संख्या विज्ञान, जिसे अक्सर स्यूडोसाइंस (Pseudoscience) कहा जाता है, दरअसल स्टडी ऑफ नंबर्स और उनका जीवन की घटनाओं के साथ कनेक्शन है। कई लोगों का मानना है कि अंक ज्योतिष (Numerology) से किसी व्यक्ति की विशेषताओं और उसकी व्यक्तित्व (Personality) के बारे में कुछ बताया जा सकता है। एक सिद्धांत (थ्योरी) के अनुसार प्रसिद्ध गणितज्ञ और दार्शनिक पाइथागोरस (Pythagoras) ने कहा था कि इस दुनिया में सभी मानवीय लक्षणों (ट्रेट्स) और घटनाओं (इवेंट्स) को नंबर्स (अंकों) के माध्यम से एक्सप्रेस किया जा सकता है। हालांकि यह बात कही गई है, लेकिन अब भी अंक ज्योतिष के बारे में काफी कुछ अस्पष्ट है।
इस बारे में अधिक एक्सप्लोर करने और पता लगाने के लिए ‘सोलवेदा’ की टीम ने बेंगलुरू की न्यूमरोलॉजिस्ट (अंकशास्त्री) शीला एम. बजाज से बात की।
उनके साथ साक्षात्कार के कुछ अंश :
क्या अंक ज्योतिष की उत्पत्ति किसी विशेष संस्कृति (Culture) में हुई थी?
नहीं, ऐसा नहीं है। लोग अक्सर सोचते हैं कि अंक ज्योतिष हिंदू धर्म (Hinduism) से उत्पन्न हुई। यह सच नहीं है। अंक ज्योतिष के कई सिस्टम्स हैं। जैसे पाइथागोरियन और चैलडीन (Chaldean) आदि। न्यूमरोलॉजी का एक इंडियन सिस्टम (भारतीय प्रणाली) भी है, लेकिन यह हिंदू धर्म से उत्पन्न नहीं हुआ है। वास्तव में इंडियन सिस्टम अपने आप में ज्यादा एक्यूरेट भी नहीं है। इस सिस्टम में एक से लेकर 9 तक के नंबर्स को अंग्रेज़ी वर्णमाला के पहले 9 अक्षरों के अनुरूप माना जाता है। इससे ज्यादा कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। अंक ज्योतिष में हम हिंदू ग्रहों जैसे राहू, केतु और मंगल का उल्लेख करते हैं, लेकिन न्यूमरोलॉजी तो हिंदू धर्म से आती नहीं है। दरअसल इंडियन सिस्टम में आने वाले ग्रह अंक ज्योतिष के वेस्टर्न सिस्टम और जोडिएक (राशि चक्र) के समान ही हैं।
अंक ज्योतिष किसी के जीवन को कैसे प्रभावित करती है?
हर अक्षर की ध्वनि एक निश्चित वायब्रेशन से जुड़ी होती है। हर वायब्रेशन से एक विशेष ग्रह सक्रिय होता है, जो एक विशेष नंबर से जुड़ा होता है। न्यूमरोलॉजी के सहयोग से हम किसी व्यक्ति विशेष के नाम की स्पेलिंग में चेंजकर रेसोनेटिंग वायब्रेशन (गूंजने वाले कंपन) को बदल देते हैं। यह उन ग्रहों को सक्रिय कर देता है जो भाग्य, सफलता और खुशी लाने वाला होता है।
ऐसे कई उदाहरण हैं जहां छोटे से न्यूमरोलॉजिकल चेंज के बाद जीवन में बदलाव आया है। उदाहरण के तौर पर मैंने जिन लोगों को अंक ज्योतिष की सलाह दी है उनमें से कोई व्यक्ति पहले छोटी सी तनख्वाह पर काम कर रहा था, लेकिन अब वह मल्टीपल बिजनेस का मालिक है। एक और व्यक्ति है जिसके पास लंबे समय से नौकरी नहीं थी और नाम में परिवर्तन के 15 दिन के भीतर ही उसकी नौकरी लग गई। जैसा कि आप जानते ही हैं अंक ज्योतिष का उपयोग करने के बाद अनेक फिल्मों, मशहूर हस्तियों और यहां तक कि टेलीविजन शो ने भी बाद में अच्छी सफलता हासिल की।
हम अक्सर बर्थ नंबर और लाइफ पाथ नंबर्स के बारे में सुनते हैं। आप बता सकती हैं कि वे क्या हैं व हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं?
बर्थ नंबर और लाइफ पाथ नंबर अंक ज्योतिष में नंबर्स के दो महत्वपूर्ण सेट होते हैं। बर्थ नंबर या तो आपकी जन्मतिथि का पहला अंक या पहले दो अंकों का योग होता है। उदाहरण के लिए यदि आप महीने की 7 तारीख को पैदा हुए हैं तो आपका 7 नंबर है; यदि आपका जन्म 11 तारीख को हुआ है तो आपका नंबर दो है। दूसरी ओर लाइफ पाथ नंबर आपकी जन्मतिथि के सभी अंकों का योग है। उदाहरण के लिए यदि आप 11-02-1992 को पैदा हुए हैं तो आपका लाइफ पाथ नंबर 7 होगा।
ये नंबर्स किसी व्यक्ति की ऊर्जा (Energy), व्यक्तित्व (Personality) और आदतों (Habits) के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। इन नंबरों के अलावा अन्य ग्रह भी आपके नाम पर राज करते हैं। कभी-कभी दो या 5 ग्रह हो सकते हैं, जो आपके नाम पर शासन करते हैं। आपके लाइफ पाथ नंबर के साथ यह ग्रह आपके व्यक्तित्व, भाग्य और सफलता में योगदान देते हैं। कभी-कभी आपके पास वास्तव में मजबूत बर्थ नंबर या लाइफ पाथ नंबर होता है, लेकिन आपके नाम पर राज करने वाले ग्रह आपके लिए चीज़ों को खराब कर सकते हैं। यहीं पर न्यूमरोलॉजी काम आती है। हालांकि आप अपने बर्थ नंबर और लाइफ पाथ नंबर को खुद कैलकुलेट कर सकते हैं लेकिन न्यूमरोलॉजिस्ट ही आपके नाम को ठीक करने में मदद कर सकता है।
क्या आप हर नंबर से जुड़ी विशेषताओं को विस्तार से बता सकते हैं?
नंबर 1 : ये लोग जन्मजात नेता होते हैं। उन्हें पहचान और प्रसिद्धि मिलती है। वे जिद्दी, दृढ़ निर्णय लेने वाले, मुखर, साहसी और ईमानदार होते हैं। ऐसे लोग ज़िंदादिल और मिलनसार होते हैं।
नंबर 2 : इस नंबर के लोग डॉमिनेटेड होते हैं और मौका मिलने पर डॉमिनेट करने को तैयार रहते हैं। इन लोगों का मूड इलेशन (खुशी) और डिप्रेशन (अवसाद/तनाव) के बीच झूलता रहता है। वे भ्रमित, उदास, संवेदनशील, भावनात्मक, अनिश्चित और सहज होते हैं।
नंबर 3 : वे बिना किसी अपेक्षा के दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार होते हैं। हालांकि वे बाहरी रूप से सख्त लग सकते हैं लेकिन उनका दिल नरम होता है। वे बुद्धिमान, मेहनती, उद्यमी और ईमानदार होते हैं।
नंबर 4 : वे सभी की समस्याओं में फंस जाते हैं। उन्हें अक्सर गलत समझा जाता है और कोई उनकी कद्र नहीं करता। वे सौम्य, प्यार करने वाले, सहायक और कोमल होते हैं। वे बहुत तेज़ दिमाग के और अच्छे कम्युनिकेटर्स होते हैं।
नंबर 5 : ये लोग बॉस मटेरियल होते हैं। वे मायक्रोमैनेज्ड होने या हर बात पर टोका जाना पसंद नहीं करते। वे बुरी तरह हावी होने को तैयार रहते हैं। जोखिम भरी स्थितियों में किस्मत हमेशा उनका साथ देती है। वे व्यक्तिवादी, ज़िद्दी, धौंस जमाने वाले और समस्याओं को अच्छी तरह सुलझाने वाले होते हैं।
नंबर 6 : यह सभी में बहुत भाग्यशाली लोग हैं। वे पैसे, ठाट-बाट, ध्यान और प्यार को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वे ‘ग्लैमर इंडस्ट्री’ के लिए बने होते हैं। वे आकर्षक, प्यार करने वाले और एक आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं।
नंबर 7 : इन्हें अपने करियर में सफलता पाने में कठिनाई होती है। उन्हें बहुत आसानी से गलत समझ लिया जाता है। वे रचनात्मक, इन्ट्यूटिव (सहज ज्ञान युक्त) हो सकते हैं और उनका मन आध्यात्म की तरफ झुकाव रखने वाला होता है।
नंबर 8 : इनकी किस्मत नंबर 4 के समान होती है। उन्हें आखिरी समय में कोई धोखा दे जाता है। कुछ मामलों में नंबर 8 बेहद शक्तिशाली होते हैं लेकिन अनेक मामलों में वे जल्द ही जीवन में पिछड़ भी जाते हैं।
नंबर 9 : बॉर्न फाइटर्स। अर्थात पैदायशी लड़ाके। 9 नंबर वाले ज्ञान देने और हासिल करने वाले होते हैं। वे बहुत संघर्ष से गुज़रते हैं – 4, 7, 8 की तरह नहीं, लेकिन नंबर 9 के लिए कठिनाइयां जीवन का ही एक हिस्सा हैं। उन्हें अपनी ऊर्जा को बड़े कामों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
अंक ज्योतिष में कुछ महत्वपूर्ण नंबर कौन से हैं?
अंक 6 पर वीनस (शुक्र) का राज है जो सफलता, खुशी और धन से जुड़ा है। यानी यह अच्छा जीवन लाता है। नंबर 1 पर सन (सूर्य) का शासन है जो एक न्यूमरोलॉजिकल प्लैनेट है। अंक 3 और 5 सकारात्मक ग्रहों द्वारा शासित हैं। ये दोनों आपके करियर में बहुत मदद करते हैं। संख्या 4, 7 और 8 से शासित लोग आमतौर पर बहुत संघर्ष करते हैं। उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलता है और उनके सहयोगी उनसे आगे निकल जाते हैं।
किन परिस्थितियों में आप अपने ग्राहकों को अंक ज्योतिष की सलाह देती हैं?
मैं उस समय न्यूमरोलॉजी की सलाह लेने को कहती हूं जब किसी व्यक्ति के जीवन में एक ही मुसीबत बार-बार आती है। उदहारण के तौर पर जब कोई व्यक्ति दिल का दौरा आने के बाद फिर दिल के दौरे से गुजर रहा होता है या बार-बार नुकसान या धोखा खाता रहता है। न्यूमरोलॉजी उन स्थितियों के लिए है जब कोई दो और दो को जोड़ नहीं सकता हो।
अंक ज्योतिष का उपयोग करने के बाद लोग कितनी जल्दी अपनी स्थिति में बदलाव देख सकते हैं?
इसका प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग होता है। कुछ के लिए बस थोड़े ही दिन लगते हैं और अन्य के लिए लगभग छह महीने लग सकते हैं। हालांकि अगर कोई संदेह रखने वाला या शक करने वाला है तो उन्हें एक साल तक भी कोई बदलाव नहीं दिख सकता है।