जादू दिखाना

जादू देखते, दिखाते जादूगर को मिला खोया हुआ परिवार

परिवार की हैप्पी रियूनियन देखकर राजेश गुस्से में तमतमाते हुई अपने कमरे में चले गए और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया।

राजेश ने नौंवी बार पूछा, ‘दीवार पर लगे आईने, ज़रा ये तो बता, दुनिया में सबसे अच्छा जादूगर (Jadugar) कौन है?’। जब-जब उसने यह सवाल पूछा, तो आईने ने यही जवाब दिया, ‘एक 6 साल की लड़की, जिसका नाम तनू है’। यह जवाब सुनकर वह बिल्कुल भी हैरान नहीं था।

राजेश ने एक दिन अचानक ही सड़क किनारे तनू को मुश्किल भरा जादू दिखाते हुए देखा था। वह अपने पूरे जीवन में कुछ ऐसी तरकीबों में महारत हासिल नहीं कर पाया था, जो वह छोटी लड़की आसानी से कर सकती थी। राजेश हर दिन बाज़ार के चौराहे पर जाता व वहां एक बड़े बरगद के पेड़ के पीछे छिपकर चुपचाप उस लड़की को एक के बाद एक अनूठे जादू दिखाते हुए देखता था। हर बाद जादू दिखाने के अंत में भरपूर मनोरंजन देखने के बाद दर्शक, उस छोटी जादूगर को उदारता के साथ पैसे देते थे।

राजेश ने एक हफ्ते तक तनू को जादू दिखाते हुए ध्यान से देखा। वह जो जादू दिखाती थी अब वह राजेश ने भी सीख लिए थे। तनू अपनी बीमार मां के साथ अकेली रहती थी व अपनी मां के इलाज के लिए पैसे जमा करने के लिए सड़क पर जादू का प्रदर्शन करती थी। उसने अपने पिता को कभी नहीं देखा था। ऐसे में तनू अपने पिता को खोजने पर अडिग थी, ताकि वह अपने परिवार को फिर से मिला सके। तनू की विकट परिस्थिति को देख राजेश दुखी हो गया। एक दिन वह एक प्रस्ताव लेकर तनू के पास गया। बेशक, यह प्रस्ताव सशर्त था।

राजेश ने तनू से वादा किया कि वह उसे दुनिया की सबसे छोटी व सबसे अच्छी जादूगर (Magician) बनने में मदद करेगा। इसके लिए उसे राजेश के जादू के महल में आना होगा और जादू दिखाते हुए उसके साथ सब जगह की यात्रा करनी होगी। राजेश ने उसे बताया कि अगर उसने ऐसा किया, तो वह अपनी मां के इलाज के लिए पर्याप्त धन भी जुटा सकेगी। कुछ पल के लिए तनू की आंखें चमकी, लेकिन जल्दी ही उन आंखों में उदासी छा गई। राजेश की शर्त यह थी कि ऐसा करने से पहले तनू को अपनी मां के साथ संबंध तोड़ना होगा। भारी मन से तनू मान गई। उसे आखिरकार अपनी मां के इलाज के लिए ही तो पैसों की ज़रूरत थी।

परिवार की हैप्पी रियूनियन देखकर राजेश गुस्से में तमतमाता हुआ अपने कमरे में चला गया और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया। गुस्से में आकर उसने फिर आईने से पूछा।

इंसानों की बस्ती से अलग बसे महल में तनू को राजेश के एक सहयोगी के रूप में एक दोस्त मिल गया था। वह चालाक मालिक से बिल्कुल अलग था। वह दयालु, सहानुभूति रखने वाला व सुरक्षा देने वाला व्यक्ति था। यानी कि जैसा एक पिता हो सकता है ठीक वैसे ही। अपने दोस्त की राय के अनुसार तनू ने उन्हें अपनाया। राजेश अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने व पैसे और फेम अर्जित करने के लिए उसे एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। तनू को पैसे तो मिलते थे, लेकिन वह मां के प्यार को तरस गई थी।

दूसरी ओर तनू की मां भी अपनी बेटी को लंबे समय तक ना देख पाने के कारण बेचैन हो गई थी। एक सुबह, वह जादू के उस महल की तलाश में निकली जहां उसने सुन रखा था कि उसकी बेटी काम कर रही है। वह महल की ओर पैदल ही निकली। उसने जैसे ही महल के दरवाज़े की घंटी बजाई, वह थकान से लगभग वहीं गिर गई। राजेश के सहयोगी ने दरवाज़ा खोला। उसे देखकर वह ऐसे चिल्लाया जैसे उसने कोई भूत देख लिया हो। वहां, उसके सामने उसकी लंबे समय से खोई पत्नी खड़ी थी, जिसे उसने मरा हुआ मान लिया था। सहायक की चीख सुनकर तनू दौड़ती हुई नीचे आई। वहां अपनी मां को देखकर खुशी के मारे रोने लगी। जब उसकी मां ने वहां पर अपने पति और फिर तनू को देखा, तो उसकी आंखों से आंसू बह निकले। शुरुआती झटके से उबरने के बाद तनू के पिता ने अपनी पत्नी व बेटी को गले से लगा लिया। भावनाओं से भरा वह बुदबुदाया कि वह कितना भाग्यशाली था कि उसे वो दोनों जीवित मिल गए थे।

परिवार की हैप्पी रियूनियन देखकर, राजेश गुस्से में तमतमाता हुआ अपने कमरे में चला गया व दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया। गुस्से में आकर उसने फिर से आईने से पूछा, ‘दीवार पर लगा आईया, ज़रा ये तो बता, दुनिया में सबसे अच्छा जादूगर कौन है?

आईने ने कहा, ‘तुम। तुमने एक परिवार को फिर से जोड़कर उन्हें फिर से खुश कर दिया। एक परिवार को साथ लाने से बड़ा जादू दुनिया में और कोई नहीं है’।

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