गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है

बापू के सिखाए 8 पाठ को ज़िंदगी में शामिल करके बनें बेहतर इंसान

महात्मा गांधी ने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए खुद और समाज के लिए कैसे काम किया जा सकता है, इसे पूरा करके दिखाया। इसलिए बापू आज पूरी दुनिया में पूजनीय हैं। उनके सम्मान में आज भी हर कोई अपना सिर झुकाता है।

महात्मा गांधी, जिन्हें हम बापू के नाम से भी जानते हैं और राष्ट्रपिता कह कर भी सम्मानित करते हैं। वे पूरी दुनिया में एक ऐसे शख्सियत थे, जिनकी बातों से मानवता को एक नई दिशा मिली। वो महात्मा गांधी ही थे, जिनकी एक बात पर लाखों लोग कुछ भी कर गुज़रने को तैयार हो जाते थे। उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए सबसे आगे रहकर तो संघर्ष किया ही, साथ ही उन्होंने अपने विचारों से हर किसी को प्रेरणा देने का भी काम किया। सामाजिक बुराइयों या फिर कहें कि समस्या के खिलाफ उनका एक-एक शब्द ने लोगों को मजबूती से लड़ने की ताकत दी।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। पिता का नाम करमचंद गांधी था। वहीं, माता का नाम पुतलीबाई था। 13 साल की उम्र में उनकी शादी कस्तूरबा बाई से हुई थी।

महात्मा गांधी ने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए खुद के लिए और समाज के लिए कैसे काम किया जा सकता है, इसे पूरा करके दिखाया। इसलिए बापू आज पूरी दुनिया में पूजनीय हैं। उनके सम्मान में आज भी हर कोई अपना सिर झुकाता है। ऐसे थे हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी।

वो कहते थे कि आदमी अपने विचारों से निर्मित जीव है। उन्होंने कहा था कि अगर आप चाहते हैं कि दुनिया वैसी दिखे, जैसा आप चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद वह बदलाव लाएं, जैसा आप दुनिया में देखना चाहते हैं।

चलिए सोलवेदा हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको बापू की कौन सी बातों को जीवन में शामिल करके अच्छे और बेहतर इंसान कन सकते हैं। साथ ही हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों दो अक्तूबर को गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है।

गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है? (Gandhi Jayanti kyun manayi jati hai?)

पूरी दुनिया में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। इसी दिन महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। उन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए भारत को आज़ादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

गांधी जी कहा करते थे कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है। इसी के आधार पर एक बेहतर समाज का निर्माण करना है। उनके इस सिद्धांत को पूरी दुनिया ने अपनाया। उनके सादे जीवन, सरलता और समर्पण के साथ ज़िंदगी जीने के सिद्धांत को पूरी दुनिया में माना जाता है। उनके जीवन से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों से लोगों को रूबरू करवाने के लिए ही उनके जन्मदिन पर 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है, जो भारत में एक राष्ट्रीय पर्व है।

बापू के सिखाए 8 पाठ, जिनसे जीवन में ला सकते हैं पॉजिटिव बदलाव (Bapu ke sikhaye 8 path, jinse jivan mein la sakte hain positive badlav)

महात्मा गांधी ने हमेशा लोगों को जीवन जीने से लेकर उसे संवारने के बारे में सिखाया। वो हमेशा लोगों को सही चीज़ों को सही और गलत को गलत बोलने के लिए सिखाते रहें। महात्मा गांधी ने हमेशा मानव कल्याण के बारे में लोगों को बताया और इसे बढ़ाने के लिए सभी को प्रेरित भी किया। चलिए जानते हैं उनके कुछ विचार, जो ज़िंदगी को स्कारात्मकता की ओर ले जाएंगे।

जीवन में अनुशासन है सबसे महत्वपूर्ण

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने जीवन में हमेशा अनुशासन को बहुत महत्व देते थे। उनका मानना था कि अनुशासन में रहकर ही हर चीज़ को पाया जा सकतस है। उनका मानना था कि अनुशासन में रहने वाला इंसान हमेशा दुनिया के लिए अच्छी चीजें करने की क्षमता रखता है और समाज के साथ-साथ खुद के कल्याण के लिए भी कार्य कर सकता है। वो मानते थे कि अनुशासन से जीवन में खुशियां भी बरकरार रहेंगी।

अहिंसा से जीत हासिल की जा सकती है

महात्मा गांधी हिंसा का विरोध करते थे। वो मानते थे कि अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए हर चीज़ को पाया जा सकता है। उन्होनें अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए ही भारज को अंग्रेजों से आज़ादी दिलाई। उनका मानना था कि मानव्व धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। इसलिए समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं हो सकती है। उनका कहना था कि अगर कोई मुश्किल या अनबन है, तो उसे अहिंसा से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए, इससे शांति बनी रहती है।

समाज में बराबरी होनी ज़रूरी है

महात्मा गांधी का मानना था कि समाज में सब बराबर हैं। कोई किसी से बड़ा नहीं है और ना ही कोई छोटा है। वे भेदभाव का विरोध करते थे और चाहते थे कि एक बेहतर समाज बने, जिसमें सब बराबर हो। हमें भी अपने जीवन में बराबरी के महत्व को समझना चाहिए। इससे सामाजिक जीवन में बेहतर इंसान बनने में मदद मिलती है।

सब्र या धैर्य से मिल सकते हैं बड़े लक्ष्य

किसी ने सही कहा है कि सब्र का फल बहुत मीठा होता है। जीवन में बड़े लक्ष्यों को पाने के लिए सब्र करते हुए मेहनत करना चाहिए, तभी आप सफल हो पाएंगे। महात्मा गांधी भी इस बात को मानते थे। वो कहते थे कोई भी चीज़ तभी पाई जा सकती है, जब हम दिल से मेहनत करें और सब्र से इंतज़ार।

सिद्धांत और व्यवहार में समानता जीवन में ज़रूरी है

गांधी जी का मानना था कि जीवन में सफल होने के लिए सिद्धांत और व्यवहार में समानता होना चाहिए। उन्होंने खुद सत्य को सिद्धांत में लाकर और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए अपना पूरा जीवन जिया। उनका कहना था कि सिद्धांत में समानता ही एक इंसान को लक्ष्य तक बिना किसी खामी के पहुंचाता है।

ज्ञान को बांट कर बढ़ाया जा सकता है

महात्मा गांधी का मानना था कि ज्ञान को बांटने से ही वह बढ़ता है। अगर हम ज्ञान नहीं बांटेंगे तो समाज का विकास नहीं हो पाएगा और साथ ही हमारा भी विकास नहीं हो पाएगा। जीवन में सही तरह से आगे बढ़ने और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए ज्ञान बांटना बहुत ज़रूरी है।

खुद पर विश्वास रखकर हम सफल हो सकते हैं

गांधी का मानना था कि किसी भी इंसान का चरित्र और उसका खुद पर विश्वास मजबूत होना चाहिए। इंसान अपनी इसी योग्यता के आधार पर जीवन में सफल हो सकता है।

जीवन में नैतिक रणनीति और पारदर्शिता बनाएं रखें

महात्मा गांधी का हमेशा मानना था कि इंसान को नैतिक रूप से मजबूत होना चाहिए और उसको लेकर जीवन में रणनीति बनाकर ही चलना चाहिए, तभी इंसान सफल हो सकता है। साथ ही उनका मानना था कि जीवन में पारदर्शिता भी होना चाहिए, जिससे लोगों का विश्वास आप पर कायम रह सके।

इस आर्टिकल में हमने आपको महात्मा गांधी की जयंती के बारे में बताया। साथ ही उनके विचारों से क्या सीखा जा सकता है और कैसे जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है, इसके बारे में बताया।

यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट करके बताएं। साथ ही इसी तरह की ज्ञानवर्द्धक जानकारी के लिए पढ़ते रहें सोलवेदा हिंदी।

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