2022 कैसे बीता हमें पता भी नहीं चला, लेकिन ये बीते कोरोनाकाल से अलग था। क्योंकि इस साल हम खुलकर पहले की तरह बाहर जा सकते थे, ऑफिस जा सकते थे, रेस्टोरेंट में फ्रेंड्स व फैमिली के साथ खानपान का लुत्फ उठा सकते थे। लेकिन, एक बार फिर कोरोना की दस्तक के बीच लोग अलर्ट मोड पर हैं। वहीं बीते दिनों में हमने जो झेला है उससे हमारे थॉट्स, ओपिनियन और हमारी हैबिट्स भी बदली है।
इस बार हमारा कल इस बात पर निर्भर रहेगा कि हम आज क्या कर रहे हैं। ऐसे में 2023 सिर्फ एक और साल नहीं है, बल्कि हमारे जीवन को फिर मज़बूती के साथ पटरी पर लाने का एक अवसर है। पुरानी आदत को रोकने (stop the habit) और आदत बदलने से हम आगे बढ़ने के साथ-साथ बेहतर इंसान बन सकते हैं। यह हम सभी की ज़िंदगी का एक नया अध्याय है।
तो वर्ष 2023 का स्वागत करने का सबसे बेस्ट तरीका कौन-सा होगा? यह सीखकर कि इस वर्ष हमें क्या नहीं करना है। आइए नववर्ष (New Year) में प्रवेश करने के साथ ही हम उन गतिविधियों पर करीब से नज़र डालें, हमें जिन आदत को रोकना है या आदत बदलना है।
दिल की बात न मानने की आदत को रोकना होगा (Dil ki baat na manne ki aadat ko rokna hoga)
जब वर्ष 2022 आने वाला था, तो हम सभी की बड़ी योजनाएं व आकांक्षाएं थी। क्योंकि हम तुरंत ही कोरोना महामारी के प्रकोप से बाहर निकले थे। कोरोना की वजह से हमारी ज़िंदगी काफी हद तक बदल गई थी। लेकिन 2022 के शुरुआत में महामारी के खत्म होने के बाद हमने सामान्य ज़िंदगी जीना शुरू किया। साथ ही कई पुरानी योजनाओं को पूरा किया। लेकिन, सामान्य जीवन जीने के दौरान हमने कई ऐसी आदतें फिर से पाल ली, जिसे हमें बदलने की ज़रुरत है। कोरोना ने हमें इतना डरा दिया था कि हमने दिल से सोचना बंद कर दिया था, लेकिन हमें फिर से दिल से सोचने की ज़रुरत है। इस बार हमें अपने दिल की बात सुनने की ज़रुरत है, ना कि डरने की। हमें ऐसी राह खोजनी होगी जिसपर चलकर जो सपने हमने पूरी नहीं किए थे, उसे पूरा करना होगा। हमें आदत बदलना (aadat rokna) होगा, जो स्किल हम सीखना चाहते थे, जो गोल हम पाना चाहते थे, इन बातों के साथ ही वह अन्य बातें जो हमारे दिल ने सोच रखी थी उस पर अमल कर हम जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करें।
बस अपने काम पर टिके रहने की आदत (Bas apne kaam par tike rahne ki aadat)
महामारी के खत्म होने के बाद हमने 2022 में सबसे ज्यादा काम ही किया। जो थोड़ा वक्त हमारे पास बचा उसमें हमने या तो नेटफ्लिक्स पर विभिन्न शो देखा या फिर दोस्तों के साथ लंबे समय बाद मुलाकात की। ओरेकल के एक अध्ययन के अनुसार, ‘कोविड 19 महामारी ने इतिहास के सबसे स्ट्रेसफुल ईयर (Stressful year) से लोगों का सामना करवाया और इसकी निगेटिविटी ने ग्लोबल वर्कफोर्स के 78 फीसदी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।’
महामारी से पहले जीवन ऐसा नहीं था। काम के साथ-साथ लोगों के अपने खुद के प्रोजेक्ट भी थे, कुछ शौक और दिनचर्याएं थीं, जो उन्हें स्वस्थ और संतुष्ट रखती थी। 2023 में हमें केवल काम से कहीं ज्यादा कुछ और करने की ज़रुरत है। ऐसे में केवल काम से न चिपके रहें, हमें इन आदत को रोकना ज़रूरी है। कुछ ऐसा खोजें जो आपको अपनी ओर आकर्षित करे। कुछ ऐसा जो टाइम और एफर्ट्स के लायक हो। जीवन के प्रति यह नज़रिया हमें अपने जुनून की खोज में सक्षम बना सकता है। क्या पता यही जुनून आपके जीवन का असली मकसद बन जाए।
दूसरों से तुलना करने की आदत को रोकना है ज़रूरी (Dusro se tulna karne ki aadat ko rokna hai jaruri)
तुलना करने की आदत को रोकना ज़रूरी है, क्योंकि इसका जाल गहरा और डरावना हो सकता है। जब आप इसमें फंस जाते हैं, तो वापसी का रास्ता मुश्किल से मिलता है। तुलना करने का मतलब यह है कि आप कभी भी खुद को लेकर कुछ अच्छा महसूस नहीं करते। अधिकांश मामलों में यह निगेटिव इमोशंस (Negative Emotions) पैदा करता है, जिससे आप आत्म-सम्मान में कमी, आक्रोश व कुछ मामलों में डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। यही वजह है कि ऐसी आदतों को रोकना होगा।
हमें खुद से पूछना चाहिए कि क्या तुलना ने कभी हमारी कोई भी मदद की है। यह चीज़ों को बदत्तर बनाती है। अच्छी बात यह है कि कोई भी अपने दृढ़ विश्वास के साथ इन आदत को रोकना सीखे तो तुलना के जाल से फंसने से बच सकता है। जैसे-जैसे 2023 नज़दीक आ रहा है, आइए हम पुरानी आदत को रोकना सीखें व कभी भी किसी से अपनी तुलना न करने का निर्णय लेकर आत्मविश्वास के साथ नए साल की शुरुआत करें।
अपने स्वास्थ्य पर ध्यान न देना (Apne swasthya par dhyan na dena)
अमेरिकन मोटिवेशनल स्पीकर डेनिस वेटली ने एक बार कहा था, ‘टाइम एंड हेल्थ ऐसी दो कीमती संपत्तियां हैं, जिनकी हम तब तक कद्र नहीं करते जब तक कि यह खराब या कमज़ोर नहीं हो जाते’। जीवन एक फूलदान की तरह है, सुंदर लेकिन नाजुक। एक हल्का सा धक्का लगते ही सब कुछ धूल में मिल जाता है। इसलिए हमें अपनी ज़िंदगी को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर सुरक्षित रखना चाहिए।
बुरी आदतों को रोकना होगा (Buri aadaton ko rokna hoga)
हमें अपनी स्वस्थ दिनचर्या और बुरी आदतों को बदलना चाहिए, ताकि हम बीमारियों का मुकाबला कर सकें। हम अपने जीवन को हल्के में नहीं ले सकते हैं, तो आइए सुनिश्चित करें कि 2023 में हम सुरक्षा के उपाए न त्यागें। ऐसा करते हुए नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन खाएं, ढेर सारा पानी पिएं और ध्यान के लिए समय निकालें।
एक समय में एक ही काम करें (Ek samay main ek hi kaam karen)
वर्ष 2023 के शुरुआत में ही हमें काम और पर्सनल लाइफ को लेकर मल्टीटास्किंग अप्रोच जैसी आदत को रोकना होगा। जैसे स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था, एक समय में एक ही काम करें। अपना ध्यान विभिन्न कार्यों के बीच विभाजित न करें। बल्कि एक काम पर फोकस कर उसे मैक्सीमम एफिशियंसी के साथ करें। आपको आश्चर्य होगा कि अपने मन की शांति का त्याग किए बिना आप इस दृष्टिकोण के साथ कितना काम कर सकते हैं।
यह न सोचें कि प्रकृति आपकी जिम्मेदारी नहीं है (Yeh na socho ki prakriti apni jimmedari nahi hai)
वर्ष 2023 हमारे लिए दूसरा मौका है। हमारे पर्यावरण और वन्य जीवन के साथ सामंजस्य बिठाने और धरती को बचाने के उपाय करने का मौका। यह मत सोचो कि एक व्यक्ति क्या कर सकता है। जितना आप सोच सकते हैं उससे कहीं अधिक आपका योगदान मायने रखता है। आपको बुरी आदत को रोकना होगा व आप स्वयंसेवा कर सकते हैं या क्लीन इनिशिएिटव में हिस्सा ले सकते हैं। यदि और कुछ नहीं तो आप अपने घर के कचरे को पहले गीले और सूखे में अलग-अलग कर लें। आदत बदलने से इतनी सरल चीज़ें भी पर्यावरण की रक्षा करने में मदद कर सकती हैं।