मोटिवेशनल कोट्स

स्वतंत्रता सेनानियों के मोटिवेशनल कोट्स आज भी हैं सार्थक

बात उस समय की है जब एक व्यक्ति की सिर्फ एक आवाज़ पर आवाम उसके पीछे हो लिया करती थी। आज के इस लेख में हम बात कर रहे हैं, स्वतंत्रता सेनानियों वैसे मोटिवेशनल कोट्स के बारे में जो लोगों में देशभक्ति की भावना जगाती थी। आज की पीढ़ी ने भले ही आज़ादी के पहले के संघर्ष को ना देखा हो, लेकिन इनके कोट्स को पढ़कर वो उस समय की स्थिति से रू-ब-रू हो पाएंगे।

भले ही स्वतंत्रता सेनानी आज के दौर में नहीं हैं। लेकिन उनकी कही बात आज के दौर में भी सार्थक है और लोगों के दिलो-दिमाग में ज़िंदा है। ये मोटिवेशनल कोट्स (Motivational Quotes) न केवल लोगों में नई ऊर्जा भरते हैं, बल्कि कुछ कर गुज़रने की ताकत भी देते हैं। देश को आज़ादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों (Freedom Fighter of India) के कोट्स इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, जिससे वर्तमान और आने वाली नौजवान पीढ़ी प्रेरणा लेते रहेगी।

महात्मा गांधी

यूं तो महात्मा गांधी की कही अनेकों बातों पर लोग अमल करते हैं। वहीं उनके सिखाए मार्ग पर चलते हैं। भले ही महात्मा गांधी आज के दौर में नहीं है, लेकिन उनकी विचारधारा व सीख आज भी हमारे बीच जिंदा है। महात्मा गांधी के मोटिवेशनल कोट्स की बात करें, तो उन्होंने कहा था कि “भूल करने में पाप तो है ही, परंतु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।“ उनके इन शब्दों अर्थ खोजें, तो हमें ये पता चलता है कि भूल करना गलत है। लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो भूल न करें, लेकिन भूल करके उसे छिपाना और भी ज्यादा गलत है। हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि इन महापुरुषों के विचारों को जीवन में शामिल करें।

पंडित मदन मोहन मालवीय 

‘सत्यमेव जयते’ पंडित मदन मोहन मालवीय ने कहा था। इन दो शब्द से भारत का हर एक नागरिक वाकिफ है। क्योंकि स्कूल से लेकर सामान्य ज़िंदगी में लोग इन शब्दों का प्रयोग करते हैं। यही वजह है कि आज के दौर में ये शब्द सार्थक हैं। सत्यमेव जयते का अर्थ है कि अंत में जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है। इसलिए लोगों को सच का साथ देना चाहिए। पंडित मदन मोहन मालवीय ने ही काशी विश्व हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। इसके स्थापना के पीछे इनका मकसद यही था कि भारत का युवा अच्छी शिक्षा हासिल कर देश को आगे बढ़ाए, अंग्रेज़ों का डटकर सामना करे।

सरदार वल्लभ भाई पटेल

जब-जब इतिहास के पन्नों को पलटा जाएगा सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम ज़रूर आएगा। स्वतंत्रता सेनानियों की बात करें व इनकी बात न हो, ऐसा हो नहीं सकता। इन्होंने कहा था कि, “मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए”। ये मोटिवेशनल कोट्स आज के समय में भी सार्थक हैं। इंसान की कोशिश यही होनी चाहिए कि जितना संभव हो वो शांत रहे, क्रोध किसी भी समस्या का हल नहीं है।

मोहम्मद इकबाल

आजादी के पहले मोहम्मद इकबाल ने मोटिवेशनल कोट दिया था, सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा। इसका अर्थ है पूरी दुनिया में हमारा हिन्दुस्तान सबसे अच्छी जगह है। जब भी देश की बात आती है, देश की बड़ाई करनी होती है तो हर हिन्दुस्तानी इस नारे का इस्तेमाल करता ही है। मोहम्मद इकबाल की बात करें, तो ये भारत के प्रसिद्ध कवियों में से एक थे। ये उर्दू और फारसी में शायरी किया करते थे। वहीं नेता व दार्शनिक भी थे। इनकी देशभक्तिपूर्ण रचनाएं उस दौर में युवाओं व देशवासियों में जोश भरने का काम करती थी। ये उन स्वतंत्रता सेनानियों में गिने जाते थे, जिनकी देशभक्ति पर लिखी रचनाएं काफी फेमस हुई थी।

पंडित जवाहरलाल नेहरू

आम बोल चाल में हम अक्सर ये बोल जाते हैं, “आराम हराम है”। ये नारा देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया था। ये मोटिवेशनल कोट्स देश की स्वतंत्रता के बाद जवाहरलाल नेहरू ने देशवासियों को दिया था। आराम हराम है के अर्थ की बात करें, तो उन्होंने लोगों को अपने जीवन में आलस नहीं करने की सीख दी थी। बताया था कि आराम करना हमारे लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

पंडित लाल बहादुर शास्त्री

भारत के प्रधानमंत्री रहे पंडित लाल बहादुर शास्त्री ने भी मोटिवेशनल कोट दिया है, “जय जवान, जय किसान”। ये नारा आज भी लोगों में जोश भरता है, इसकी वजह भी है कि देश में लोग सेना और जो हमारे लिए अनाज उपजाते हैं उनकी काफी इज्जत करते हैं। साल 1965 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री ने ये नारा दिया था। इस नारे के जरिए इनके श्रम को सम्मान दिया था। इसे राष्ट्रीय नारा भी कहा जाता है।

समय-समय पर देश के स्वतंत्रता सेनानियों व देश की बड़ी शख्सियतों ने देशवासियों को जागरूक करने के लिए नारे दिए। ये नारे भले ही हमने इतिहास के पन्नों से लिए हैं, लेकिन ये आज के जमाने में भी सार्थक हैं।

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