गिरना

अगर मैं गिर पड़ा तो?

उसे उसके दोस्त ‘माउसी’ यानी चूहा कहकर बुलाते थे। वह अपनी कक्षा का दब्बू बच्चा था लेकिन डरपोक। वह अब इसे बदलना चाहता था।

‘कूदो, यार’!

‘तुम यह नहीं कर सकते, कायर!

यह करना तो बहुत आसान है!

एक छलांग लगाओ, माउसी!

सभी उसके पीछे खड़े होकर उसपर चिल्ला रहे थे। वह एक टीले के किनारे खड़ा था। उसने हार्नेस (कवच) भी पहन रखा था। वह अब किसी भी क्षण बंजी जंप करने के लिए तैयार था।

उसे उसके दोस्त ‘माउसी’ यानी चूहा कहकर बुलाते थे। वह अपनी कक्षा का दब्बू बच्चा था लेकिन डरपोक। वह अब इसे बदलना चाहता था। वह जोक, गीक (बोरिंग आदमी) और फ्रीक या इनमें से कुछ भी बनने को तैयार था लेकिन ‘माउसी’ नहीं।

वह हमेशा ही डरता था। आज भी वह पीछे हटना चाहता था। उन्हें बताना चाहता था कि वह एक्रोफोबिक (ऊंचाई से डरने वाला) था। लेकिन वह अब ‘माउसी’ नहीं बने रहना चाहता था।

उसका मन लगातार चिल्ला रहा था। कह रहा था, ‘अगर रस्सी टूट गई तो क्या होगा? अगर मैं गिर पड़ा तो? मेरा सिर उधर उस चट्टान से टकरा जाएगा। अगर मैं गिर पड़ा तो?

एक हाथ ने पीछे से उसका कंधा थपथपाया। वह हाथ वहां खड़े प्रशिक्षकों में से एक का था जो उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे। वह थोड़ा झुके और उसके कान में फुसफुसाए, ‘यह सोचने की बजाय कि अगर मैं गिर पड़ा तो क्या होगा यह सोचो कि अगर मैं उड़ गया तो क्या होगा’।

इतना कहकर प्रशिक्षक एक कदम पीछे हटे और उसे धक्का दे दिया। वह डर से जम गया था, वह गिर रहा था, वह अपने दिल की तेज़ धड़कन सुन सकता था। मैं गिर रहा हूं, मैं गिर रहा हूं।

तभी प्रशिक्षक के शब्द उसके कान में गूंजे।

अगर मैं उड़ने लग जांऊ तो क्या होगा?

उसने अपनी आंखें खोली और अपनी बाहें फैला दी। हवा उसके बालों से होते हुए कानों के पास से गुज़र गई।

वह अपने दोस्तों के बारे में भूल गया। वह बंजी के बारे में भूल गया। वह ‘माउसी’ होने के बारे में भूल गया।

वह उड़ रहा था।

बंजी के अंतिम छोर पर पहुंचते ही उसे एक झटका लगा। ज़मीन से कुछ फीट ऊपर वह हवा में लटका हुआ बहुत उत्साहित था। वह जानता था कि उसकी लाइफ अब पहले जैसी नहीं रहेगी।

वह खुद पर ही मुस्कुराया। वह ‘माउसी’ को मिस करने वाला था।

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