सफलता के 5 खूबसूरत पहलू

अक्सर हम बाहरी दुनिया से अपने रोल निभाते हुए सम्मान पाने की तलाश में रहते हैं। लेकिन, क्या हम कभी अपने मन के अंदर की दुनिया में शांति, आनंद और शक्तियों जैसे गुणों की भरपूरता को देखते हैं?

हम सभी परमात्मा की सुंदर और विशेष रचनाएं हैं जिनका लक्ष्य है; अपने जीवन में ऐसे बेहतरीन कार्य करना जो हमारे और दूसरों के लिए लाभकारी हों; चाहे वो ऑफिस में काम करते समय, बाजार जाते समय, पढ़ाई करते समय, परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत करते समय या फिर अपने शरीर की देखभाल करते समय, हम हमेशा हर बात में सफलता की आशा रखते हैं। इसे हम शारीरिक स्तर पर सफलता मान सकते हैं लेकिन उससे भी जरूरी है मानसिक स्तर पर सफलता, तब कहेंगे; संपूर्ण सफलता। अक्सर हम देखते हैं कि, कई लोगों के लिए ख़ुशी और संतुष्ट रहना ही सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण है लेकिन इसके विपरित, कुछ लोगों के लिए; शिक्षा, करियर और धन संपत्ति की अपार सफलता बहुत मायने रखती है; लेकिन अगर यह सब प्राप्त करके भी खुशी और संतोष नहीं है तो, इसका कोई मतलब नहीं। तो आइए इस संदेश को पढ़ते हुए हुए, सफलता के 5 खूबसूरत पहलुओं के बारे में जानें:

सफलता का अर्थ है; संपूर्णता या भरपूरता। और अक्सर हम बाहरी दुनिया से अपने रोल निभाते हुए सम्मान पाने की तलाश में रहते हैं। लेकिन, क्या हम कभी अपने मन के अंदर की दुनिया में शांति, आनंद और शक्तियों जैसे गुणों की भरपूरता को देखते हैं? कभी-कभी हम जीवन में बहुत कुछ हासिल कर लेते हैं, लेकिन फिर भी उतना संतुष्ट नहीं महसूस करते हैं जितना हमें होना चाहिए। इसके अलावा, आप आमतौर पर ऐसे लोगों से मिलते हैं जो अपने करियर में बहुत अच्छे हैं, लेकिन या तो वे उदास हैं, या फिर दूसरी नौकरी की तलाश में हैं या निराश हैं क्योंकि, उन्हें लोगों द्वारा पद और पोजीशन के दिखावे का सम्मान तो मिला, लेकिन लोगों का सच्चा प्यार और शुभ कामनाएं पाने में वे पीछे रह गए, जिसके कारण वे कभी अंदर से हल्कापन महसूस नहीं कर पाते और जीवन को निश्चिन्तता से नहीं जी पाते हैं। कुछ लोग बाहरी और भौतिक सफलता को पाने के कारण हुए तनाव से शारीरिक रूप से बीमार हो जाते हैं; उच्च रक्तचाप, मधुमेह या फिर पाचन संबंधित समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। इसलिए, आपकी अंदरूनी और बाहरी सफलता के बीच का संतुलन ही आपको लंबे समय तक खुश, स्वस्थ और हल्का रख सकता है।

सफलता का अर्थ अपनी जीवन शैली की क्वालिटी को बढ़ाना भी है। अक्सर हम सभी अपने लिए महंगी कार, महंगे कपड़े आदि खरीदते हैं और इन भौतिक उपलब्धियों के साथ दूसरों के सामने गर्व भी महसूस करते हैं। लेकिन कभी-कभी यह हमारे नेगेटिव संस्कार यानि कि अहंकार की पहचान बन जाता है। क्योंकि आजकल ज्यादातर लोग सफलता को भौतिक संपत्ति, जीवन जीने के तरीकों के आधार से परिभाषित करते हैं और महसूस करते हैं कि, बड़े घर, महंगी कार, महंगे आभूषण का होना ही सच्ची सफलता है, लेकिन क्या हमने कभी अपने अंदर झाँककर देखा है कि, हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं? हम यह नहीं कहते कि, यह सब जरूरी नहीं है; लेकिन अब समय आ गया है कि, हम इन सुख-सुविधाओं के द्वारा अपने जीवन को परिभाषित न करें। आप चाहें तो महंगा मोबाइल फोन खरीदें, लेकिन लोगों को दिखाने के लिए नहीं, क्योंकि यह कोई सफलता का पैमाना नहीं है। बेहतरीन ऑफिस स्पेस का सपना पूरा करें, लेकिन इसे हासिल करने के बाद यह न कहें कि, इतना काफी नहीं है, मुझे और चाहिए। यहीं पर आप गलत हो जाते हैं और आपको एहसास होता है कि, संतुष्टता के बिना सफलता अधूरी है, और संतुष्टता इस सपने से नहीं मापी जा सकती। यदि आप इन सब सपनों के लिए जीवन भर मेहनत करते हैं लेकिन उन्हें हासिल करने के बाद भी संतुष्ट नहीं हो पाते तो, इन सबका क्या फायदा? इसलिए, अपनी जीवन यात्रा में सफलता का आनंद लेने के लिए; लोगों के साथ मिलने का आनंद लें, सुंदर चीजों, जीवन के विभिन्न दृश्यों का आनंद लें, प्रकृति का आनंद लें, परमात्मा के साथ का आनंद लें और स्वयं के लिए आनंद लें और हमेशा खुश रहें।

सफलता का एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है लोगों के साथ खूबसूरत रिश्ते निभाना। रिश्ते जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक हैं; चाहे यह लोगों के साथ हों या फिर परमपिता परमात्मा के साथ। निःसंदेह, परमात्मा के साथ हमारा रिश्ता शाश्वत है, सदा है, जन्म-जन्म का है जबकि और लोगों के साथ हमारे रिश्ते हर जन्म के साथ बदलते रहते हैं। लेकिन सारे ही रिश्ते महत्वपूर्ण होते हैं और जीवन में बहुत मायने रखते हैं। तो, सफलता का अर्थ; आपके जीवन की संतुष्टता वा आनंद इस बात में है कि, आप स्वयं से कहें और महसूस करें कि, आपने अपने सभी रिश्तों को सच्चाई से निभाया है और बदले में सभी से खुशियां प्राप्त की हैं। साथ ही, सफलता का एक और खूबसूरत अर्थ है; जीवन में हर पल परमात्मा को महत्व देना और जो कुछ भी हासिल किया है, उसके लिए उन्हें दिल से धन्यवाद देना।

जीवन में हर कदम पर सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि, हम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लक्ष्यों को प्राप्त करते समय कितने विनम्र और सच्चे रहे? नम्रता सभी गुणों में सबसे बड़ा गुण है, जबकि क्रोध और अहंकार विनम्रता के सबसे बड़े दुश्मन हैं और हमारे प्रति लोगों का नज़रिया नहीं बदलने देते और अपना भी नहीं बनने देते हैं। घमंडी लोगों को कोई भी पसंद नहीं करता और सभी लोग ऐसे लोगों को सहारा देने के बजाय उनसे दूर ही रहते हैं। वे न केवल लोगों द्वारा अपने लिए दुआएं और सम्मान खो देते हैं बल्कि, स्वयं का आत्म-सम्मान भी कहीं खो जाता है। क्या आप जानते हैं कि, अहंकारी लोग ही अंदर से सबसे ज्यादा दुखी होते हैं और वे हमेशा लोगों पर हावी होने की कोशिश करते हैं, और अभिमानवश वे महसूस करते हैं कि – मैं अच्छा दिखता हूं, मैं बुद्धिमान हूं, मैं अमीर हूं, मैं स्मार्ट हूं, मेरा व्यक्तित्व सुंदर है, मुझे जीवन में सारी उपलब्धियां हासिल हैं, मेरे रिश्ते खूबसूरत हैं…लेकिन विनम्रता के साथ-साथ आपकी ईमानदारी और सच्चाई भी आपको सफल बनाती है। कुछ लोग अपने जीवन में बड़े-बड़े मुकाम हासिल करते हैं, लेकिन वहां तक पहुंचने के दौरान उन्होंने कुछ झूठ बोले होते हैं या किसी न किसी तरह की बेईमानी की होती है, जो कि एक झूठी सफलता है।

अंत में, सफलता का मतलब हर कदम पर देना या दातापन का भाव रखना भी है। आपके पास फिजिकल वा नॉन फिजिकल जो कुछ भी अच्छा है – उसे दूसरों को दें जोकि, एक सुंदर गुण है। जिन लोगों में यह गुण होता है वे अच्छे इंसान होने के साथ साथ सही और संपूर्ण रीति से सफल होते हैं। इसलिए, लोगों को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखें, भले ही उनके पास वह न हो, जो आपके पास है। साथ ही लोगों पर हावी होने की बजाय उन्हें प्रभावित करें और सशक्त बनाएं। यहां तक कि, संपत्ति जैसे भौतिक और ज्ञान जैसे गैरभौतिक खजाने को भी लोगों के साथ बांटें। तब ही आप एक सच्चे दाता बन सकेंगे और जीवन में अपनी उपलब्धियों के नकारात्मक प्रभाव से भी अछूते रहेंगे और उन्हें अपनी उन्नति के रूप में लेंगे नाकि उनके ऊपर अपनी स्वामित्व रखेंगे, जो सही मायने में सच्ची सफलता है।