कैंसर रोगियों में आम है डिप्रेशन: कैसे रखें उनका ख्याल?

कैंसर को हराना सच में एक बड़ी जीत है पर इस जीत तक पहुंचने के दौरान का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं होता।

इसमें कोई शक नहीं कि कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, और इसको हराना आसान नहीं है। एक वक्त था जब कैंसर एक लाइलाज बीमारी था और इससे जूझ रहे व्यक्ति का बच पाना मुश्किल होता था। हालांकि, विज्ञान की बढ़ती तरक्की ने आज कैंसर को मात देने के बहुत से तरीके खोज लिए हैं, और बहुत से लोगों ने अपने जीवन में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ाई लड़ी हैं, और उसे हरा कर अपनी सामान्य ज़िंदगी फिर से जीना शुरू भी किया है।

बॉलीवुड में देखें तो ताहिरा कश्यप और सोनाली बेंद्रे जैसी दो बहादुर महिलाएं हमारे सामने जीती जागती मिसाल हैं कि कैंसर को हरा कर, फिर से सामान्य जीवन की शुरुआत की जा सकती है। कैंसर को हराना सच में एक बड़ी जीत है पर इस जीत तक पहुंचने के दौरान का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं होता। कैंसर एक शारीरिक बीमारी है पर इसका सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर होता और इसकी वजह से ही कैंसर में डिप्रेशन होना आम हो गया है। ये डिप्रेशन व्यक्ति को मानसिक रूप से धीरे-धीरे खोखला कर देता है। जिससे उसमें न केवल आत्मविश्वास की कमी हो जाती है बल्कि उन्हें कैंसर से लड़ने में भी मुश्किल होने लगती है। हमारे आस पास अगर कोई व्यक्ति कैंसर से लड़ रहा है तो, हम उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति को समझने की कोशिश करके, उसके डिप्रेशन को कम कर सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कैंसर क्यों होता है? अगर नहीं। तो चलिए जानें कि कैंसर क्यों होता है? और हम कैंसर से होने वाले डिप्रेशन को कैसे ठीक कर सकते हैं।

जानें कैंसर क्यों होता है? (Jaanein, cancer kyun hota hai?)

किसी भी परेशानी को हल करने के लिए, परेशानी की वजह पता होना ज़रूरी है, इसलिए चलिए जानते हैं कि कैंसर क्यों होता है? कैंसर तब होता है जब शरीर की कोशिकाएं कंट्रोल से बाहर होकर तेज़ी से बढ़ने लगती हैं। कोशिकाओं के बढ़ने की बहुत सी वजह हो सकती हैं, जैसे तंबाकू खाना, ज़्यादा शराब पीना, खूब तला-भुना या जंक फूड खाना, और शारीरिक मेहनत की कम करना।

सूरज की तेज किरणें, बढ़ता प्रदूषण, केमिकल्स का इस्तेमाल और रेडिएशन कभी कैंसर की वजह बन सकते हैं। कैंसर आनुवांशिकता से भी होता है, यानी माता या पिता को अगर कैंसर रहा है तो बच्चे को भी कैंसर हो सकता है। कुछ वायरस, जैसे HPV और हेपेटाइटिस बी/सी, भी कैंसर की वजह बनते हैं।

शरीर में अगर कोई भी परेशानी दिखे, तो डॉक्टर को दिखाना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि सही समय पर इलाज से कैंसर को ठीक किया जा सकता है।

कैंसर अलग-अलग तरह का होता है (Cancer alag-alag tarah ka hota hai)

कैंसर क्यों होता है? जानने के बाद कैंसर के प्रकार भी जान लेना चाहिए, क्योंकि कैंसर का अलग अलग प्रकार, शरीर के अलग अलग हिस्सों और कोशिकाओं पर असर करता है: 

कार्सिनोमा

ये कैंसर बहुत आम कैंसर है और शरीर के अंदरूनी अंगों जैसे- फेफड़े, लीवर, पेट, स्तन में शुरू होता है और एक गांठ की तरह बढ़ता है। 

सारकोमा

ये कैंसर हड्डियों, मांसपेशियों या शरीर को जोड़ने वाले हिस्सों में होता है। इस कैंसर में उन हिस्सों में दर्द और शरीर में कमजोरी हो सकती है।

ल्यूकेमिया

इसे ब्लड कैंसर कहते हैं। ये बोन मैरो में शुरू होता है। इस कैंसर के लक्षण हैं थकान, खून बहना और बार-बार बीमार पढ़ना।

लिम्फोमा

ये कैंसर इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं में होता है।

मायलोमा

ये खून की प्लाज्मा कोशिकाओं को कमजोर करता है, जिससे हड्डियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है।

ब्रेन या स्पाइनल कैंसर

ये दिमाग और रीढ़ की कोशिकाओं में होने वाला कैंसर है। इसमें सिरदर्द, चक्कर और चलने-बोलने में दिक्कत होती है।

मेलानोमा

ये स्किन की पिगमेंट कोशिकाओं में होता है। इस कैंसर की वजह से शरीर पर मौजूद तिल या धब्बों में बदलाव नज़र आने लगता है।

जब भी आपको अपने शरीर में कोई भी बदलाव दिखे तो कैंसर की खतरे की पहचान करने डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।

कैंसर में डिप्रेशन होता है आम, ऐसे रखें कैंसर रोगियों का ख्याल (Cancer mein depression hota hai aam, aise rahein cancer rogiyon ka khayal)

कैंसर के मरीजों का ख्याल रखना ज़रूरी है, क्योंकि यह बीमारी उन्हें शारीरिक और मानसिक तरह से कमजोर कर देती है:

भावनात्मक साथ दें

अक्सर मरीजों को अकेलापन और सबसे दूर जाने का डर महसूस हो सकता है, इसलिए उनसे बात करना, भावनाओं को समझना और ये महसूस करना ज़रूरी है कि आप उनके साथ हैं।

सकारात्मक माहौल बनाएं

किसी एक के बीमार होने पर पूरे घर का परेशान होना बनता है पर इस वक्त मरीज को डिप्रेशन में जाने से रोकना ज़रूरी है। इसलिए घर में खुशहाल और शांत माहौल बनाए रखें। हल्का म्यूजिक, हंसी-मजाक और अच्छे विचारों से उन्हें हिम्मत देते रहें।

थोड़ा योग और अच्छा खाना

हम हल्की एक्सरसाइज या योग से बीमार व्यक्ति की मानसिक तनाव कम कर सकते हैं। साथ ही, उन्हें सही और पौष्टिक आहार दें, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Wellbeing) बेहतर बने।

इलाज में साथ रहें

मरीजों को इलाज के दौरान आपका साथ चाहिए। जब वे डॉक्टर के पास जाएं या इलाज करवाएं, तो उनके साथ रहें, इससे उन्हें मानसिक सपोर्ट मिलेगा।

ध्यान करवाये 

मानसिक शांति के लिए मरीज के साथ कुछ देर बैठ कर ध्यान करवाएं। यह उनकी चिंता और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

उम्मीद और उनकी पसंद

उन्हें इलाज से फायदा हो रहा है ऐसी उम्मीद हमेशा दिलाते रहें और उन्हें अपनी पसंदीदा चीज़ें करने का मौका दें, जैसे किताब पढ़ना या फिल्म देखना। हर वक्त उन्हें उनकी बीमारी का एहसास कराने और उससे जुड़ी बातें बार-बार करने से बचें।

इन तरह हम और आप मिलकर कैंसर के मरीजों को मानसिक और शारीरिक रूप से सहारा दे सकते हैं, और उन्हें डिप्रेशन के गहरे अंधेरे से बचा सकते हैं।

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