सुविधा क्षेत्र , कम्फर्ट जोन

कम्फर्ट जोन से बाहर निकल ग्रोथ जोन में जाने के टिप्स

यूं तो कम्फर्ट जोन में रहना सुखद और आसान है, लेकिन जीवन में सफल होना है, तो ग्रोथ जोन में आपको आना ही पड़ेगा।

एक ही माहौल में रहते-रहते आप उसमें इस कदर ढल जाते हैं कि उससे बाहर आप निकलना ही नहीं चाहते। जीवन के हर पड़ाव पर आपको ये चीज़ देखने को मिलती है। कई बार आप एक नई और अच्छी नौकरी का ऑफर सिर्फ इसलिए ठुकरा देते हैं, क्योंकि आपको इसके लिए किसी दूसरे शहर जाना होगा। आप अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए एक लंबे समय से सोच रहे हैं, लेकिन आप जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। हद तो तब हो जाती है कि जब आप अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं है, लेकिन फिर भी आप नई नौकरी ढूंढने से घबराते हैं। असफल होने का डर आपकी प्रगति में बहुत बड़ी बाधा है, वह आपको सुविधा क्षेत्र (Comfort zone) में रोक कर रखेगा, जहां पर आप हैं। डर आपके लिए बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह आपको सावधान रहने और निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। जिस तरह से शांत समुद्र में कभी भी एक कोई एक अच्छा नाविक या तैराक नहीं बना सकता, वैसे ही आसान रास्ता चुनना आपके अवसरों को खत्म और सफलता के रास्ते को बंद करता है। अगर आप अपने जीवन में कुछ बड़ा और अलग करना चाहते हैं, तो आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना ही होगा।

द सक्सेस प्रिंसिपल्स : हाउ टू गेट फ्रॉम व्हेयर यू आर टू व्हेयर यू वांट टू बी पुस्तक के लेखक जैक कैनफील्ड में लिखते हैं, “लगभग हर वह चीज़ जिसे आप पाने की इच्छा रखते हैं, वे आपके कम्फर्ट जोन से बाहर ही होती है।” याद रखें कि कम्फर्ट जोन में सिर्फ आपकी रोज़मर्रा की जरुरतें पूरी होती हैं, इस जोन में कोई जोखिम और अनिश्चितता नहीं होती है तथा आप कुछ नया करने के लिए भी नहीं सोचते। आप एक ही काम को रोज सीमित तरीके से दोहराते हैं और उनसे बाहर निकल कर कुछ नया ट्राई नहीं करना चाहते। आगे चल कर एक ऐसा वक्त भी आएगा जब आपको ऐसा महसूस होगा कि आपकी ज़िंदगी सुविधा क्षेत्र में थम सी गई है और उसमें कुछ नया, दिलचस्प, रोचक नहीं हो रहा है। इस एहसास से आप दुखी होंगे और अपने कम्फर्ट जोन के कारण जीवन में हो रहे इस बदलाव से नाखुश होंगे।

वैसे तो कम्फर्ट जोन में रहना आसान है पर इतना ज़रूर याद रखिए कि जीवन में सफलता आपकी मेहनत और पक्के इरादे पर निर्भर करती है। इसलिए अगर आप कुछ नया सीखने के लिए अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलने की सोच रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रख कर आप अपनी कम्फर्ट जोन से बाहर निकल सकते हैं।

नया सीखने के लिए रहें हमेशा तैयार (Naya sikhne ke liye rahen hamesha taiyar)

एक ही चीज़ को जब आप रोज अपनी रूटीन का हिस्सा बना लेते हैं और उसमें बदलाव नहीं करना चाहते हैं, इसका सीधा अर्थ है कि आप अपने कम्फर्ट जोन में फंस चुके हैं। यदि आपके अंदर कुछ अलग करने  की ललक है, तो इसका मतलब यह है कि आप इससे निकलना चाहते हैं और कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं। कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए अपनी इच्छाओं और जिज्ञासा को बनाए रखें। ज़रूरी नहीं है कि आप कोई बड़ा कदम उठाए। आप एक छोटे कदम से भी शुरुआत कर सकते हैं, जैसे- नई हेयर स्टाइल से लेकर खाना बनाने तक आपको जो भी अच्छा लगे करने की कोशिश करें। आप कुछ क्रिएटिव करने या किसी प्रोफेशनल कोर्स करने के बारे में सोच सकते हैं। द सेंटर फॉर हेल्दी एजिंग सेंटर एट यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर के एमडी, विलियम जे हॉल के अनुसार, “जब आप कुछ नया सीखने पर जोर देते हैं, तो यह आपकी क्रिएटिविटी स्किल और बुद्धिमत्ता को बढ़ाता है और आपको जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।”

रूटीन में करें छोटे बदलाव (Routine mein karen chhota badlav)

किसी भी आदत को रोजाना दोहराना आसान होता है, इससे आप खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। जैसे कि अगर आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, तो आप कभी भी तैयार होने के लिए समय नहीं निकालते होंगे। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि वर्क फ्रॉम होने के बावजूद आप खुद को समय नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन अगर आप थोड़ा-सा समय निकाल कर सभी चीज़ों को व्यवस्थित करेंगे, तो इससे आपको ही अच्छा लगेगा। यदि आपको टीवी देखने की आदत है, तो आप उसे छोड़ कर गाने सुनें या किताबें पढ़ें। इसी तरह के छोटे बदलाव जीवन में होने वाले बड़े परिवर्तन लाता है, जो सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलने में आपकी मदद करेगा।

अपनी स्किल पर दें ध्यान (Apni skill par den dhyan)

अपने व्यक्तित्व के विकास पर फोकस करें, इसके लिए बेहतर होगा कि आप उन स्किल्स को बारीकी से सीखें। ये स्किल्स आपके व्यक्तित्व को निखार देंगी। पब्लिक स्पीकिंग और किसी अनुभवी के साथ प्रभावी बातचीत आपके स्किल को विकसित होने में मदद करती हैं, जो आगे चलकर आपके व्यक्तित्व विकास के लिए अच्छा होता है। एक अच्छी रूटीन बनाए जैसे रोज पढ़ें, अपने ज्ञान का विकास करें, नई चीज़ों का अवलोकन करें। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाए, जैसे ही वे लक्ष्य पूरे होंगे आप मोटिवेट महसूस करेंगे।

डर के आगे जीत है (Darr ke aage jeet hai)

अक्सर आप सुनते होंगे कि डर के आगे जीत है, दूसरे शब्दों में समझा जाए तो अगर आप डर पर काबू कर लें, तो आप सबकुछ कर सकते हैं। एक सफल और आत्मविश्वासी व्यक्ति बनने के लिए आपको भी अपने जीवन में डर, जोखिम और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ता है। जैसे यदि आपको पब्लिक स्पीकिंग करनी है लेकिन आप लोगों के सामने बोलने से डरते हैं, आप इस डर से रुके नहीं बल्कि इसे ही अपनी प्रेरणा बनाएं। अगर आपने अपने डर पर जीत हासिल कर ली, तो आप जीवन में सबकुछ हासिल कर सकते हैं। जब आप हर डर और मुसीबत का सामना कर पाते हैं तो आप खुद से एक नए तरीके से मिल पाते हैं। इसके साथ ही कई अवसरों के लिए आप आगे भी बढ़ते हैं।

खुद को रोको मत, टोको मत (Khud ko roko mat, Toko mat)

कभी आपको कोई ऐसा अवसर मिले, जिसके बारे में आपने अभी तक सोचा नहीं था। तो इस परिस्थिति में आप अपने अनुभवों के आधार पर फैसले लेते हैं। हालांकि, यह इतना भी गलत नहीं है, लेकिन यह सही भी तब तक ही है जब तक यह आपके अनुभव “मैं” तक सीमित है, जैसे- ‘मैं यह नहीं कर सकता’ या ‘मुझे और वक्त चाहिए’ तो आप सफलता का स्वाद शायद ही चख पाएं। इन सब से ऊपर उठिए। खुद को कम समझना बंद करिए और खुद पर भरोसा रखिए कि आप सब कुछ कर सकते हैं, क्योंकि आप जितना सोचते हैं आप उससे कहीं बेहतर कर सकते हैं।

सकारात्मक सोचें (Sakaratmak sochen)

आजकल शब्द ही सबकुछ हैं, शब्दों से ही हम खुश और दुखी होते हैं। शब्द हमारे आत्मविश्वास का कारण हो सकते हैं। हम सबका विश्वास कहीं ना कहीं सीमित हो जाता है और हमे आगे बढ़ने से रोकता है। सकारात्मक सोच आपके विचार और जागरुकता को बढ़ावा देता है। कुछ सकारात्मक वाक्यों को आप खुद से दोहराते रहें, जैसे- ‘जो मैंने ठान लिया वह मैं पाकर रहूंगा’, ‘मुझे खुद पर भरोसा है’ या ‘मैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा और हाथ से किसी भी अवसर को नहीं जाने दूंगा।’ जब आप खुद से कोई वादा करते हैं और उसे पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं, तो ये आपके जीवन और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस तरह का विचार आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने और सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलने में मदद करता है।

सकारात्मक लोगों के साथ रहें (Sakaratmak logon ke saath rahen)

संगति प्रभावित करती है, यह बात सौ फीसदी सही है। इसलिए सकारात्मक लोगों के साथ रहें। लाइफ कोच और लेखक टोनी रॉबिंस के अनुसार, “जब आप पॉजिटिव लोगों के साथ रहते हैं, तो आप जीवन में अलग ही सकारात्मकता महसूस करेंगे।” यदि आप सकारात्मक लोगों के साथ रहते हैं, तो आप हमेशा कुछ नया कर पाने के लिए प्रेरित होते हैं। क्योंकि सकारात्मक लोगों की बाते भी उनके स्वभाव के जैसी ही होती हैं, आपको उनकी सलाह लेनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।

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