सपने सच करना

सच होंगे सपने तेरे…

सपने ही तो हैं जो हमारे जीवन को एक उद्देश्य, दिशा और अर्थ देते हैं। हालांकि कभी-कभी संदेह और बहानेबाजी सपनों को पूरा करने के सफर में बाधा बन जाती है। आखिर इस बाधा पर विजय कैसे प्राप्त करें? आइए जानते हैं।

दुनिया में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो कठिन परिस्थितियों और मुसीबतों को मात देकर सफलता प्राप्त करते हैं। एक ऐसा कारोबारी जो दीवालिया था या फिर एक संगीतकार जिसने सैकड़ों बार न सुनी हो। कोई फिल्म अभिनेता (Film Actor) जो लगातार फ्लाप फिल्म देने के बाद फीनिक्स पक्षी जैसा आसमान पर छा गया या फिर किसी चित्रकार को ही ले लीजिए, जिसके पास दो वक्त खाने के लिए पैसे नहीं थे। शायद अब आप समझ रहे होंगे। ऐसे लोग जिनके पास सफलता पाने का कोई ऐसा साधन जिसे हम देखकर अनदेखा कर देते हैं, नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से सफलता का ऐसा परचम लहराया कि यह आम लोगों के लिए सिर्फ सपने जैसा ही था।

हम सबमें कुछ न कुछ खासियत होती है। कुछ लोग लिखना चाहते हैं, कुछ को नृत्य करने का शौक है, कुछ को घर बनाना पसंद है और कुछ बस अपना झोला उठाकर दुनिया घूमने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि हमारी दिनचर्या में हम इतना व्यस्त होते हैं कि हमें अपने सपनों को सच करने का वक्त ही नहीं मिलता। कुछ लोग इसे तकदीर मानकर अपने दिल की भड़ास आए दिन सोशल मीडिया पर और मित्रों के बीच निकालते रहते हैं। पर कुछ लोग अपना सब कुछ दांव पर लगाकर तकदीर के इस शिकंजे से बाहर आने की ताकत रखते हैं।

वह कौन-सी बात है जो अपने सपनों को पूरा करने वालों और अपने सपनों को छोड़ देने वालों को अलग करती है?

मनोवैज्ञानिक और सम्मोहन चिकित्सक तिश्या महिंद्रू शाहानी का मानना है कि ‘लोग अक्सर अपनी सांसारिक इच्छाओं और सपनों के बीच उलझ कर रह जाते हैं। एक स्थाई नौकरी में तुरंत लाभ नज़र आने लगता है, जबकि सपनों को पूरा करने के लिए अनुशासन और धैर्य की आवश्यकता होती है। जिन लोगों में धैर्य नहीं होता वे ऊबाऊ और नीरस नौकरी में फंसकर तत्काल लाभ पा लेते हैं। यह बात उन्हें तत्काल लाभ तो प्रदान करती है, लेकिन लंबी अवधि में उनके सपने कहीं खो जाते हैं।’

इंटरनेट पर सपनों को सच करने को लेकर न जाने कितने ही कोट्स मिल जाएंगे। यह आपको बताते हैं कि सपनों को पूरा कीजिए, बाकी बात बाद में देखी जाएगी। किताबों और फिल्मों की उन कहानियों में ही नायक बड़ी मुश्किलों को मात देता हुआ सफलता अर्जित करता दिखाई देता है। लेकिन हकीकत में सपने सच करना इतना भी आसान नहीं होता और हम निराश होकर खुद को समझाते हुए सपने को सपना ही बने रहने देते हैं। आइए देखते हैं उन संदेहों और बहानों को जिन पर विजयी पाने की ज़रूरत है।

लोग क्या कहेंगे?

इस एक वाक्य ने न जाने कितने सपनों का कत्ल किया है? जब आप खुद के सपनों से ज्यादा दूसरे लोगों की आपके प्रति नजरिए की चिंता करते हैं तो आप खुद ही अपने सपने को पूरा करने से खुद को रोकते हैं। आलोचना से आप इतना डर जाते हैं कि आप कुछ नहीं करते और न ही इस पर चर्चा करना चाहते हैं। आप कुछ करने की बजाय इस बात से डरते हैं कि कोई आपके बारे में क्या सोचेगा।

दूसरों की राय को लेकर आपकी चिंता आपको ऐसा कुछ करने से रोक देगी जो आपके लिए बेहद शानदार हो सकता है। आपको यह समझना होगा कि ये लोग किसी दूसरे ग्रह से आए एलियन नहीं हैं। आपके आसपास के लोगों की भी अपनी समस्या, अपना डर और अपनी इच्छाएं होती हैं। बेहतर होगा आप इनको नज़रअंदाज करें और अपनी ऊर्जा को अपने मनपसंद काम को करने में लगाकर अपने दिल की सुनें।

क्या मुझसे यह हो पाएगा?

खुद की क्षमताओं पर संदेह करना और खुद से सवाल पूछना एक सामान्य बात है, लेकिन इतना भी मत सोचिए कि यह आपके आत्मविश्वास पर हावी होने लगे। यदि आपको अपने ही किसी बिजनेस आइडिया पर शक है, तो इसे शुरू करने से पहले यह ध्यान रखें कि हर व्यक्ति कभी न कभी शुरुआत तो करता ही है और इस दौरान सीखता भी है। जो लोग अपने सपने  सच करते हैं वे लोग मुश्किलों से मुकाबला कर प्रत्येक विफलता से सीख लेते हैं। इसके बाद ही वे चीज़ों को बेहतर करने लगते हैं और भरोसा रखें आप भी बेहतर करने लगेंगे।

मेरे पास इसके लिए टाइम नहीं है

आपको यह बात पता है कि अब आपकी उम्र घट नहीं रही, बल्कि बढ़ रही है। लेकिन आप आज से ज्यादा जवान पहले कभी नहीं थे और न रहेंगे। इसी बात को सोचकर अगर आप यह मान लेंगे कि आप अब अपने सपने को पूरा नहीं कर सकते तो यकीन मानिए आपको कभी भी इसके लिए वक्त नहीं मिलने वाला। आपको शुरुआत करनी ही होगी। हम यह तो जानते हैं कि हर कोई व्यस्त है और यह कहना अब प्रचलित कहावत हो गई है कि ‘मेरे पास टाइम नहीं है’, लेकिन जो लोग सफल हुए उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए ज़िंदगी में समय और जगह बनाई और आगे बढ़कर अपने सपने को पूरा किया। फिर चाहे कॉलेज छोड़ देने के बाद पढ़ाई पूरी करने के लिए नाइट कॉलेज में दाखिला हो या कोई अतिरिक्त नौकरी करके दुनिया घूमने का अपने सपने सच करने की जिद। जिनके भी सपने सच हुए उन्होंने अतिरिक्त मेहनत की, न कि अपना वक्त सप्ताहांत पर फोन खंगालने और टीवी के सामने बर्बाद किया। याद रखें जो भी आप हासिल करना चाहते हैं उसके लिए अतिरिक्त मेहनत ही एकमात्र रास्ता है।

मेरे पास नया क्या है?

अगर विशेष है तो आपका योगदान भी खास ही होगा। आपके जैसे बहुत होंगे, लेकिन उनमें से कोई भी आप नहीं है। भले ही कोई व्यक्ति आपके सपनों की नौकरी में बहुत अच्छा कर रहा होगा, लेकिन आपका योगदान भी तो खास और अलग ज़रूर होगा। हम सबके पास एक ही परिस्थिति के लिए अलग प्रतिभा, कौशल, व्यक्तिगत सोच और दृष्टिकोण होता है। आपको हमेशा कोई ऐसा मिलेगा जो ज़िंदगी में आपसे बेहतर कर रहा है, बेहतर दिख रहा है और उसके पास बेहतर योग्यता है। लेकिन वह व्यक्ति आपके जैसा तो नहीं बन सकता। अपनी क्षमताओं को पहचानकर आगे बढ़ें।

सपने अगर आपके हैं तो उसे पूरा करने की जिम्मेदारी भी आपकी अकेले की ही होगी। यह आपको सुनिश्चित करना है कि सपनों को पूरा करने की राह में किसी और को रोढ़ा न बनने दें। किसी और को आपके दिमाग पर हावी न होने दें। यही वक्त सही हो सकता है या फिर कुछ देर बाद का वक्त ठीक रहे। जो भी वक्त चुनें, आप ही चुनें, ताकि बाद में आपको पछताना न पड़े।

अंतिम फैसला करें। अपने सपने सच करें और उन्हें कभी भी न छोड़ें।

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