सुखी लोग

ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव में इन 7 तरीकों से सीखें खुश रहना

ज़िंदगी की उलझनों में भी खुशी तलाशना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि हमारी खुशी हमें ऐसी हज़ार उलझनों से निकलने की शक्ति देती है। हमारे उदास और बोझिल ज़िंदगी में खुशियों का तड़का लगाने से ही तो ज़िंदगी आसान लगती है।

ज़िंदगी के दो पहलू हैं। एक अच्छा‌ और दूसरा बुरा। बुरा यानी दुख, तकलीफें, परेशानियां और बहुत सी उलझनें, जिनमें उलझ कर हम ज़िंदगी के दूसरे पहलू, अच्छाई या खुशी को अनदेखा कर देते हैं। असल में ये सिर्फ आपकी या मेरी ही आदत नहीं है, ये तो मानव व्यवहार ही ऐसा है कि हम सफेद कपड़े पर लगे मामूली से काले दाग पर इतना ज़्यादा ध्यान देते हैं कि उसके आगे हमें बाकी की चमकदार सफेदी भी फीकी लगती है। यही ज़िंदगी के साथ होता है। हम सब अपनी तकलीफों का शोक मनाने में इतने जुटे रहते हैं कि खुशियों और आनंद की तरफ़ ध्यान ही नहीं देते।

पर क्या आपको पता है खुशी हमारे लिए कितनी ज़रूरी है? ज़िंदगी की उलझनों में भी खुशी तलाशना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि हमारी खुशी हमें ऐसी हज़ार उलझनों से निकलने की शक्ति देती है। हमारे उदास और बोझिल ज़िंदगी में खुशियों का तड़का लगाने से ही तो ज़िंदगी आसान लगती है। खुशियां मनाना और खुश रहना कितना ज़रूरी है इस बात को समझाने के लिए हर साल हैप्पीनेस हैप्पेंस डे (Happiness Happens Day) नाम से एक दिन मनाया जाता है। तो चलिए हैप्पीनेस हैप्पेंस डे को मनाने के पीछे की वजह को खुलकर समझते हैं, और साथ ही यह भी जानते हैं कि हम ज़िंदगी के उतार-चढ़ावों में भी किन तरीकों से खुश रहना सीख सकते हैं।

हैप्पीनेस हैप्पेंस डे क्या है? (Happiness Happens Day kya hai?)

हैप्पीनेस हैप्पेंस डे या खुशी मनाने का दिन, नाम से ही पता चलता है कि इस दिन को खुश रहने और खुशियां मनाने के लिए बनाया गया है। यह दिन अपनी खुशियां बांटने और दूसरों के जीवन में ढेर सारी खुशियां लाने का दिन है।

नेशनल हैप्पीनेस हैप्पेंस डे पूरे दिन खुशी को प्रोत्साहित करता है। यह दिन हमें उन पलों में भी खुशियां ढूंढने के लिए प्रेरित करता है, जब हम अपनी परेशानियों में उलझ कर हंसना और मुस्कुराना छोड़ देते हैं और जब हम भूल जाते हैं कि हमें हंसते हुए एक खुशियों (Happiness) भरा जीवन जीने की ज़रूरत है। खुशी न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है बल्कि हमें मानसिक तौर पर भी दुरुस्त रहने में मदद करती है।

हैप्पीनेस हैप्पेंस डे की शुरुआत (Happiness Happens Day ki shuruaat)

सीक्रेट सोसाइटी ऑफ हैप्पी पीपल नाम की एक संस्था ने ‘एडमिट यू आर हैप्पी डे’ के नाम से 1999 में एक दिन मनाने की शुरुआत की, जिसे आज हम नेशनल हैप्पीनेस हैप्पेंस डे के नाम से जानते हैं। इस दिन का मकसद खुशी फैलाना और लोगों को जीवन के उज्जवल पक्ष को देखने के लिए प्रेरित करना है। सुखी लोग और हर‌ तरफ खुशहाली ही हैप्पीनेस हैप्पेंस डे का उद्देश्य है, ताकि हम सब अपनी ज़िंदगी की उलझनों को सुलझाकर, खुशियों की तरफ बढ़ सकें।

कब है हैप्पीनेस हैप्पेंस डे? (Kab hai Happiness Happens Day?)

यूं तो खुश रहने का कोई एक दिन नहीं होता है। मगर हर व्यक्ति को खुश रहने के लिए प्रेरित करने के लिए हैप्पीनेस हैप्पेंस डे हर साल 8 अगस्त को मनाया जाता है।

7 तरीकों से सीखें खुश रहना (7 tareekon se seekhein khush rahna)

ज़िंदगी में दुख तकलीफें तो लगी रहेंगी, पर खुश रहना भी बहुत ज़रूरी है। तो चलिए जानते हैं ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव में इन 7 तरीकों से कैसे हम खुश रहना सीख सकते हैं।

वर्तमान में जिएं

हम सब में ही यह आदत होती है कि हम अक्सर आने वाले कल की फिक्र में अपने आज की खुशियां नज़रअंदाज करते रहते हैं, या कभी बीते वक्त के दुखों में फंसे रहते हैं, जबकि हमें आज में जीने की ज़रूरत है। अपना गुज़रा कल और आने वाले भविष्य की चिंता छोड़ कर, आज हम जहां हैं बस वहीं अपनी खुशियां तलाशिये और खुश रहिए।

सीखें दूसरों की खुशी में खुश होना

अगर हम सब ईमानदारी से बताएं तो हमारी ज़िंदगी में कभी न कभी ऐसा पल तो ज़रूर आया होगा, जब हमें दूसरों को खुश देख कर बुरा लगा होगा। खुश लोगों को देखकर हमारी जलन या दुख सिर्फ इसलिए होता है, क्योंकि उस वक्त हम अपनी ज़िंदगी में खुश नहीं होते। पर हम कैसे खुश होंगे जब हमने दूसरों को खुश देख कर अपनी चिंता और तनाव और बढ़ा लिया है? खुशियां एक दूसरे के साथ बांटने से बढ़ती हैं। अपनी खुशियां बांटिए और दूसरों की खुशियों से परेशान होने की बजाय उनकी खुशियों में शामिल होना सीख लीजिए।

सकारात्मकता से जुड़े

कई बार हमारे दुख की असल वजह नकारात्मकता पर कुछ ज़्यादा ही ध्यान देना होता है। हम ज़िंदगी के सकारात्मक पक्षों को अनदेखा करके, सिर्फ नकारात्मकता में जकड़े रहते हैं। हमें खुशी तलाशने की नहीं, सकारात्मकता तलाशने की ज़रूरत है, जिससे खुशियां खुद व खुद हमारे आंगन में चलकर आ जाएंगी।

माफ करना

दूसरों को माफ करना आसान नहीं होता, पर बहुत बार माफ कर देना ही ज़रूरी होता है। माफ करने से हमें ये एहसास होता है कि हमने अपने हाथ में मजबूती से पकड़ी हुई कोई रस्सी छोड़ दी है। हाथ से रस्सी छोड़ने से हमारे हाथ पर लगी चोटें और दर्द कम हो जाता है। तो फिर चलिए आप भी माफ करना सीख कर, अपनी ज़िंदगी में खुशियां ले आइए।

खुद की पहचान

ज़िंदगी में भले ही लाख उतार-चढ़ाव हों, पर जब हम खुद को अच्छे से समझते हैं, तो हर मुश्किल का हल भी खोजना आसान हो जाता है। खुद की जरूरतें पहचान कर, खुद से प्यार करना खुश रहने का एक और तरीका है, जिसे अपनाकर हम हर मुश्किल में भी मुस्कुरा सकते हैं।

खुश रहना है एक आदत

हमने आस-पास कई ऐसे लोगों को देखा होगा, जिनकी ज़िंदगी में चाहे कितनी भी परेशानी आ जाए मगर वो हंसना नहीं भूलते। वहीं कुछ लोग सारे सुख-सुविधाओं के साथ भी दुखी रहते हैं। तो देखा जाए तो खुश रहना एक अच्छी आदत है। ये भले ही हमारे परेशानी का हल न ढूंढ सके मगर परेशानी के लिए वक्त में लड़ने की हिम्मत ज़रुर देती है। इस अच्छी आदत को ज़रूर अपनाएं और देखें ज़िंदगी कैसे गुलज़ार हो जाएगी

खुशी देंगे तो खुशी मिलेगी

कई बार जब हम उदास होते हैं तो हमें लगता है कि हमें कुछ खरीद कर, किसी फैन्सी जगह जाकर या अपनी फेवरेट डिश खाकर खुशी मिलेगी। मगर, हर बार ऐसा नहीं होता है। कई बार हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट दूसरों के चेहरे की मुस्कुराहट देखकर ही आती है। दिल से खुश होने के लिए किसी और को खुश करके देखें। राह चलते किसी डॉग को खाना खिलाएं, किसी गरीब को कुछ दान करें, अनाथालय जाकर अपना जन्मदिन मनाएं, कुल मिलाकर कुछ ऐसा करें जिससे आपसे ज़्यादा दूसरों को खुशी मिलें। जब आपके द्वारा दी गई भेंट उनके चेहरे पर खुशी लेकर आएगी, तब आप जानेंगे दिल से खुश होना किसे कहते हैं।

आप खुद को खुश किस तरह रखते हैं, हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए सोलवेदा हिंदी से जुड़े रहें।

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