ समय बिताने, अपनी पसंदीदा किताब पढ़ने या अपने शौक को समय देने में मिलते हैं।

खुश रहने का एक आसान तरीका यह है कि हम हर दिन के छोटे-छोटे सुखों को पहचानें और उनका स्वागत करें। जब भी अतीत की कोई याद दिमाग में आए या भविष्य की चिंता सताने लगे, तो बस गहरी सांस लें और खुद से कि यह सब मेरे बस में नहीं है। मेरा बस सिर्फ आज पर है। इस विचार को अपनाने से हम अपनी मानसिक शांति को बनाए रख सकते हैं।

तो चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे खुश रहने का सबसे आसान तरीका और राज। साथ ही हम अतीत की याद और भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान में खुश कैसे रहें इसके बारे में बताएंगे।

वर्तमान में खुश रहने का सबसे आसान तरीका (Vartman mein khush rahne ka sabse aasan tarika)

अतीत की याद और भविष्य की चिंता को छोड़कर वर्तमान में खुश रहना मुश्किल तो है, लेकिन अगर हम कुछ आसान उपाय अपनाएं, तो यह मुमकिन हो सकता है। सही मायने में देखा जाए, तो हमारे पास सिर्फ वर्तमान ही है और जब हम इसे पूरी तरह से जीना सीखते हैं, तो खुश रहना बहुत आसान हो जाता है।

कुछ इस तरह रहें वर्तमान में खुश:

माइंडफुलनेस का अभ्यास करें

माइंडफुलनेस का मतलब है कि हम जिस भी काम को कर रहे हैं, उसमें पूरी तरह से डूब जाएं। जब आप खाना खाते हैं या पढ़ते हैं तो उसे पूरे ध्यान से करें। इससे आपका ध्यान अतीत की यादों और भविष्य की चिंता से हटकर वर्तमान पर केंद्रित हो जाएगा। इसे धीरे-धीरे आदत बनाएं। जैसे-जैसे आपका ध्यान अपने वर्तमान कार्य पर रहेगा, वैसे-वैसे आप खुद को ज़्यादा खुश महसूस करेंगे।

छोटे-छोटे पलों का आनंद लें

अक्सर हम सोचते हैं कि खुशी केवल बड़ी उपलब्धियों में ही मिलती है, लेकिन सही तरीके से देखा जाए, तो असली खुशी छोटी-छोटी चीज़ों में भी होती है। जैसे सुबह की धूप, शाम की चाय, बच्चों की हंसी, किसी फूल की खुशबू या किसी के साथ बिताए हुए पल। इन छोटे पलों पर ध्यान दें और उन्हें महसूस करें। जब हम इन छोटी खुशियों का आनंद लेते हैं, तो हमें समझ आता है कि जीवन में सच्चा आनंद इन्हीं पलों में है।

आभार व्यक्त करें

खुश रहने का एक बहुत अच्छा तरीका है कि हम अपने जीवन में मौजूद चीज़ों के लिए आभार व्यक्त करें। परिवार, दोस्त, स्वस्थ शरीर और अन्य चीज़ें जो हमें मिली हैं, उनके लिए दिल से धन्यवाद कहें। जब हम उन चीज़ों के लिए आभारी होते हैं, जो हमारे पास हैं, तो हमारा ध्यान कमियों पर नहीं जाता। हमें संतुष्टि और सुकून महसूस होता है, जो हमें वर्तमान में खुशी से जीने का मौका देता है।

भविष्य की चिंता छोड़ना सीखें

भविष्य की चिंता करना हमारी मानसिकता का एक हिस्सा बन गया है, लेकिन अगर हम सोचें कि हम हर बात को पहले से नियंत्रित नहीं कर सकते, तो यह चिंता अपने आप कम हो जाती है। जीवन में सब कुछ प्लान के हिसाब से नहीं चलता और यह मानकर चलना चाहिए कि जो होना है, वो होकर रहेगा और अच्छा ही होगा। जब हम यह मान लेते हैं, तो वर्तमान में ध्यान लगाना आसान हो जाता है।

पुरानी बातों से सीखें, लेकिन बंधे ना रहें

अतीत का अपना महत्व है और उससे हमें कई सबक मिलते हैं, लेकिन उसमें फंसे रहना सही नहीं। अगर अतीत में कुछ गलत हुआ है, तो उसे बार-बार सोचकर खुद को दुखी करने से बेहतर है कि उससे कुछ सीखें और आगे बढ़ें। अतीत को पीछे छोड़ें और केवल उससे मिले सबक को साथ रखें। इससे आप वर्तमान पर फोकस कर पाएंगे और खुश रह पाएंगे।

सेहत का ध्यान रखें

अच्छी सेहत का सीधा असर हमारे मन पर होता है। योग, व्यायाम और सही खाना से हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है और मन भी शांत होता है। जब शरीर स्वस्थ रहता है, तो चिंता कम होती है और हम हर पल का आनंद ले सकते हैं।

हर दिन कुछ समय खुद के लिए निकालें

हर रोज़ कुछ पल खुद के लिए निकालें, जिसमें आप अपनी पसंद की चीज़ें करें। इससे आपके मन में ताज़गी बनी रहती है। हो सके तो कोई नई हॉबी शुरू करें, जैसे लिखना, पेंटिंग, गार्डनिंग या संगीत सुनना।

इस आर्टिकल में हमने बताने का प्रयास किया कि जीवन में खुश कैसे रहा जा सकता है, वो भी अपने अतीत को पीछे छोड़कर और बिना भविष्य की चिंता किए हुए।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके बताएं। साथ ही जीवन में और ज़्यादा खुशी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।