दुर्भाग्य दूर करने के उपाय

क्या खुद में बदलाव लाकर अपने भाग्य को बदला जा सकता है?

जब भी हम किसी परेशानी में पड़ जाते हैं और उसका उपाय नहीं खोज पाते तो हम अपने भाग्य को ही दोषी बताने लगते हैं। पर अब भाग्य को और दोष देने से कुछ नहीं होगा, हमें अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलना होगा।

‘मुकद्दर का सिकंदर’ यानी अपने भाग्य को जीतने वाला। ये कहावत जिस व्यक्ति से जीवन से बनी है, क्या आप उसकी कहानी जानते हैं? अगर नहीं तो चलिए मैं बता देती हूं।

मुगल काल का बादशाह सिकंदर लोदी पूरे विश्व पर अपना अधिकार चाहता था। उसने बहुत से साम्राज्यों पर हमले किये और जीत गया, पर एक दिन जब उसने एक ज्योतिषी को अपना हाथ दिखाया तो ज्योतिषी ने सिकंदर से कहा, “तुम सारे विश्व के विजेता नहीं बन सकते, क्योंकि तुम्हारे भाग्य में वो रेखाएं नहीं हैं, जो तुम्हें जीत दिला पाएं।” यह सुनकर सिकंदर को बहुत गुस्सा आया और उसने एक पत्थर से अपनी हथेली पर एक लकीर खींच ली, और बहते हुए खून के साथ शपथ लेते हुए कहा कि वो विजेता बन कर दिखाएगा, क्योंकि अब उसने अपना भाग्य खुद बदल लिया है।

इसके बाद सिकंदर ने खूब शासन किया और बहुत से राज्यों पर‌ अधिकार कर लिया था। तो सिकंदर की ज़िंदगी की इस घटना से आपको क्या समझ आया? मैंने आपको यह घटना सुनाई ताकि आप समझ सकें कि अगर हम कुछ करने की ठान लें और उसमें जी-जान से जुट कर मेहनत करें तो हम अपने भाग्य को भी बदल सकते हैं। इस बात को और भी ढंग से समझने के लिए और अपने भाग्य को तेज करने के उपाय खोजने के लिए, चलिए आगे बात करते हैं।

भाग्य क्या है? (Bhagya kya hai?)

भाग्य को तेज करने के उपाय तो हम तब ढूंढेंगे, जब हमें यह समझ लेंगे कि आखिर भाग्य है क्या? भाग्य, नसीब, तकदीर और किस्मत, ज़िंदगी में घटने वाली घटनाओं का एक क्रम है, जो पहले से ही तय है। ऐसा माना जाता है कि हम सब की ज़िंदगी में होने वाली घटनाएं इस ब्रह्माण्ड में पहले ही तय हो चुकी हैं और हम सब उसी क्रम में जीवन जी रहे हैं। इस विचार को लगभग हर वर्ग और धर्म का व्यक्ति मानता है।

अगर हिन्दू धर्म की बात करें तो अपने भाग्य को जानने के लिए लोग ज्योतिषियों को कभी अपने हाथों की लकीरें दिखाते हैं, तो कभी अपनी कुंडलियां दिखाते हैं। हमारी लकीरों और जन्म की तारीखों के आधार पर न्यूमेरोलॉजिस्ट हमें हमारे भाग्य में होने वाली घटनाओं के बारे में बताते हैं। मैं यहां यह नहीं कहूंगी कि ऐसा करना गलत है या सही है, पर इस तरह से अपना भाग्य जानने के बाद हम उसी तरीके से ज़िंदगी जीने लग जाते हैं, और अपने भाग्य को बदलने की कोशिश नहीं करते।

पर क्या आप जानते हैं? हम चाहे तो अपनी ज़िंदगी के दुर्भाग्य दूर करने के उपाय खोज सकते हैं, और अपने भाग्य को तेज करने के उपाय पाकर खुशियों (Happiness) भरा जीवन जी सकते हैं। कुछ छोटे से बदलावों को करके हम अपनी किस्मत खुद लिख सकते हैं, और मुकद्दर का सिकंदर बन सकते हैं।

क्या भाग्य को बदला जा सकता है? (Kya bhagya ko badla ja sakta hai?)

अगर मुझसे पूछा जाए कि क्या हम अपने भाग्य को तेज करने के उपाय ढूंढ सकते हैं या अपने भाग्य को बदल सकते हैं? तो मेरा जवाब होगा ‘हां!’ हम अपने दुर्भाग्य को दूर कर सकते हैं। जब भी हम किसी परेशानी में पड़ जाते हैं और उसका उपाय नहीं खोज पाते तो हम अपने भाग्य को ही दोषी बताने लगते हैं। पर अब भाग्य को और दोष देने से कुछ नहीं होगा, हमें अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलना होगा। तो चलिए मैं आपको बताती हूं कि कैसे आप अपने भाग्य को तेज करने के उपाय ढूंढ सकते हैं।

दुर्भाग्य दूर करने के उपाय (How to avoid bad luck?)

कड़ी मेहनत से बदलेगा भाग्य

ज़िंदगी की परेशानियों और मुसीबतों को अक्सर हम अपना दुर्भाग्य कहकर, किस्मत को कोसते रहते हैं, और हर तरफ अपने भाग्य को तेज करने के उपाय खोजते रहते हैं। पर भाग्य को बदलने की पहली शर्त तो मेहनत होती है। मेहनत किए बिना भाग्य तेज करने के उपाय संभव नहीं हैं। जी हां! अगर हमें लगता है कि हमारी तकदीर खराब है या हम कोई चीज़ सिर्फ इसलिए हासिल नहीं कर सकते क्योंकि यह हमारे नसीब में नहीं है, तो उस चीज़ को पाने के लिए एक बार दोबारा मेहनत करके देखिए।

सही दिशा में मेहनत है ज़रूरी

मेहनत कर रहे हैं और फिर भी काम नहीं बन रहा तो मेहनत करने का तरीका बदल कर देखिए। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आकर मेहनत कीजिए। कई बार हमारा भाग्य इसलिए हमारा साथ नहीं दे रहा होता है क्योंकि हम सही दिशा में मेहनत नहीं कर रहें होते हैं। सबसे पहले देखिए कि आप करना क्या चाहते हैं और उस काम में सफलता पाने के लिए सबसे सही तरीका कौन-सा है। हो सकता है आपका चुना हुआ तरीका ज़्यादा मेहनत वाला हो, मगर असल में आपके काम में हार्ड से ज़्यादा स्मार्ट वर्क की ज़रूरत हो।

खुद ढूंढें परेशानी का हल

परेशानियां हैं तो उन परेशानियों की वजह खोजें, और जी-जान से अपने लक्ष्य को हासिल करने में लग जाएं। कई बार हल हमारी आंखों के सामने होता है मगर हम देख नहीं पाते। ऐसे में अपनी आंखें और अपना दिमाग खुला रखिए। ऐसे ही तो हम अपने दुर्भाग्य को दूर कर सकते हैं।

ज़रूरत पड़ने पर खुद को बदलें

मिट्टी अगर ज़िद करेगी कि उसे मिट्टी ही रहना है लेकिन उसे पानी समेटने लायक बनना है तो यह संभव नहीं है। मिट्टी में पानी तभी रुकेगा जब मिट्टी घड़े का रुप लेगी। कई बार हमें लगता है कि हम दुर्भाग्यशाली हैं, मगर इसका कारण यह हो सकता है कि हम खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए जब ज़रूरत पड़े खुद में सकारात्मक बदलाव ज़रूर लाएं।

सीखें अपनी गलतियों से

हमारी गलतियां सबसे अच्छी टीचर होती है। एक ही गलती बार-बार दोहरा कर, किस्मत को कोसने से कुछ हासिल नहीं होगा। हमें अपनी पुरानी गलतियों से सबक लेना होगा और कोशिश जारी रखनी होगी।

अच्छा समय आने में समय लगता है

आप जानते हैं ना, एक दिन में तो किसी पेड़ पर फल नहीं आता, तो फिर तकदीर को बदलने में भी थोड़ा वक्त तो ज़रूर लगेगा। फल की चिंता किए बिना आप अपनी कोशिश करते रहें। जब समय आएगा और आपने सब सही किया होगा तो आपको फल ज़रूर मिलेगा।

ठान लें कि आप ही बदलेंगे अपना भाग्य

खुद को और खुद की गलतियों को स्वीकार करें, और अपनी ज़रूरतों को पहचान लें। अपनी खराब किस्मत के लिए दुखी न हों, अपनी अच्छी किस्मत खुद लिखें क्योंकि खुद पर भरोसा रखकर ही अपने भाग्य को बदला जा सकता है।

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